चन्द्रहासिनी समूह के दीदी डहर ले बने इकोफ्रेंडली गणपति बइठही ए बार घर अउ पंडाल म

अंजोर
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चन्द्रहासिनी समूह के दीदी डहर ले बने इकोफ्रेंडली गणपति बइठही ए बार घर अउ पंडाल म


अंजोर.रायपुर। राज्य के महिला स्व मदद समूह ह अपन हुनर अउ मेहनत ले एक नवा पहचान बनाये म सफलता हासिल के हावय। चाहे एलईडी बल्ब के बनाये हो, फेंसिंग तार जाली के बनाये हो, फ्लाई ऐस ईंट या गोबर पेंट के बनाये हो या खाद्य सामान के बनाये हो, सब म उच्च गुणवत्ता अउ मानकों के धियान रखत होइस एक सफल उद्यमी के रूप म महिला स्व मदद समूह अपन नाम दर्ज करा रिहिन हावयं। हाल ही म रक्षाबंधन के मउका म महिला समूह ह कम कीमत म आकर्षक राखियां बनाके अपन हुनर ले सबला परिचित कराइन।  

इही ओढ़र म अब जब गणेश चतुर्थी के तिहार आने वाला हावय त अइसे समय म महासमुंद जिला म समूह के महिला मन ह एला एक मउका के रूप म देखत होइस गणेश  मूरति मन  के बनाये करिन हावय। महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क गोड़बहाल ले जुड़के मां चन्द्रहसिनी महिला समूह के दीदियां आने-आने आकार अउ रंगो के आकर्षक गणेश मूरति के बनाये करत हावयं। ये महिला समूह पहिली माटी कला बुता ले जुड़के बुता करके रेहे थीं। अब रीपा योजना के पाछु एमन ल जादा संसाधन अउ मउका मिले।  

महासमुंद जिला के पिथौरा विकासखंड के गांव पंचायत गोडबहाल गउठान ले जुरे रीपा योजनांतर्गत चंद्रहासिनी स्व मदद समूह के महिला मन गणेश मूरति के बनाये करत हावयं। ए बार समूह के दीदियों डहर ले बनाए गे गणपति घर अउ जगह जगह पंडालों म विराजही।  

समूह के अध्यक्ष नीरा निषाद ह बताइन के वो लगभग 500 गणेश  मूरति मन  के बनाये करत हावयं। अभी पहिली खेप बाजार म उतर गे हावय जेला अच्छा प्रतिसाद मिले  हावय। वो ह बतावत हावय के ए बार गणेश मूरति के बिकने ले ही करीब 1 लाख रूपिया आय होए के उम्मीद हावय। ओमन बताइन के उंकर पास आने-आने आकार म 200 ले लेके 4000 रूपिया तक के गणेश उपलब्ध हावय जेन आने-आने रंग अउ आकर्षक तरीका ले बनाए गे हावयं।

ओमन बताइन के रीपा योजना ले जुड़ने के पहिली सबो सदस्य खेतीहर मजदूरी अउ माटी कला ले जुड़े बुता करत रिहिस। माटी कला बुता के खातिर पर्याप्त संसाधन नइ रिहिस अउ सतत आय के तको जरिया नइ रिहिस। अब रीपा ले अपन रुचिकर अउ परंपरागत बुता के करे म हमन ल खुसी के संग संग आत्मनिर्भरता के अनुभव होवत  हावय। ओमन बताइन के समूह म 10 महिला मन हावयं। रीपा योजना लागू होए के बाद चंद्रहासिनी स्व मदद समूह डहर ले माटी कला के बुता करे जात हावय। बाजार बेवस्था के रीपा अउ स्थानीय बाजार म माटीकला गतिविधि ले हरेक महीना लगभग 8 हजार रूपिया के आमदनी हो जात हावय। अब तक माटी कला बुता ले समूह के खरचा काटके लगभग 3 लाख रूपिया के आमदनी हो चुके हावय। ए रकम ले समूह के सबो सदस्य गण माटी कला के बुता के अपन भविष्य मानके राज्य शासन के धन्यवाद ज्ञापित करिन हावय।

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