ओ.पी. जिंदल विश्वविद्यालय के पहिली दीक्षांत समारोह म वर्चुअल रूप ले होइसं शामिल राज्यपाल सुश्री उइके

अंजोर
0

अंजोर.रायपुर, 05 जुलाई 2021। दीक्षांत समारोह अपन आप म एक अविस्मरणीय क्षण होथे, विशेषकर पढ़ईया मन के खातिर ये अति प्रसन्नता के क्षण होथे, काबर के ए दिन ओला अपन करे गे कठोर मेहनत के प्रतिफल मिलथे। दीक्षांत समारोह के मउका म पढ़ईया मन के उपाधि के संग-साथ राष्ट्र निर्माण के भी दीक्षा दे जात हावय। मोला विश्वास हावय के ये विद्यार्थी, नवा अउ आत्मनिर्भर भारत के निर्माण म अपन जरूरी योगदान देंगे। ये बात राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ह किहिन। वो आज ओ.पी. जिंदल विश्वविद्यालय रायगढ़ के पहिली दीक्षांत समारोह म मुख्य अतिथि बतौर वर्चुअल रूप ले संबोधित करत रिहिस। ए मउका म प्रावीण्य सूची म ठऊर मिले पढ़ईया मन ल गोल्ड, सिल्वर अउ ब्रांज मेडल अउ प्रमाण पत्र अउ डिग्री बांटे गिस। राज्यपाल सुश्री उइके ह उपाधि अउ मेडल पवइया पढ़ईया मन ल उंकर स्वर्णिम भविष्य के खातिर शुभकामना दीस।

राज्यपाल ह किहिन के दीक्षांत समारोह एक शिक्षण संस्थान के कैलेंडर म एक विशेष दिन हावय। ये सीखे के एक चरण के परिणीति के प्रतीक हावय अउ ए बात ले संतुष्ट होके भी पढ़ईया अब दुनिया के सामना पूरा योग्यता अउ क्षमता ले करे ल तत्पर हावयं। राज्यपाल ह ओ.पी. जिंदल विश्वविद्यालय रायगढ़ के उंकर उपलब्धि अउ ऑनलाईन दीक्षांत समारोह के खातिर शुभकामना दीस।

राज्यपाल ह किहिन के पढ़ईया मन ह ऑनलाइन दीक्षांत समारोह के बजाय वास्तविक दीक्षांत समारोह के प्राथमिकता दीस, फेर कोविड-19 महामारी के सेती ये न्यू नार्मल हो गे हावय। ए ऑनलाइन दीक्षांत समारोह के आयोजन म ओ.पी. जिंदल विश्व विद्यालय के प्रयास के मैं सराहना करत हावं।

राज्यपाल ह पढ़ईया मन के अभिभावक ल बधाई देत किहिन के आज के दिन तुँहर माता-पिता के खातिर भी आनंद के दिन हावय, जेन मन शिक्षित करे म काफी मेहनत करे हावय। निश्चित तौर म कई मामला म तुँहर माता-पिता ह तुँहर समुचित शिक्षा सुनिश्चित करे के खातिर अपन व्यक्तिगत खुशी ल भी त्याग करे होही, जेकर ले तुँहर भविष्य बढि़या बन सके। इही सेती ये दिन जतका तुँहर हावय, समान रूप ले उतना ही तुँहर माता-पिता के भी हावय।

ये मउका म आई.आई.टी. भुवनेश्वर के निदेशक आर.व्ही. राजा कुमार, नवीन जिंदल, छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ. शिववरण शुक्ला, विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रवीण पुरंग उपस्थित रिहिस।

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

सबो पाठक ल जोहार..,
हमर बेवसाइट म ठेठ छत्तीसगढ़ी के बजाए रइपुरिहा भासा के उपयोग करे हाबन, जेकर ल आन मन तको हमर भाखा ल आसानी ले समझ सके...
छत्तीसगढ़ी म समाचार परोसे के ये उदीम कइसे लागिस, अपन बिचार जरूर लिखव।
महतारी भाखा के सम्मान म- पढ़बो, लिखबो, बोलबो अउ बगराबोन छत्तीसगढ़ी।

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !