छत्‍तीसगढ़ी गीत म अब फूहड़ता बर्दाश्त नइ करे जाए, अश्‍लील गाना के होही बायकाट अउ एफआईआर

अंजोर
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छत्‍तीसगढ़ी गीत म अब फूहड़ता बर्दाश्त नइ करे जाए, अश्‍लील गाना के होही बायकाट अउ एफआईआर


छत्‍तीसगढ़ राज ह अपन पारंपरिक लोककला के नाम ले देश दुनिया म जाने जाथे। ये दिशा म हमर सबले बड़का धरोहर आए पद्मविभूषण डॉ. तिजन बाई जी जेन लोककला के सेवा म अपन सरी उमर खता दिस। जेकर प्रतिफल भी उनला मिलिस भारत सरकार कोति ले पद्मश्री, पद्मभूषण अउ पद्मविभूषण से नवाजे गे हावय। डॉ. तिजन बाई दुनिया के कई देश म छत्‍तीसगढ़ी भाषा म महाभारत के कथा के गायन प्रस्तुत करे हावय 'पंडवानी' के माध्‍यम ले। इही क्रम म नाचा के कलाकार मनके तको नाम आथे जेन मन हबीब तनवीर के संग देश-दुनिया म नया थियेटर के माध्‍यम ले छत्‍तीसगढ़ी लोक शैली के ढंका बजाये हावय।

सिरतोन म छत्‍तीसगढ़ी लोककला ल क्षिजित म पहुंचाये के जेन बुता ये कलाकार मन करे हावय ओमन के करनी म पुरा प्रदेश ल गरब होथे। फेर अब कुछ बच्‍छर म छत्‍तीसगढ़ी गीत के नाम म जेन फुहड़ता परोसे जात हावय, सरम लाग जथे देखे अउ सुने म। पहिली कुछ कलाकार मन अइसे गाना बनात रिहिसे, फेर अतेक अति नइ रिहिस। केसेट के जमाना रिहिस, जदा लोगन मन तिर नी पहुंच पात रिहिसे। अब तो सोशल मीडिया अउ इंटरनेट के दौर म गाना रिजीज होते ही बगर जथे। सुनइया म का लइका का सियान, दाई-बहिनी मनके संग सुने लेे अपने फदिहत होथे।

दूअर्थी गीत के बोल अइसे रकम ले बउरे जात हावय जेन ल आम बोलचाल म नी कहे जाए। अउ ये कलाकार मन ओला खुले आम गावत-नाचत हाबे। अइसन मनला कलाकार कहे म तको कलाकार मनके बेइज्‍जती आए। मान मर्यादा के संग खेलाही करत, चार समाज म अपने नाम खराब करत अइसन कलाकार मनके का अपन घर म बने मान गुन होवत होही अइसन गाना ल सुनके। का ओमन अपन घर म बेटी-महतारी मनके आगू अइसने गाना मनला गा सकत होही।

ओ गीत मनके बोल अइसे अइसे रखे जाथे के- आन गीतकार मन कल्‍पना नी करे सकय। अइसे नहीं के सिरिफ छत्‍तीसगढ़ी म होवत हाबे भुलक सबो कोति इहिच हाल हाबे, भोजपुरी ताेे दूअर्थी गीत म भारी ओपर हावय। कम से कम अब छत्‍तीसगढ़ी ल ओ कतार म खड़े करे ले बचाना हावय। 

ए‍क डहर लोगन भाषा अउ माटी के लड़ाई लड़त हेे त दूसर कोति अश्‍लीलता परोस के अवइया पीढ़ी ल गलत रसता म लेगे के उदीम होवत हाबे। अइसन फूहड़ता, अश्लीलता अउ दोहरा अर्थ वाले बोल ले हमर संस्कृति ल दुषित करइया मन उपर ठोस कार्यवाही होना चाहिए। छत्‍तीसगढ़ प्रदेश म कलाकार मनके कई ठी संस्था हावय साहित्‍यकार मनकेे संस्था हवय, अगर सबो मिलजुल के एक सुर म फूहड़ता, अश्लीलता के खिलाफ आवाज उठाही तभे कोनाेे रस्ता निकल पाही। 

