रायपुर। छत्तीसगढ़ी भाषा म पढ़ई-लिखई के अधिकार अउ छत्तीसगढ़ी ला शिक्षा के माध्यम बनाय के मांग ल लइके एम.ए. छत्तीसगढ़ी छात्र संगठन के बैनर तले एक ऐतिहासिक पदयात्रा के आयोजन राम मंदिर वीआईपी चौक ले रायपुर प्रेस क्लब तक करे गिस। एकर नेतृत्व संगठन के अध्यक्ष रितुराज साहू करिन, अउ पदयात्रा म कई सामाजिक कार्यकर्ता, विद्यार्थी, भाषा प्रेमी मन भाग लेके महतारी भाषा म पढ़ई के हक़ बर जोरदार आवाज उठाइन।
जन-जागरण के प्रतीक बनिस पदयात्रा
पदयात्रा म राज्य आंदोलनकारी जागेश्वर प्रसाद अउ उदयभान चौहान, संजीव साहू जइसन वरिष्ठ जन संग-संग अनेक युवा छात्र-छात्रा, बुद्धिजीवी, अउ साहित्यकार मन शामिल होके छत्तीसगढ़ी के संवैधानिक मान्यता अउ शैक्षणिक उपयोग के समर्थन म गगनभेदी नारा लगाइन। "पढ़ाबो-लिखाबो-गोठियाबो छत्तीसगढ़ी, हरके स्कूल में लागू करे महतारी भाषा म पढ़ाई, जइसन नारा ले राजधानी के सड़क गुंज उठिस।
रितुराज साहू: "महतारी भाषा के बिना विकास अधूरा"
संगठन के अध्यक्ष रितुराज साहू मन कहिन– "छत्तीसगढ़ी भाषा सिरिफ बोलचाल के भाखा नइ, बल्की ये हमर सांस्कृतिक अस्मिता, इतिहास, अउ पहिचान के प्रतीक आय। जब तक हमन अपन महतारी भाषा म पढ़ई-लिखई नइ करबो, त हमन अपन जड़ ले कट जाबो। स्कूल-कॉलेज म छत्तीसगढ़ी म पढ़ाई होय, ए हमर हक़ आय, अउ ये ह संविधान के अनुच्छेद 350A के तहत जरूरी तको आय।"
भाषा के अपमान, आत्मगौरव के सवाल
पदयात्रा म सहभागी लोगन के कहना रहिस के छत्तीसगढ़ राज बनई 24 साल ले ऊपर होगे, फेर घलो छत्तीसगढ़ी ला सरकारी कामकाज अउ शिक्षा म जगा नइ मिल पावत हे। ये बात भाषाई अपमान के रूप म देखे जावत हे। छत्तीसगढ़ी भाषा ह राजभाषा होके भी स्कूल, कॉलेज अउ विश्वविद्यालय म एक वैकल्पिक विषय तक सिमट के रह गे हे। अधिकांश छात्र-छात्रा ला ये भाषा म उच्च शिक्षा के अवसर नइ मिलत हे।
जागेश्वर प्रसाद: "मूल निवासी के भाषा म पढ़ई अधिकार हे"
छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के आंदोलन म सक्रिय भुमिका निभाये जागेश्वर प्रसाद जी कहिन – "हमन राज्य बनाय के लड़ई लड़ेन ताकि अपन भाखा, संस्कृति, अउ हक ला पहिचान मिलय। आज जब छत्तीसगढ़ी ला स्कूल के किताब म नइ पढ़ाय जात हे, त ये हमार बलिदान ला अपमानित करे जइसन बात आय। सरकार ला चाही के तुरंत छत्तीसगढ़ी भाषा म पढ़ई के ठोस नीति बनाय।"
छात्र संगठन के लगातार प्रयास
एम.ए. छत्तीसगढ़ी छात्र संगठन सरलग पाछू कुछ बछर ले छत्तीसगढ़ी भाषा के संवर्धन अउ अधिकार खातिर जन-जागरण अभियान चलात हावय। समय-समय म संगोष्ठी, संगवारी गोठ, सोशल मीडिया कैम्पेन, अउ सांस्कृतिक आयोजन के माध्यम ले इहां के युवा पीढ़ी ला भाषा के महत्व ले परिचित करावत रिथे।
जनसमर्थन अउ सामाजिक सहयोग
पदयात्रा म शहर के बुद्धिजीवी, साहित्यकार, शिक्षक, समाजसेवी अउ पत्रकार मन तको उपस्थित रहिके छात्र संगठन के मांग ला न्यायसंगत बताइन। लोगन से बात ल जोर देके किहिन के– "अगर अपन महतारी भाखा ला स्कूल म नइ पढ़ाय जाही, त नई पीढ़ी अपन भाषा ल बिसार दीही। भाषा ल पढ़ई-लिखई म जोड़ना बहुत जरूरी हे।"
छत्तीसगढ़ी भाषा के समर्थन म एम.ए. छत्तीसगढ़ी छात्र संगठन द्वारा आयोजित पदयात्रा, केवल एक आंदोलन नइ, बल्की ये छत्तीसगढ़ के भाषा अस्मिता अउ सांस्कृतिक अधिकार के रक्षा खातिर उठे आवाज आय। शासन-प्रशासन ला अब ये आवाज ला गंभीरता ले सुनना होही अउ महतारी भाषा के प्रति अपन जिम्मेदारी निभाना होही।
जानबा होवय के हमर अंजोर छत्तीसगढ़ी़ वेबपोर्टल के आखर तको निमगा छत्तीसगढ़ी भाषा म होथे। अंजोर संपादक जयंत साहू ह सरलग 2007 ले इंटरनेट म छत्तीसगढ़ी लिखई करत हावय। भले लोगन मन इंटरनेट में छत्तीसगढ़ी नइ पढ़े लेकिन येकर ले दुनिया म छत्तीसगढ़ी भाषा के धमक बाढि़स, अउ इही उदीम ले ही गूगल के संग सबो एआई सिस्टम मन छत्तीसगढ़ी ल समझत हावय। अंजोर के पूरा टीम कोति ले एम.ए. छत्तीसगढ़ी छात्र संगठन ल जोहार।
सबो पाठक ल जोहार..,
हमर बेवसाइट म ठेठ छत्तीसगढ़ी के बजाए रइपुरिहा भासा के उपयोग करे हाबन, जेकर ल आन मन तको हमर भाखा ल आसानी ले समझ सके...
छत्तीसगढ़ी म समाचार परोसे के ये उदीम कइसे लागिस, अपन बिचार जरूर लिखव।
महतारी भाखा के सम्मान म- पढ़बो, लिखबो, बोलबो अउ बगराबोन छत्तीसगढ़ी।