गोधन न्याय योजना के सफलता के कहानी : तीरथ राम साहू के परिवार होवथाबे खुशहाल, गोबर के पइसा ले बिसाइन मंगलसूत्र
अंजोर.रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार के बड़का योजना जेमा किसान अउ गौपालक मन गोबर बेच के खुशहाल होवत हाबे। जल, जंगल, जमीन के संग खनिज संसाधन ले परिपूर्ण छत्तीसगढ़ के माटी म धान के रिकार्ड फसल तको होथे। अइसनेच धान के उत्पादन म अगुवा राज म कुछ साल पहिली तक गाय के गोबर के कोनो कीमत नइ रिहिस। लोगन मन गोबर के नाम म हांसे, कतकोन नाक सकेले अऊ अब उही ल बेच के लोगन मन आमदनी कमावत हाबे। जेला छूवत नइ रिहिसे ओकरे दीया अऊ आन जिनिस बनत हाबे।
गोबर ले आमदनी हर पति-पत्नी के बीच प्रेम, परिवार के बीच खुशी के ओढ़र तको बनत हाबे। अइसने एक कहानी कवर्धा जिला के हावय जिहां के गौपालक तीरथ राम साहू ह कभू सोचे नइ रिहिस के गोबर के पइसा ले ओकर पत्नी बर एक दिन सोना के मंगलसूत्र लेवा जही, फेर ये अब सिरतोन होगे हाबे। मुख्यमंत्री श्री बघेल सरकार के दूरदर्शी सोच अउ उंकरे सुरू करे गोधन न्याय योजना ह कतकोन परिवार के खुशहाली के कारण बनत हाबे। अब तक गोबर बेचइया मनला 47 करोड़ 38 लाख रुपिया के भुगतान करे जा चुके हाबे। गौपालक ल बेरा म भुगतान के परिणाम आए के गोबर संग्रहण ले जुड़े गौपालक मनके जिनगी खुशहाल होवत हाबे।
कवर्धा जिला के ग्राम सोनपुरी गुढ़ा म पंजीकृत पशुपालक श्रीमती केजाबाई अउ ओकर पति तीरथ राम साहू के खुशी ले बढ़गे जे दिन ले प्रदेश म गोधन न्याय योजना शुरू होइस। ओला गोबर बेचे ले 22 हजार 150 रुपिया के आमदनी होए हाबे। ओमन बताइन के राजमिस्त्री के बुता करथे अउ ओकर कमई ले सिरिफ घर खर्चा चलथे, इही सेती कुछू जिनिस नी ले सकत रिहिसे। गांव वाले मनके बताये म तीरथराम गोधन न्याय योजना ले पंजीकृत होके गोबर सकेले अउ समिति म बेचे के सुरू कर दिस। जेमा परिवार तको हाथ बटावत हाबे।
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जोहार पहुना, मया राखे रहिबे...