अंजोर.रायपुर, 05 जुलाई 2021। भगवान श्रीराम के ननिहाल छत्तीसगढ़ म उंकर वन गमन के सुरता ल जीवंत बनाये के खातिर राज्य के उत्तरी छोर कोरिया ले लेके दक्षिण म सुकमा तक राम वनगमन पर्यटन परिपथ के तेजी ले विकास करे जा रिहिन हावय। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ह किहिन के परिपथ के चिन्हित जगह म पौराणिक प्राचीन स्वरूप के संरक्षित करत विकसित करे जात हावय। आने वाला समय म छत्तीसगढ़ के राम वन गमन पर्यटन परिपथ देश-विदेश के पर्यटक मनके आकर्षण के प्रमुख केन्द्र के रूप म उभरही। ओमन किहिन के छत्तीसगढ़ म ऐतिहासिक, पुरातात्विक, धार्मिक, सांस्कृतिक महत्व के केऊ जगह के संग केऊ सुंदर प्राकृतिक जगह अउ जलप्रपात भी हावयं। पर्यटन ल बढ़ावा दे के खातिर ये जगह म पर्यटक मनके रूके के सुविधा सहित सबो जरूरी सुविधा विकसित करे जाएं, त छत्तीसगढ़ के पर्यटन के क्षेत्र म नवा पहचान मिलही।
मुख्यमंत्री ह राज्य सरकार के महत्वाकांक्षी परियोजना राम वन गमन पर्यटन परिपथ के प्रगति सहित आने-आने योजना मन के समीक्षा करके रिहिन रिहिस। ओमन किहिन के छत्तीसगढ़ म पर्यटन के विकास के व्यापक संभावना हावय। पर्यटन ल बढ़ावा दे के खातिर जरूरी पर्यटन जगह ल जोड़त सर्किट बनाए। राजिम म महानदी म जल कुंड बनाए, ताकि उहां श्रद्धालु मन खातिर नहाये के बेवस्था हो अउ अइसे बेवस्था करे जाए के नदी म पानी सरलग बने रिही।
मुख्यमंत्री ह राम वन गमन पर्यटन परिपथ विकास के तहत पहिली चरण म चयनित 9 जगह के प्रगति के संग ही सिरपुर के हेरिटेज जगह के रूप म बुद्धिष्ट थीम म करे जात विकास कार्य, मां बम्लेश्वरी देवी मंदिर डोंगरगढ़, प्रज्ञागिरी जगह के विकास, ट्रायबल टूरिज्म सर्किट के तहत होत कार्यो के समीक्षा करिन। मुख्यमंत्री ह पर्यटन जगह के विकास आने-आने विभाग के समन्वय ले करे के निर्देश दिस। बइठक म पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, प्रमुख सचिव वन मनोज कुमार पिंगुआ, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, पर्यटन सचिव अन्बलगन पी. अउ छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के प्रबंध संचालक यशवंत कुमार उपस्थित रिहिस।
सबो पाठक ल जोहार..,
हमर बेवसाइट म ठेठ छत्तीसगढ़ी के बजाए रइपुरिहा भासा के उपयोग करे हाबन, जेकर ल आन मन तको हमर भाखा ल आसानी ले समझ सके...
छत्तीसगढ़ी म समाचार परोसे के ये उदीम कइसे लागिस, अपन बिचार जरूर लिखव।
महतारी भाखा के सम्मान म- पढ़बो, लिखबो, बोलबो अउ बगराबोन छत्तीसगढ़ी।