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कोण्डागांव हस्तशिल्प लुभावथे बिदेसी पर्यटक मनला |
अंजोर.कोण्डागांव। बीते कुछ महीना ले कोण्डागाँव म सैलानी के उपस्थिति अप्रत्याशित रूप ले बाढ़हे हावय। आन राज्य के अलावा बिदेसी पर्यटक तको बड़ संख्या म रोज इहां पहुंचत हावयं। कुछ दिन पहिली पोलेंड ले आये एक बिदेसी पर्यटक पहुंचिस रिहिस जे बिसेस रूप ले इहाँ के हस्तशिल्प कला ल देखे ल आये रिहिस। ओमन कोण्डागांव के सबो हस्तशिल्प कला के अध्ययन तको करिन अउ इहाँ के बुता ले अभिभूत होइस।
ओमन बिसेस ज़ोर देके ये बताइन के वो प्रमुख रूप ले इहां के हस्तशिल्प कला ल देखे आये रिहिस अउ जतका ओमन सोचे रिहिस ओकर ले कहूं जादा ये सुन्दर अउ आकर्षक हावय। ओमन आगू किहिन के ए कला ल अउ बढ़ावा दे के नितांत जरूरत हावय जेकर ले हस्तशिल्प अउ इंकर कारीगर के जादा ले जादा आयर्जन हो सके।
जानबा होवय के जिला म पहिली केशकाल ही अपन जलप्रपात अउ प्राकृतिक मनोरम दृश्य के खातिर आकर्षण के केंद्र बना रिहिस फेर अब कोण्डागांव के हस्तशिल्प कला जइसे के ढोकरा कला, लौह कला, टेराकोटा, तुमा कला। ये सबो पर्यटक के बीच आकर्षण के केंद्र बने हावय। जेकर ले हस्तशिल्प कारीगर के तको काफी फायदा होवत हाबे। जहाँ पहिली इंकर हस्तशिल्प के बाजार म सही दाम नइ मिलत रिहिस। उहे आज ऑनलाइन माध्य ले पर्यटक खुद उंकर घर म आके सामान ले जात हावयं, अउ अब इन्हे फ़ोन म ही आर्डर मिल जाथे।
वर्तमान म पर्यटक म विशेषतः महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, आँध्रप्रदेश अउ मध्यप्रदेश राज्य ले आथे। जिला प्रशासन के अथक प्रयास ले पर्यटन जगह ल बढ़ावा दे के खातिर समय-समय म कई प्रतोयोगिता अउ आयोजन तको करवाये जात हावय। जेमा युवा मन डहर ले बढ़ चढ़ करके हिस्सा लिस। जिला के पर्यटन जगह म दस ले जादा जलप्रपात, कई प्रागैतिहासिक गुफा शैलचित्र, हिल टॉप व्यू पॉइंट्स, ट्रेकिंग रूट, पांचवी शताब्दी म बने मंदिर, पिकनिक स्पॉट्स, कैंप साईट अउ संस्कृति प्रेमी के खातिर गोटुल संस्कृति, पारंपरिक अदिवासी नृत्य कलाएं उक सामिल हावयं।
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