अभी के बेरा म सोशल मीडिया म किसन सेन के गीत 'टूरी के बड़े बड़े हे' के भारी विरोधा होवत हाबे। ये कई नाम अउ हाबे। लोगन मन सोशल मीडिया म ओकर खिलाफ बात लिखत हाबे। एफआईआर के बात भी होवत हाबे। हर छत्‍तीसगढि़या वर्ग येकर समर्थन करत हाबे कि अइसन कलाकार मनके विरोध होना जरूरी हावय। अब कुछ नइ करबो उंकर मनके हौसला अउ बाड़ही, संग म दूसर मनके तको हिम्‍मत बाड़ जही। एक ले दू, दू ले चार होवत देरी नी लागे। बात सिरिफ वोडियो एल्‍बम के नहीं सिनेमा म भी इहां के अलग सेंसर बोर्ड होना चाही जेन जांच परख के अनुमति देही। 

कहू इही पइत ओमन ल ये भोरहा तो नइ हे कि विरोध करे लेे कुछूू नी होवय। कानून के नियाव हे, कार्यवाही तो होही। हां, ये बात अलग हे येमा किसन सेन पहिली आदमी नोहय, जब फूहड़ता अउ अश्‍लील गीत के लेखाजोखा होही त कई बड़े सिनेमा वाले मन तको फंदा म फस जही। एक दूर के गीत उपर अरोप प्रत्‍योराप शुरूही होही। चलो इही बहाना एक सेंसर बोर्ड तो बनही जेन तय करही के कोन स्तर के गाना परोसे जाए। जब तक कानून अउ समाज के डर नी आही तब तक अइसन कलाकार मनके कस नी टूटे। लेकिन ये पइत ओमन बांच नी सके अइसे लगाथे, काबर कि साहत्यिकार, कलाकार के एक वर्ग अइसन चीज पूरा विरोध करत हाबे। समाजिक संगठन मन तको मिल जुलगे कदम उठाही अउ छत्‍तीसगढ़ी लोक गीत संगीत के आरूगपन के दौर ल फेर लहुटाही अइसे आकब हावय। चेत चघही तभे निर्माता/निर्देशक, कलाकार, गीतकार, संगीतकार, अभिनेता मन अपन मर्यादा म रहिके बुरा करही। अउ नी करही त काूनन अउ समाज के डंडा चलही, तइयार रहाव।

⚖️ कानूनी पहलू: अश्लीलता के खिलाफ कार्यवाही

भारत में अश्लील गीत, विडियो या प्रदर्शन पर कई धाराओं के अंतर्गत कार्यवाही की जा सकती है:

🔹 भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराएं:

  1. धारा 292 (IPC):

    अश्लील पुस्तकों, चित्रों या गीतों का प्रकाशन, विक्रय या वितरण दंडनीय अपराध है।
    सजा: पहली बार में 2 साल तक की जेल + जुर्माना।

  2. धारा 293 (IPC):

    यदि कोई अश्लील सामग्री बच्चों या किशोरों को बेचता या दिखाता है।
    सजा: 3 से 5 साल तक की जेल।

  3. धारा 294 (IPC):

    सार्वजनिक स्थान पर अश्लील गाने गाना, गाना बजाना, या कोई काम करना।
    सजा: 3 महीने तक की जेल + जुर्माना।

🔹 आईटी एक्ट 2000 की धारा:

  1. धारा 67 (IT Act):

    इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से अश्लील सामग्री का प्रसार।
    पहली बार सजा: 3 साल तक की जेल + 5 लाख रुपये तक जुर्माना।
    दूसरी बार: 5 साल की जेल + 10 लाख रुपये तक जुर्माना।


🚫 क्या किया जाना चाहिए:

  1. एफआईआर दर्ज की जाए उन यूट्यूब चैनल और कलाकारों पर जो छत्तीसगढ़ी गीतों में अश्लीलता परोस रहे हैं।

  2. सोशल मीडिया पर ऐसे कंटेंट का बहिष्कार (बायकाट) किया जाए, रिपोर्ट और ब्लॉक किया जाए।

  3. राज्य शासन द्वारा सेंसर बोर्ड या मूल्यांकन समिति गठित की जाए, जो रिलीज से पहले गीतों के बोल की समीक्षा करे।

  4. सांस्कृतिक मंचों, विद्यालयों, आकाशवाणी, दूरदर्शन आदि पर केवल पारंपरिक और मूल्यपरक लोकगीतों को बढ़ावा दिया जाए।

  5. लोककलाकारों को सम्मानित और प्रोत्साहित किया जाए, जो शुद्ध सांस्कृतिक गीतों और लोक परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं।

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