बस्तर दशहरा लोकोत्सव : लालबाग मैदान म जनजाति संस्कृति ह मन मोहिस

अंजोर
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बस्तर दशहरा लोकोत्सव : लालबाग मैदान म जनजाति संस्कृति ह मन मोहिस

विश्व परसिध बस्तर दशहरा लोकोत्सव के सांस्कृतिक कार्यक्रम के श्रृंखला म संझा लालबाग मैदान एक यादगार मंच म बदल गिस। ए बड़का सांस्कृतिक संझा म बॉलीवुड संगीत अउ बस्तर के समृद्ध जनजाति परंपरा के बिचित्र संगम देखे ल मिलिस, जेन देखइया ल मंत्रमुग्ध कर दीस। संझा के सबले बड़ा आकर्षण बॉलीवुड के जाने-माने गायक पवनदीप अउ चेतना रिहिन। ये दुनों कलाकार मन ह अपन सुरीली अउ शानदार गायकी ले मंच म समां बांध दीस। संगीत परेम करइया के भारी भीड़ ह दुनों गायक मन के प्रस्तुति  के जमके लुत्फ उठाइस अउ उछाह के संग उंकर संग दीस। अपन सुरीली आवाज के खातिर जाने जाए वाला पवनदीप राजन ह मंच म सिरिफ गायन ही नइ करिन, बल्कि एक संग कई वाद्य यंत्र के कुशल संचालन के तको अद्भुत प्रदर्शन करिन। उंकर हाथ कभू गिटार अउ फेर ड्रम्स म सफाई ले थिरकत दिखे, जेकर ले संगीत के एक मनमोहक समां बंध गे।

कार्यक्रम के शुरुआत स्कूली अउ कॉलेज के पढ़इया लइका के मनमोहक प्रदर्शन ले होइस, जेन मन कला के विविध छटाएँ बिखेर दीस। स्वामी विवेकानंद स्कूल के पढ़इया लइका ह सरस्वती मंगलाचारण ले माहौल ल भक्तिमय बनाया, जबकि बिहू (आसामी), समूह नृत्य (ओड़िआ) अउ वायनाड केरल ट्रायबल डांस जइसे रंगारंग प्रस्तुति बिसेस आकर्षण के केंद्र रहिस।

येकर बाद, बस्तर के सदी जुन्ना जनजाति परंपरा मंच म जीवंत हो उठीस। लोकोत्सव के मंच म लामकेर, बस्तर के कल्लूराम अउ संगी मन ह मिल के मनोरम गेड़ी नृत्य प्रस्तुत करिन, जेन देखइया ल मंत्रमुग्ध कर दीस। पूरा लालबाग मैदान वो समय ताली के गड़गड़ाहट ले गूँज उठिस, जब कलाकार मन ह गेड़ी (बाँस के डंडों) म संतुलन बनात, तेज ताल अउ लय के संग समूह म नृत्य के भावपूर्ण प्रस्तुति दीस। 
उंकर पारंपरिक परिधान, ताकत ले भरे कदम अउ शानदार समन्वय ह देखइया ल बस्तर के माटी अउ संस्कृति ले गहराई ले जोड़ दीस। ए नृत्य ह एक बार फेर साबित कर दिस के बस्तर दशहरा न सिरिफ एक धार्मिक परब हावय, बल्कि ये जनजाति कला अउ लोक संस्कृति ल जीवंत रखे के एक बड़का मंच तको हावय। कल्लूराम अउ उंकर टीम ह अपन कला ले लोकोत्सव के शोभा बढ़ाये अउ बस्तर के सांस्कृतिक विरासत ल एक यादगार पहचान दीस।

दरभा विकासखंड के छिंदावाड़ा ले आए महादेव अउ उंकर संगी मन ह अपन कला के प्रदर्शन करत धुरवा नाच प्रस्तुत करिन। महादेव अउ उंकर समूह ह पारंपरिक पहिनावा म सजे-धजे, ढोल-मांदर के थाप म जेन लय अउ ताल के संग ये नृत्य प्रस्तुत करिन, ओमन देखइया ल मंत्रमुग्ध कर दीस। धुरवा नाच के भंगिमा अउ समूह के शानदार समन्वय ह साबित कर दे के ये समूह अपन पैतृक कला म महारत रखत हावय। उंकर प्रस्तुति ह बस्तर के माटी अउ इहाँ के जनजाति कला के जीवंतता ल मंच म उतार दीस।

