अंजोर.रायपुर। प्रदेश के सबले जुन्ना साहित्यिक संस्था जेन सिरिफ छत्तीसगढ़ी भासा के उरउती के बाना बांधे सबर दिन गुनान करय, अइसन संस्था ह अपन सिरजइया साहित्यकार, कवि, गीतकार सुशील यदु जी ल सुरता करत एक अऊ कड़ी जोड़त नवा कार्यकारिणी संग अपन दूसरइया सफल आयोजन के जोखा 21 मार्च के रायपुर म मड़ाये रिहिन। 1981 से स्थापित ये संस्था छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति के प्रांतीय अधिवेशन के संगे-संग सम्मान समारोह तको राखे गे रिहिस। गुरू घासीदास सांस्कृतिक भवन, न्यू राजेन्द्र नगर रायपुर के सभागार म आयोजित कार्यक्रम म माई पहुना के रूप डॉ. शिव कुमार डहरिया, मंत्री नगरीय प्रशासन, विकास विभाग, पगरईत डॉ. केशरीलाल वर्मा कुलपति पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय अउ खास पहुना के रूप म डॉ. विनय कुमार पाठक पूर्व अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग, श्री केपी खंडे अध्यक्ष गुरू घासीदास साहित्य संस्कृति अकादमी, श्रीमती शकुन डहरिया अध्यक्ष राजश्री सदभावना समिति अउ डॉ. परदशी राम वर्मा साहित्यकार उपस्थित रिहिन।
जलसा म छत्तीसगढ़ बर जीव होम जबर बुता करइया पुरखा मनके सुरता करत प्रांतीय सम्मेलन के शुरूआत करे के बाद ‘छत्तीसगढ के पाठशाला मन म छत्तीसगढ़ी भाखा के पाठ्यक्रम अउ किताब के स्वरूप’ विषय म संगोष्ठी आयोजित होइस जेमा डॉ. बिहारी लाल साहू, डॉ. अनिल भतपहरी, डॉ. पीसी लाल यादव, डॉ. सरला शर्मा अउ अरूण निगम मन अपन विचार रखिस।
अधिवेशन म आगू छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति कोति ले हरेक बछर देवइया सम्मान प्रदान करे गिस जेमा स्व. हरिठाकुर सम्मान डॉ. विनय कुमार पाठक, स्व. सुशील यदु सम्मान डॉ. सुखदेव राम साहू, स्व. श्री केयूरभूषण सम्मान दुर्गा प्रसाद पारकर, स्व. डॉ. बल्देव साव सम्मान डॉ. बिहारी लाल साहू अउ डुमन लाल ध्रुव, स्व. लक्ष्मण मस्तूरिहा सम्मान किशन टंडन, क्रांति, स्व. राकेश सोनी सम्मान श्री करण खान फिल्म कलाकार, अमीर पति फिल्म निर्देशक, स्व. मिथलेश साहू सम्मान आत्माराम कोसा ल दिये गिस। अउ ये मउका म किताब के विमोचन तको जुरियाए साहित्यकार, पहुना मनके हाथ ले करे गिस।
माई पहुना डॉ. शिव कुमार डहरिया ह अपन विचार रखत किहिन के हमर प्रदेश ह लोक साहित्य ले गजब समृद्ध हावय, बाबा गुरू घासीदास के भुइंया म भाखा अउ संस्कृति कभू नइ मर सकय। अउ हमर सरकार के तको इही पहिली प्राथमिकता हावय के इहां साहित्य के संगे संग कला अउ संस्कृति के सरेखा करन। जलसा म आगू पगरईत डॉ. केशरीलाल वर्मा कुलपति पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय ह अपन बात रखत किहिन के छत्तीसगढ़ म आज सबे कुछ लिखे जावत हाबे, बोले जाथे, पढ़े जाथे, समस्या सिरिफ स्कूल म पढ़ई अउ आठवीं अनुसूचीं म सामिल कराये के तव अब उहू बुता ह लघियात होही। हमर ये सरकार छत्तीसगढ़, छत्तीसगढ़ी अउ छत्तीसगढि़या मन खातिर बने बुता करत हाबे। कतकोन कार्यक्रम म हमर मुख्यमंत्री आरूग छत्तीसगढ़ी म गोठबात करथे, योजना के नाव तको लोक भाखा म रखथे येकर जबर उदाहरण आए नरवा, गरूवा, घुरवा, बारी जेमा समग्र छत्तीसगढ़ दिखथे। छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति कोति ले डॉ. जे.आर. सोनी जुरियाए पहुना अउ कलमकार मनके आभार मानिस।
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