छत्तीसगढ़ के राजभाषा ल समृद्ध बनाये खातिर लोक व्यवहार म बउरे के जरूर हावय: मंत्री अमरजीत भगत

अंजोर
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अंजोर.रायपुर, 14 अगस्त। संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत किहिन छत्तीसगढ़ी राजभाषा ल लोक व्यवहार अउ दैनिक उपयोग म लाके ही अऊ समृद्ध करे जा सकत हावय। ओमन किहिन के छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग डहर ले छत्तीसगढ़ी भाषा के प्रचार-प्रसार अउ येकर उपयोगिता के खातिर गंभीरता ले प्रयास करे के जरूरत हावय। संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत घासीदास संग्रहालय के सभाकक्ष म राजभाषा आयोग डहर ले आयोजित 14वां स्थापना दिवस म आयोजित कार्यक्रम ल संम्बोधित करत किहिस, छत्तीसगढ़ी बोली-भाखा के संरक्षण अउ संवर्धन के खातिर येकर दस्तावेजीकरण, लेखन अउ पुस्तक प्रकाशन, स्थानीय लोगन के लेख अउ विचार के प्रकाशन म बल दे जाये।

कार्यक्रम के संसदीय सचिव श्री कुंवर सिंह निषाद ह किहिन के भाषा के समृद्ध बनाये के खातिर मानकीकरण के बात होत हावय। मानकीकरण अउ मापदण्ड के संग हम छत्तीसगढ़ी भाषा ल 8वीं अनुसूची म शामिल करे के अभियान चलात हावय। पंडित रवि शंकर शुक्ल विश्व विद्यालय के कुलपति डॉ. के.एल. वर्मा ह छत्तीसगढ़ी भाषा के 8वीं अनुसूची म शामिल करे के खातिर का-का प्रयास करे जाना चाही के संबंध म विस्तार ले जानकारी दीस। कुलपति डॉ. वर्मा ह बताइन के अभी के बेरा म प्रदेश म अलग-अलग क्षेत्र के लगभग 20 बोली अउ भाषा म काम चल रिहिन हावय। अभी पहिली अउ दूसरी के कक्षा म छत्तीसगढ़ी पाठ्यक्रम के खातिर किताब के प्रकाशन करे गे हावय। 

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