मुख्यमंत्री के अगुवई म आयोजित मंत्रिपरिषद के बइठक म राज्य के कलाकार अउ साहित्यकार के खातिर एक जरूरी अउ भावनात्मक फइसला लिस, जेन आर्थिक परसानी मन ले जूझत हावयं। अब ओमन ल दे जाये वाला मासिक वित्तीय मदद (पेंशन) के रकम ल 2000 रूपिया ले बढ़ाके 5000 रूपिया हरेक महीना करे गे हावय।
ये मउका म मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ह किहिन के- हमर कलाकार अउ साहित्यकार समाज के आत्मा हावयं। उंकर योगदान अमूल्य हावय। ये फइसला सिरिफ आर्थिक मदद नहीं, बल्कि उंकर प्रति राज्य के संवेदना अउ सम्मान के चिन्हारी हावय। ओमन किहिन के ये फइसला बजट सत्र म करे गे घोसना के परिपालन हावय, अउ हमर सरकार हर वर्ग के सशक्तिकरण बर प्रतिबद्ध हावय।
ये पेंशन संस्कृति विभाग के वित्तीय मदद योजना नियम-1986 ले दे जात हावय। ए योजना के शुरुआत 1986 म होए रिहिस, जब मदद रकम न्यूनतम 150 रूपिया अउ अधिकतम 600 रूपिया रिहिस। बाद म 2007 म एला 1500 रूपिया अउ 2012 म 2000 रूपिया करे गिस, फेर 12 साल ले एमे कोनो बड़वार नइ होए रिहिस
जानबा होवय के राज्य म अभी के बेरा म कुल 162 कलाकार मन अउ साहित्यकार ल ये मासिक पेंशन दे जात हावय। अब ओला सालाना 24 हजार के जगह 60 हजार रूपिया मिलही, जेकर ले वो अपन बुनियादी जरूरत बढि़या ढंग ले पूरा कर सकही।
मंत्रिपरिषद डहर ले अनुमोदित ए संशोधन ले राज्य म कुल 58.32 लाख रूपिया के वार्षिक अकताहा व्यय भार आही। पहिली जिहां कुल वार्षिक व्यय 38.88 लाख रूपिया रिहिस, वो ह अब बढ़के 97.20 लाख रूपिया वार्षिक हो जाही। फेर ये व्यय राज्य सरकार के खातिर गौरवपूर्ण कर्तव्य हावय।
छत्तीसगढ़ के असली संस्थापक- कलाकार, साहित्यकार अउ मूलवासी उपेक्षा के गर्त म गुम, अउ पेंशन के नाव म छलावा
✍️ विशेष आलेख | सांस्कृतिक अउ सामाजिक सोच
सन 2000 म जब मध्यप्रदेश ले अलग होके छत्तीसगढ़ एक अलग राज्य के रूप म बनिस, त ओखर पीछे बहुत बड़े संघर्ष, भावना अउ बलिदान छुपे रहिस। अऊ ए संघर्ष म जेन मनखे मन सबले आगू रहिन, ओमा छत्तीसगढ़ के स्थानीय कलाकार, साहित्यकार अउ मूलवासी भाई-बहिनी मन, जऊन मन अपन भाषा, संस्कृति, लोक परंपरा के संग-संग जन जागरूकता के जोत जलाइन।
आज 25 बछर के बाद जब हमन ए छत्तीसगढ़ के यातरा ल देखथन, त मन म पीरा होथे। जऊन मन ए धरती के असली निर्माता रहिन, ओ मन आजो घलो सरकारी उपेक्षा के शिकार हवंय, अउ जऊन मन राजनैतिक रूप ले ऊपर चढ़ गइन, ओमन खुद ल "राज्य निर्माता" कहत हवंय।
📜 ऐतिहासिक संदर्भ: भाषा के आधार म बनना चाही रहिस छत्तीसगढ़
