रायपुर के हांडीपारा स्थित छत्तीसगढ़ी भवन मा राज्य आंदोलनकारी छसपा कोति ले छत्तीसगढ़ के तीन महान विभूति—पंडित सुंदरलाल शर्मा, त्यागमूर्ति ठाकुर प्यारेलाल सिंह अउ संविधानपुरुष घनश्याम सिंह गुप्ता जी के जयंती के मउका मा एक बड़का गोष्ठी के आयोजन करे गिस। ए गोष्ठी मा विद्वान मन ह ए महापुरुष मन के व्यक्तित्व अउ कृतित्व ऊपर गहिर ले गोठ-बात करिन। कार्यक्रम के मुख्य प्रतिभागी मन मा वरिष्ठ साहित्यकार अउ संस्कृति कर्मी सामिल रहिन, जेमन छत्तीसगढ़ के विकास अउ आजादी के लड़ई मा ए पुरखा मन के योगदान ला सुरता करिन।
गोष्ठी मा डॉ. के.के. अग्रवाल ह कहिन कि पंडित सुंदरलाल शर्मा जी ह अछूतोद्धार अउ समाज ला जगाय बर अपन पूरा जीवन लगा दीन। ओमन कंडेल नहर सत्याग्रह के नेतृत्व करिन अउ समाज मा फैले छुआछूत ला मेटाय बर दलित मन ला मंदिर मा परवेस कराइन। ओमन देस सेवा बर अपन 22 गांव के जमींदारी ला घलो न्योछावर कर दीन। संगे-संग ठाकुर प्यारेलाल सिंह जी ला ओमन मजदूर अउ सहकारिता आंदोलन के पुरोधा बताइन, जेमन शोषित अउ पीड़ित मन बर हमेशा लड़ाई लड़िन।
वरिष्ठ साहित्यकार स्वराज करुण अउ अशोक तिवारी ह ठाकुर प्यारेलाल सिंह जी के योगदान ऊपर परकास डारत कहिन कि ओमन ला छत्तीसगढ़ के शिल्पकार कहे जाथे। ठाकुर साहब ह साल 1950 मा आसाम जाके छत्तीसगढ़ी प्रवासी मजदूर मन ला संगठित करिन अउ ओ मन ला अंग्रेज अउ ठेकेदार मन के सोसन ले आजादी देवाइन। ओमन मजदूर मन के हक बर लगभग 50 दिन तक आसाम मा डेरा डारे रहिन। गोष्ठी मा किसान नेता जीपी चंद्राकर ह आज के समय मा बढ़त सोसन ऊपर चिंता जताइन अउ कहिन कि हम ला अपन इतिहास पुरुष मन के बताय रद्दा मा चल के समाज के जवाबदेही ला समझना चाही।
ए गोष्ठी मा अरविंद मिश्रा, रसिक बिहारी अवधिया, रामेश्वर शर्मा, गोविंद धनकर, संजीव साहू अउ कतको साहित्यकार मन अपन विचार राखिन। ए मउका मा शिवनारायण ताम्रकार, डॉ. श्याम लाल साकार, परसराम तिवारी, मुकेश टिकरिया अउ शहर के कतको गणमान्य नागरिक मन सामिल होइन। कार्यक्रम के संचालन लोकतंत्र सेनानी अउ राज्य आंदोलनकारी जागेश्वर प्रसाद जी ह करिन।

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