इंजीनियरिंग परीक्षा म बीजापुर के लइका मन लहराइस परचम, छू-लो-आसमान के सात झिन ल मिलिस जेईई मेंस म सफलता

अंजोर
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अंजोर.बीजापुर, 17 सितम्बर। देश के सबले बड़का अउ कठिन मानी जाये वाला इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा म बस्तर अंचल के धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र बीजापुर जिला के लइका भी परचम लहराये हावयं। ए साल के जेईई मेंस परीक्षा म बीजापुर जिला के सात लइका ह ये परीक्षा क्रेक करे हावय। येकर ले ए नक्सल प्रभावित जिला के लइका के अरमान के नवा पंख लगगे हावयं।

देश के सबले पिछड़े जिला म सामिल बीजापुर जिला म आदिवासी लइका के आईआईटी अउ एनआईटी जइसे राष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक संस्थान म प्रवेश देवाये के खातिर विषेश कोचिंग दे जात हावय। जिला प्रशासन डहर ले छू-लो-आसमान कार्यक्रम चलाये जात हावय। ए विषेश कोचिंग म गरीब परिवार के प्रतिभावन छात्र ल बड़ सहुलियत मिलत हावय। ओला ए कार्यक्रम ले फोकट म कोचिंग के संग आवासीय सुविधा उपलब्ध कराये जात हावय। जिला प्रशासन डहर ले डीएमएफ मद ले फोकट म कोचिंग के खातिर उत्कृष्ठ शिक्षक, लाइब्रेरी सहित सबो रकम ले सुविधा उपलब्ध कराये जात हावय, येकर ले पढ़ईया मन म ये प्रवेश परीक्षा के तइयारी के खातिर बढि़या वातावरण हावय। पाछु साल भी अखिल भारतीय इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा म 03 बच्चा ल सफलता मिले रिहिस।

जेईई मेंस परीक्षा म ए साल बीजापुर जिला के गरीब परिवार के सात लइका ल सफलता मिले हावय। ये लइका ग्रामीण पृष्ठभूमि ले हावयं ये लइका म मरकापाल भैरमगढ़ ले बबलू यादव, पालनार ले किशोर कारम, गंगालूर ले सुरेश हेमला, विबनेश्वर पंतेगी अउ जीतू पोयम भैरमगढ़ के राहूल लेकाम सहित आवापल्ली ले रमेश कुमार बुरका सामिल हावयं।

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