पशुपालक, स्व-सहायता समूह अउ गउठान ल ऑनलाइन जारी होही 5.38 करोड़ रूपिया

अंजोर
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गोधन न्याय योजना

अंजोर.रायपुर, 05 मार्च। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ह 6 मार्च के संझा 5.30 बजे अपन निवास कार्यालय म गोधन न्याय योजना के रकम अंतरण कार्यक्रम के तहत पशुपालक ग्रामीण, गउठान ले जुरे महिला समूह अउ गउठान समिति मन के 5 करोड़ 38 लाख रूपिया के रकम ऑनलाइन जारी करही, जेमा 16 फरवरी ले 28 फरवरी तक राज्य के गउठान म पशुपालक गांव वाला, किसान मन, भूमिहीन ले गोधन न्याय योजना के तहत बिसाये  गे गोबर के एवज म 2 करोड़ 7 लाख रूपिया भुगतान अउ गउठान समिति मन के 1.32 करोड़ अउ महिला समूह के 1.98 करोड़ रूपिया के लाभांश रकम सामिल हावयं।

गोबर बेचइया गांव वाला के 129.86 करोड़ रूपिया के हो चुके भुगतान

इहां ये जानबा होवय के गोधन न्याय योजना के तहत गउठान म गांव वाला ले 2 रूपिया के दर ले गोबर के खरीदी करे जात हावय। गउठान म 15 फरवरी तक खरीदे गे 64.92  लाख क्विंटल गोबर के एवज म गोबर बेचने वाला गांव वाला ल 129.86 करोड़ रूपिया के भुगतान तको करे जा चुके हावय। 6 मार्च के गोबर विक्रेता के 2 करोड़ 7 लाख रूपिया के भुगतान होए के बाद ये आंकड़ा बढ़के 131.93 करोड़ रूपिया हो जाही। गउठान समिति मन के तको अब तक 48.05 करोड़ रूपिया अउ महिला स्व-सहायता समूह 31.34 करोड़ रूपिया रकम लाभांश के भुगतान करे जा चुके हावय।

गौठान म महिला समूह डहर ले गोधन न्याय योजना ले बिसाये गोबर ले बड़े पैमाने म वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट प्लस अउ आन जिनिस तइयार करे जात हावय। महिला समूह डहर ले 11 लाख 64 हजार क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट अउ 4 लाख 65 हजार क्विंटल ले जादा सुपर कम्पोस्ट खातु के बनाये करे जा चुके हावय, जेला सोसायटी के माध्यम ले शासन के आने-आने विभाग अउ किसान मन के रियायती दर म प्रदाय करे जात हावय। महिला समूह गोबर ले खातु के अलावा गो-कास्ट, दीया, अगरबत्ती, मूर्ती अउ आन सामग्री के बनाये अउ बेचे करके लाभ अर्जित करत हावयं। गउठान म महिला समूह डहर ले येकर अलावा सब्जी अउ मशरूम के उत्पादन, मुर्गी, बकरी, मछली पालन अउ पशुपालन के संग आन आय मूलक आने-आने गतिविधी के संचालन करे जात हावय, जेकर ले महिला समूह के अब तक 53 करोड़ 24 लाख रूपिया के आय हो चुके हावयं। राज्य म गउठान ले 11,493 महिला स्व मदद समूह सोज जुड़े हावयं, जेकर सदस्य संख्या 77189 हावय। गउठान म बिसाये गोबर ले विद्युत उत्पादन के शुरुआत करे जा चुके हावय। गोबर ले प्राकृतिक पेंट बनाये के खातिर एमओयू हो चुके हावय।

राज्य म गोधन के संरक्षण अउ सर्वधन के खातिर गांव म गउठान के बनाये तेजी ले कराइन हावय। गउठान म पशुधन देख-रेख, उपचार अउ चारे-पानी के फोकट म बढि़या प्रबंध हावय। राज्य म अब तक 10,591 गांव म गउठान के बनाये के स्वीकृति दीस हावय, जेमा ले 8349 गउठान बने अउ संचालित हावयं। जेमा ले 2800 गउठान आज की स्थिति म स्वावलंबी हो चुके हावयं। गोधन न्याय योजना ले 2 लाख ले जादा ग्रामीण, पशुपालक किसान लाभान्वित होत हावयं। गोबर बेचकर अकताहा आय अर्जित करे वाला म 45 परतिसत संख्या महिला मन हावय। ए योजना ले 98 हजार 710 भूमिहीन परिवार तको लाभान्वित होत हावयं।

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