जशपुर जिला के विकासखण्ड बगीचा के गांव बिमड़ा निवासी शंभू साय रबी सीजन म धान के फसल ल बदल के मूंगफली के खेती करके "आम के आम, गुठलियों के दाम वाला कहावत ल सार्थक करे हावयं। दरअसल बात ये हावय के मूंगफली के खेती ले मूंगफली के वाजीब दाम त मिलत ही हावय, मूंगफली ले तेल तको मिलत हावय अउ उंकर बाँचे-खोंचे (खली) पशु भोजन के खातिर उपयोग म तको ले जाथे।
जानबा होवय के बगीचा विकासखण्ड के गांव बिमड़ा निवासी शंभू साय ल ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी अउ जिला प्रशासन के सहयोग ले धान के बदला ग्रीष्मकालीन मूंगफली के खेती सुरू करिन। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत ओला 40 किलोग्राम मूंगफली बीजहा कृषि विभाग ले फोकट म दे गिस। जेकर ले किसानश्री साय ह 0.400 हे. रकबा म मूंगफली फसल के खेती सुरू करिस। किसान शंभु साय ह बताइन के विभाग ले ओला बीजहा के संग-संग सूक्ष्म पोषक तत्व खातु अउ दवई तको दे गे। जेकर ले ओला कृषि बुता करे म कम लागत लगे अउ समय-समय म कृषि विभाग के अधिकारी मनद्वारा खेत के निरीक्षण करके जरूरी सलाह अउ मार्गदर्शन दीस, जेकर ले उंकर फसल काफी अच्छा स्थिति म हावय। फसल के उपज अच्छा होए अउ अभी अभी के बेरा म बाजार भाव अच्छा मिले म अच्छा आमदनी होए लगे हावय।
जानबा हावय के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मंशानुरूप जिला के किसान मन ल अच्छा आमदनी मिले अउ किसान आर्थिक रूप ले सशक्त हो ए बर कृषि अउ बगइचा विभाग डहर ले किसान मन ल रबी सीजन म दलहन, तिलहन, दवई फसल मन सहित कम पानी म जादा आमदनी वाला फसल मन के खेती करे के खातिर प्रोत्साहित करे जात हावय। संग ही किसान मन ल विभागीय योजना मन ले मिले वाला लाभ के जानकारी देके उन्नती कृषि करे म मार्गदर्शन अउ सहयोग तको करे जात हावय।
कृषक शंभु ह बताइन के उंकर पास कुल 2.919 हेक्टर जमीन हावयं पहिली रबी सीजन म धान के खेती करत रिहिस जेकर ले खेती के खर्चा बहुत जादा अउ उत्पादन अपन इच्छा के मुताबिक नइ मिल पाता रिहिस। पानी के खपत तको बहुत जादा होवत रिहिस। ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी ले सम्पर्क करके अउ कृषि विभाग के आने-आने योजना के सम्बन्ध म जानकारी लेके अब योजना के फायदा लेवत अच्छा खेती करत रिहिन हावयं अउ आर्थिक रूप ले सशक्त होइस हावयं। किसान शंभु ह शासन-प्रसाशन के सहयोग अउ राज्य सरकार डहर ले किसान मन के हित म अच्छा योजना संचालित करे के खातिर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अउ कृषि मंत्री रामविचार नेताम के प्रति आभार व्यक्त करिन हावय।
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