पत्रकार मनके ऊंट के सवारी अउ छत्तीसगढ़ म सुलगत जल जंगल जमीन मुद्दा

अंजोर
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​रायपुर मा आयोजित फिल्म विकास निगम के एक कार्यक्रम मा मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ह राजस्थान ले घूम-फिरके आय पत्रकार मन ऊपर चुटकी लेवत बढ़ाई करिन। मुख्यमंत्री ह कहिन कि ये पत्रकार मन बढ़िया घूम-घाम के अउ ऊंट के सवारी करके आए हें। मुख्यमंत्री के ये बात ह कई सवाल खड़े कर दीस हे, काबर कि एक कोति पत्रकार मन ला सैर-सपाटा करवाए जावत हे, त दूसर कोति छत्तीसगढ़ के असल मुद्दा मन ला नजरअंदाज करे के कोसिस होवत हे। साय जी के ये बयान ले अइसन लागत हे मानो सरकार ह गंभीर समस्या मन ले ध्यान भटकाय बर ए पत्रकार मन ला राजस्थान भेजे रहिस।

​अउ बड़े विडंबना ये हे कि जब छत्तीसगढ़ मा जल, जंगल अउ जमीन ला बचाय बर किसान मन ह लड़त हें, तब सत्ता के गलियारा मा हंसी-मजाक होवत हे। अभी के समय मा राजस्थान ला बिजली दे बर छत्तीसगढ़ मा कोयला निकाले के ठेका देदे गे हे। सरगुजा के अलावा दुसर कोती अऊ जिला अंबिकापुर, बस्तर, गरियाबंद, रायगढ़ अउ छुईखदान जइसन इलाका मा स्थिति तनावपूर्ण हे। इहां के किसान अपन अस्तित्व ला बचाय बर सड़क मा हें अउ पुलिस अउ प्रशासन मन ओकर सामने दीवार बन के ठाढ़े हें।

​एक कोति कार्पोरेट जगत अउ शासन तमासा देखत हें, त दूसर कोति किसान मन के आवाज ला दबाए के कोसिस करे जावत हे। अइसन गंभीर बेरा मा पत्रकार मन के भूमिका बहुत बड़का होथे, फेर मुख्यमंत्री के 'ऊंट के सवारी' वाला बयान ह ये संका पैदा कर दे हे कि का ये पत्रकार मन अपन कलम ले छत्तीसगढ़ के माटी अउ किसान मन के अधिकार बर न्याय के आवाज उठा पाहीं? सवाल ये घलो हे कि सरकार ह असल मुद्दा मन मा बात करे के बजाय अइसन सैर-सपाटा ला बढ़ावा काबर देवत हे।

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