अंजोर.रायपुर। रंग के तिहार होली म खुशी बिखेरे म रंग अउ गुलाल के विशेष महत्व हावय फेर रसायन ले बने रंग अउ गुलाल स्वास्थय के खातिर हानिकारक होए के संग-साथ पर्यावरण के खातिर भी नुकसानदेह होथे होली के तिहार ल सुरक्षित अउ सेहतमंद बनाये के खातिर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय डहर ले एक अभिनव पहल करत प्राकृतिक वनस्पती ले आने-आने रंग के हर्बल गुलाल बनाये के शुरूआत करे गे हावय। कृषि विश्वविद्यालय के अन्तर्गत संचालित 15 कृषि विज्ञान केन्द्र डहर ले स्व-सहायता समूह के माध्यम ले हर्बल गुलाल के निर्माण अउ विक्रय करे जात हावय। ये कृषि विज्ञान केन्द्र के मार्गदर्शन म विभिन महिला स्व-सहायाता समूह के महिला मन ह 54 क्विंटल हर्बल गुलाल तइयार करिन जेमा 25 क्विंटल हर्बल गुलाल के विक्रय ले इन समूह ह पौने सात लाख रूपिया के आय अर्जित करे हावय।
जानबा होवय के भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नवा दिल्ली ले जनजातीय उप-योजनान्तर्गत प्राप्त वित्तीय सहायोग ले कृषि विज्ञान केन्द्र, दन्तेवाड़ा डहर ले अउ कृषि विज्ञान केन्द्र बीजापुर, सुकमा, बस्तर, कोरिया, कोण्डागोंव, नारायणपुर, कांकेर, बलरामपुर, जशपुर, अम्बिकापुर बेमेतरा, जांजगीर-चाँपा, महासमुन्द अउ कोरबा डहर ले आने-आने स्व-सहायता समूह के माध्यम ले हर्बल गुलाल तइयार करे जात रिहिन हावय। कृषि विज्ञान केन्द्र अउ स्व-सहायता समूह डहर ले सिन्दूर, हल्दी, लाल भाजी, पालक, चुकन्दर, पलाश के फूल, सेम के फूल अउ आन फूल अउ सब्जी के रंगीन पत्ती ल आने-आने अनुपात म मिलाके प्राकृतिक हर्बल गुलाल तइयार करे जात हावय। ये प्राकृतिक रंग ल अरारोट (तीखुर पावडर) म मिलाये जाथे। हर्बल गुलाल म अरारोट पावडर के उपयोग माध्यम के रूप म करे जात हावय। कृषि विज्ञान केन्द्र डहर ले समय-समय म महिला स्व-सहायता समूह ल हर्बल गुलाल बनाये, येकर प्रसंस्करण अउ पैकेजिंग के प्रशिक्षण दे जात हावय। आने-आने रंग के हर्बल गुलाल निर्माण के तकनीक के विस्तार करत ग्रामीण महिला के समूह बनाये गे हावय, जेकर डहर ले लाल, गुलाबी, हरा अउ पीले रंग के हर्बल गुलाल तइयार करके अच्छा आमदनी प्राप्त करे जात हावय। रायपुर स्थित विश्वविद्यालय उत्पाद विक्रय केन्द्र अउ कृषि विज्ञान केन्द्र म ये प्राकृतिक हर्बल गुलाल विक्रय बर उपलब्ध हावय।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र दन्तेवाड़ा म झारा माता नंदपुरिन कृषक संगठन, झोडियाबालम, साई बाबा स्व-सहायता समूह, हराम अउ हिग्लाजिन स्व-सहायता समूह, कसोली डहर ले दंतेश्वरी हर्बल गुलाल के नाम ले 12 क्विंटल हर्बल गुलाल तइयार करे गे हावय अउ अब तक 7 क्विंटल के विक्रय करके 2 लाख 80 हजार रूपिया के आमदनी प्राप्त करे हावय। कृषि विज्ञान केन्द्र बीजापुर म माँ संतोषी महिला स्व-सहायता समूह संतोषपुर, माँ शक्ति महिला स्व-सहायता समूह, संतोषपुर अउ माँ दन्तेश्वरी महिला स्व-सहायता समूह, भोपालपटनम डहर ले 25 किलो हर्बल गुलाल तइयार करे गे हावय। कृषि विज्ञान केन्द्र सुकमा म माँ दंतेश्वरी स्व-सहायता समूह डहर ले 20 किलो हर्बल गुलाल तइयार करे गे हावय। कृषि विज्ञान केन्द्र बस्तर अउ सतरंगी हर्बल गुलाल समूह, हलबाकछोरा डहर ले सतरंगी हर्बल गुलाल के नाम ले 4.5 क्विंटल हर्बल गुलाल तइयार करे गे हावय अउ अब तक 53 किलो के विक्रय करके 16 हजार रूपिया के आमदनी प्राप्त करे हावय।
कृषि विज्ञान केन्द्र कोरिया म कोरिया एग्रो प्रोड्यूसर कम्पनी डहर ले कर्मा अन्नातो सीड पावडर हर्बल गुलाल के नाम ले 1.37 क्विंटल हर्बल गुलाल तइयार कर गे हावय अउ अब तक 75 किलो के विक्रय करके 15 हजार 900 रूपिया के आमदनी प्राप्त करे हावय। कृषि विज्ञान केन्द्र कोण्डागांव म माँ शीतला स्व-सहायता समूह, झाटीबन, अलोर डहर ले 2.5 क्विंटल हर्बल गुलाल तइयार करिन गे हावय अउ अब तक 1 क्विंटल के विक्रय करके 30 हजार रूपिया के आमदनी प्राप्त करे हावय। इही रकम ले कृषि विज्ञान केन्द्र, नारायणपुर म राधा कृष्णा स्व-सहायता समूह, पालकी डहर ले 3.5 क्विंटल हर्बल गुलाल तइयार करे गे हावय अउ अब तक 60 किलो के विक्रय करके 12 हजार रूपिया के आमदनी प्राप्त करे हावय।
कृषि विज्ञान केन्द्र कांकेर म कंचन महिला क्लस्टर संगठन, ग्राम बरदेवरी, जागरूक महिला स्व-सहायता समूह, ग्राम धनेलीकन्हार, महानदी महिला क्लस्टर संगठन, ग्राम मकदीखुना अउ जय माँ काली स्व-सहायता समूह, ग्राम सिंगारभांट डहर ले 5.5 क्विंटल हर्बल गुलाल तइयार करे गे हावय अउ अब तक 5 क्विंटल के विक्रय करके 1 लाख 20 हजार रूपिया के आमदनी प्राप्त करे हावय। कृषि विज्ञान केन्द्र बलरामपुर म लक्ष्मी बाई महिला स्व-सहायता समूह, किरीकाछर, पार्वती महिला स्व-सहायता समूह, खारापारा अउ चमेली महिला स्व-सहायता समूह, खरसोटा डहर ले 1.5 क्विंटल हर्बल गुलाल तइयार करे गे हावय अउ अब तक 1 क्विंटल के विक्रय करके 20 हजार रूपिया की आमदनी प्राप्त करे हावय।
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