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राज्य बाल संरक्षण आयोग ह लैंगिक अपराध मामला म पहचान उजागर नइ करे अपील करिस |
अंजोर.रायपुर। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ह अपील करे हावय के समाज अउ परिवार के खातिर गजब जरूरी हावय वो लइका ल शक, संशय अउ संवादहीनता ले बचाएं। ओमन ये तको किहिन हावय के मीडिया ल् ए बात के धियान रखना चाही के लइका के संग लैंगिक अपराध के प्रकरण म उंकर पहचान उजागर करना पाक्सो एक्ट के धारा 23 के तहत दंडनीय अपराध हावय। येकर उल्लंघन होए म 6 महीना ले 1 साल तक के सजा या जुर्माना या दुनों हो सकत हावय।
बच्च के पहचान उजागर नइ करे के अपील-
राज्य बाल संरक्षण आयोग ह अपील के हावय के लइका के संग लैंगिक अपराध होए के दशा म कोनो भी रकम ले पहचान प्रकट नइ के जा सकत हावय। समाचार पत्र, इलेक्ट्रानिक मीडिया अउ वेब पोर्टल्स के डहर ले संस्था मनके नाम, फोटो उक प्रकाशित करे जाये के घटना घटे हावयं। ओमन किहिन के राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग डहर ले अइसे घटना मन ल रोके अउ लइका ल सुरक्षित अउ अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराये के खातिर सरलग प्रयास करे जात हावयं।
राज्य बाल संरक्षण आयोग ह जिम्मेदारी के संग रिपोर्टिंग करे-
राज्य बाल संरक्षण आयोग के अनुसार, लइका के संरक्षण के खातिर मीडिया बाल अधिकार ले जुड़े कानून के जानना जरूरी हावय। पत्रकार मनला आयोग ले पहिली पता होवत हावय के अपराध कहां घटित होइस हावय। मीडिया के बाल अधिकार के उल्लंघन अउ शोषण के मामला के रिपोर्टिंग संवेदनशीलता अउ जिम्मेदारी ले करना चाही। ओमन अपील करे हावय के लइका ले जुड़े हर मामला के सूचना आयोग के दे जाए।
कानून ले आम लोगन ल तको जागरुक होए करे जरूरत-
राज्य बाल संरक्षण आयोग ह अपील करे हावय के लइका ले जुड़े अपराध म नीति निर्माता, न्यायपालिका, पुलिस अउ मीडिया के संवेदनशील होए अउ ओला गंभीरता ले लेके सख्त जरूरत हावय, ताकि कोनो पीड़ित लइका अउ विशेषकर यौन अपराध ले पीड़ित लइका के गरिमा ल ठेस पहुंचिस बगैर ओला न्याय मिल सके। कानून के क्रियान्वयन के खातिर आम लोगन के तको जागरुक होए के जरूरत हावय। लइका के संग अपराध के समाज के हर वर्ग के ये जिम्मेदारी बनत हावय के वो ह उंकर खिलाफ आवाज उठाएं।
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