संविधान के अनुच्छेद 3 के अनुसार, भाषा के आधार म छत्तीसगढ़ राज्य ल कब के बन जाना चाही रहिस। माने 1956 के राज्य पुनर्गठन के बखत ही छत्तीसगढ़ राज्य बन जातिस। फेर ए बात ल नजरअंदाज करे गिस। बड़े नेता मन तको ऐ कोति जोर नइ दिस। तब स्थानीय कलाकार अउ साहित्यकार मनके संग मूलवासी छत्तीसगढि़या येमा गुनान करत अलग छत्तीसगढ़ राज्य खातिर उमियाइन। कलमकार मन लेखन ले अउ कलाकार मन नाचा-गम्मत ले ये आंदोलन ल सुलगाये राखे रिहिस।
🎭 आज के हालत: संस्कृति के सिपाही मनके पुछारी नइये
आज छत्तीसगढ़ बनेे 25 बछर होगे, फेर जेन मन ए राज्य बर नींव रखिन, ओ मन के पूछइया नइ हे। कई गुमनामी म चल बसिस, कई मजदूरी करत हें, कई बीमारी म बिना इलाज म मर गे। जेन मन मंच म चमकत रहिन, ओ मन आज पेंशन खातिर आवेदन करत-करत थक गइन हें।
💸 पेंशन योजना के सच्चाई: दिखावा जादा, मदद कम
हाल के दिन म छत्तीसगढ़ सरकार कलाकार अउ साहित्यकार बर पेंशन म बढ़ोत्तरी करके ₹2000 ले ₹5000 करे हे। ये बात ल सरकार बड़ उपलब्धि बतावत हे। जबकि इहां के कण कण म लोक कलाकार अउ साहित्यकार हावय, त ओमन के कतका सुध लेवत हे सरकार ह इही मेर साफ होथे के अब तक माने 25 बच्छर के छत्तीसगढ़ राज्य में सिरिफ 162 नाम उंकर तक पहुंचे हावय। जबकि ये संख्या हा तो हजारों में होना रिहिस
फेर सवाल ए हे –
“का छत्तीसगढ़ जइसे सांस्कृतिक राज्य म सिरिफ 162 कलाकार अउ साहित्यकार मन ही पेंशन के हकदार हवंय?”
📉 चिन्हारी पोर्टल के उपयोगिता: सिरिफ पंजीयन बर?
संस्कृति विभाग एक पोर्टल बनाय हे – ‘चिन्हारी’, जिहां कलाकार मन अपन जानकरी भर सकत हें। फेर ए पोर्टल म पंजीयन करके घलो:
- कार्यक्रम नइ मिलथे,
- चयन म बाहरी कलाकार मन ल प्राथमिकता मिलथे,
- अउ लोकल कलाकार मन ल एक ठन मंच बर घलो तरसना परथे।
📢 मांग पत्र – जेन सुधार जरूरी हे:
- पेंशन योजना के पुनः सर्वे होवय।
- चिन्हारी पोर्टल म पंजीकृत कलाकार मन ल पारदर्शी प्रक्रिया म जोड़य।
- जिला स्तार अउ ब्लॉक स्तर म कलाकार डाटा के दस्तावेजीकरण होवय।
- स्थायी कलाकार सेवा केंद्र बनाय जाय।
- पेंशन राशि ल ₹8000 या ₹10,000 तक बढ़ाय जाय।
- स्थानीय कलाकार मन ल प्राथमिकता दिये जाय।
- स्थानीय कलाकार मनके मानदेय म बढ़ोतरी होवय।
- कई बार देखे जाथे के बाहिर के कलाकार मनके प्रस्तुति खातिर स्थानीय कलाकार के कार्यक्रम ल बंद करा दिये जाथे, अइसन भेदभाव नइ होना चाहि।
- छत्तीसगढ़ के स्थानीय कलाकार-साहित्यकार मन ल राजकीय सम्मान म प्राथमिकता मिलय।
- छत्तीसगढ़ी राजभासा आयोग ह बिगर सियान के चलत हाबे, उहां अध्यक्ष के नियुक्ति होना चाहि।
📢 आप मन का कहिथो? का आप मन के गांव-शहर म अइसे कलाकार हांवय जेन पेंशन के हकदार हवंय? ए लेख ल आगे बढ़ावव, ताकि शासन-प्रशासन तक आवाज पहुंच सकय।
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