कलचा के हायर सेकेंडरी स्कूल के पढ़ईया मन ह अपन शानदार प्रदर्शन ले समां बांध दीस। ये युवा कलाकार मन ह बस्तर के आदिवासी संस्कृति के गौरव ल दर्शात गौर नृत्य प्रस्तुत करिन, जेन देखइया ल मंत्रमुग्ध कर दीस। हजारों के संख्या म मौजूद जनसमूह के बीच, पढ़ईया मन ह पारंपरिक वेशभूषा म सजके ताकत ले भरपूर ताल अउ लय म ये बिचित्र नृत्य प्रस्तुत करिन। बस्तर के माड़िया जनजाति के ये पारंपरिक नृत्य, जेमा नर्तक गौर सींग वाला टोपी पहनत हावयं, शौर्य अउ उछाह के चिन्हारी माने जाथे। पढ़ईया मन के समूह ह अपन प्रस्तुति के बखत गौरवशाली परंपरा ल जीवंत कर दीस।

संगीत अउ प्रेरणा ले भरे शानदार संझा म सक्षम कलेक्टिव बैंड ह अपन जीवंत प्रदर्शन ले हजारों देखइया ल मंत्रमुग्ध कर दीस। दिव्यांग लइका ले मिल के बने ए खास‌ बैंड ह अपन प्रस्तुति ले ये दृढ़ता ले साबित कर दे के प्रतिभा अउ हौसला कोनो तको शारीरिक सीमा के मोहताज नइ होवत हावयं।

सक्षम कलेक्टिव कोनो सामान्य बैंड नइ हावय। ये सक्षम स्कूल के होनहार दिव्यांग लइका के समूह हावय, जेला दंतेवाड़ा जिला प्रशासन अउ गिटारवाला संस्था डहर ले आयोजित बिसेस म्यूजिक वर्कशॉप्स के माध्यम ले तराशे गे हावय। ये लइका ह पहिली अपन कला के प्रदर्शन करत सक्षम कलेक्टिव नाम ले एक म्यूजिक एल्बम तइयार करिन, जेन अब यूट्यूब म मौजूद हावय अउ लाखों लोगन के खातिर प्रेरणा के स्रोत बन चुके हावय।

यूट्यूब म सफलता के बाद, लइका ह अपन आत्मविश्वास ल एक नवा स्तर म ले जात होइस हजारों लोगन के भीड़ के आगू मंच म कदम रखेे हावय। उंकर ये जीवंत प्रदर्शन उंकर अदम्य आत्म-विश्वास अउ कड़ी मेहनत के साफ परमान रिहिस। बैंड के सदस्य मन ह जेन तालमेल अउ ताकत के संग गिटार, कीबोर्ड अउ गायन प्रस्तुत करिन, ओमन देखइया ल खड़े होके ताली बजाये म मजबूर कर दीस।

ये प्रदर्शन न सिरिफ संगीत परेम करइया के खातिर एक यादगार अनुभव रिहिस, बल्कि उन सबो लोगन के खातिर एक सशक्त संदेश तको रिहिस जेन जिनगी म चुनौती के सामना करत हावयं। सक्षम कलेक्टिव ह दिखा दे के जब सहयोग, मउका अउ इच्छा शक्ति मिलत हावय, त असंभव कुछ तको नइ हावय।

बस्तर दशहरा लोकोत्सव के मंच म मंगलवार के दिन ओड़िसी नृत्य के अद्भुत छटा ले सज गे। लालबाग मैदान म चलत रिहिन ए बड़का लोकोत्सव म नृत्यांगना विधि सेनगुप्ता ह अपन प्रभावी ओड़िसी नृत्य के प्रदर्शन करके देखइया के मन मोह लिस। लोकनृत्य अउ संस्कृति के ए महासंगम में, विधि सेनगुप्ता के प्रस्तुति ह कला परेम करइया ल मंत्रमुग्ध कर दीस। उंकर सधे होइस पद संचालन, भावपूर्ण मुद्रा अउ ओड़िसी के पारंपरिक गरिमा ह लालबाग के माहौल ल अउ तको सांस्कृतिक अउ भक्तिमय बना दीस। ए मउका म कमिश्नर डोमन सिंह, पुलिस महानिरीक्षक सुन्दरराज पी., कलेक्टर हरिस एस, सहायक कलेक्टर विपिन दुबे सहित जनप्रतिनिधिगण अउ बड़े संख्या म कला परेम करइया देखइया मौजूद रिहिस।
छत्‍तीसगढ़ी समाचार, अनुवादक- जयंत साहू

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