अंजोर.रायपुर। राज्य म नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल कोति ले फटाका के उपयोग म जारी निर्देश के पालन सुनिश्चित करे के संबंध म राज्य शासन डहर ले आदेश जारी करे गे हाबे। ये संबंध म मुख्य सचिव डहर ले जारी निर्देश के तहत जेन शहर म वायु गुणवत्ता के स्तर अच्छा, संतोषजनक या मध्यम श्रेणी होही, उहां केवल हरित फटाका ही बेचे अउ उपयोग करे जाही।
देवारी, छठ, गुरूपर्व, नया साल अउ क्रिसमस म फटाका फोरे के बेरा म दू घंटा के करार करे गे हाबे। मुख्य सचिव आर.पी. मंडल ह राज्य म सबो जिला कलेक्टर अउ पुलिस अधीक्षक ल येकर प्रचार-प्रसार के संग कड़ाई ले पालन सुनिश्चित करे के निर्देश दे हाबे। एजेंसी ले मिले आरो के मुताबिक देवारी म रात 8 ले 10 बजे तक, छठ पूजा म बिहनिया 6 ले 8 बजे तक, गुरूपर्व रात 8 ले 10 बजे तक अउ नया साल, क्रिसमस म रात 11:55 ले 12:30 बजे करार करे गे हाबे।
अइसने फटाका के उपयोग के संबंध म उच्चतम न्यायालय के जारी निर्देश के अनुरूप कम प्रदूषण वाला इम्प्रूव्ड अउ हरित फटाका के बिक्री केवल लायसेंस्ड ट्रेडर्स ही करे सकही। सिरिफ उही फटाका के उपयोग खातिर बाजार म बेचे जा सकही, जेमा आवाज स्तर निर्धारित सीमा के भीतर होही। सीरीज फटाका या लड़ी वाला के बिक्री, उपयोग अउ बनाये म प्रतिबंध लगाये गे हाबे। अइसन फटाका बनइया मनके लायसेंस तको रद्द करे के निर्देश हाबे जेकर फटाका म लिथीयम, आरसेनिक, एन्टिमनी, लेड अउ मर्करी के उपयोग हाबे। ऑनलाइन या ई-व्यापारिक वेबसाइट जइसे फ्लिपकार्ट, अमेजॉन आदि ले फटाका के बिक्री नइ करे जा सके।
छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल कोति ले केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्देश के अनुसार राज्य के सबो 7 क्षेत्रीय कार्यालय रायपुर, दुर्ग-भिलाई, बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़, अम्बिकापुर अउ जगदलपुर म परिवेशीय वायु गुणवत्ता के नियमित मॉनिटरिंग करे बर निर्देशित हाबे। संग म संबंधित अधिकारी मनला येकर परिणाम वेबसाईट म अपलोड करे के तको निर्देश दिए गे हाबे। जेकर बर राजधानी रायपुर के 2 ले 3 ठउर म 7 नवंबर ले 21 नवंबर तक मॉनिटरिंग बर समय निर्धारित हाबे।
अइसने दुर्ग-भिलाई, बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़, अम्बिकापुर अउ जगदलपुर म 2 ले 3 ठउर म 9 नवंबर ले 14 नवंबर तक मॉनिटरिंग करे जाही। फटाका के बहुतायत म उपयोग होए ले वायु प्रदूषण के स्तर बड़थे। वायु प्रदूषण बढ़े ले कोविड-19 वायरस के घातक रूप के संभावना ले इंकार नइ करे जा सकय। वायु प्रदूषण जादा होए ले कोविड-19 वायरस के रोगी मनके संख्या तको बढ़ सकथे।
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