राम वनगमन पर्यटन परिपथ के ‘लोगो’ डिजाइन प्रतियोगिता खातिर प्रविष्टि जमा करे के आखरी तारिख 28 अक्टूबर

अंजोर
0

अंजोर,रायपुर, 22। राज्य सरकार के पर्यटन विभाग डहर ले राम वनगमन पर्यटन परिपथ बर ‘लोगो’ डिजाइन प्रतियोगिता आयोजित करे गे हावय जेकर प्रविष्टि जमा करे के आखरी ति‍थि अब 28 अक्टूबर होगे। ये प्रतियोगिता म उत्कृष्ट ’लोगो’ के चयन म विजेता प्रतिभागी ल 10 हजार रूपिया पुरस्कार अउ प्रमाण पत्र दे जाही। प्रतिभागी मन अपन डिजाइन करे लोगो ल पर्यटन विभाग के ईमेल आईडी rvgp@visitcg.in  म भेज सकत हावय। छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के वेबसाइट www.chhattisgarhtourism.in म प्रतियोगिता के बारे म अऊ जादा जानकारी मिलही। 

जानबा होवय के राम वनगमन पर्यटन परिपथ परियोजना राज्य सरकार के एक महती योजना आए। भगवान राम के जीवन जनमानस ले जुड़े हाबे ये सेती परियोजना बर लोगो के डिजाइन जनमानस ले आमंत्रित करे गे हावय। छत्तीसगढ़ म पर्यटन के विकास अउ सांस्कृतिक मूल्य के संरक्षण अउ संवर्धन बर राम वन गमन पर्यटन परिपथ के विकास के वृहद योजना तइयार करे हावय। भारत के सांस्कृतिक अउ पौराणिक-पुरूष श्री राम के छत्तीसगढ़ ले गहरा नता हावय।

प्राचीन समय म अलग-अलग कालखंड म दंडकारण्य, महाकांतर, कोसल अउ दक्षिण कोसल के नाम ले पुकारे जाने वाला ये भू-भाग श्री राम के ननिहाल रहे हाबे। अऊ अपन वनवास के बखत ओमन 14 वर्ष के अधिकांश समय इहें बिताये हाबे। छत्तीसगढ़ म कोरिया ले लेके दक्षिण म सुकमा तक राम ले जुड़े स्थान, प्राचीन अवशेष के एक पूरा श्रृंखला मिलथे, जेमा न केवल लोक आस्था जुड़े हावय बल्कि स्थानीय सांस्कृतिक मूल्य के स्त्रोत तको रेहे हाबे। राम वन गमन पर्यटन परिपथ अइसने ठउर ल आपस म जोड़ के विकसित करे परियोजना हाए। राम ले जुड़े 75 स्थान के पहचान करे गे हावय। जेमा पहिली चरण म 9 स्थान के विकास अउ सौंदर्यीकरण करे जाना हावय। सीतामढ़ी-हरचौका (कोरिया), रामगढ़ (सरगुजा), शिवरीनारायण (जांजगीर-चांपा), तुरतुरिया (बलौदाबाजार), चंदखुरी (रायपुर), राजिम (गरियाबंद), सिहावा-सप्तऋषि आश्रम (धमतरी), जगदलपुर (बस्तर) अउ रामाराम (सुकमा) बर लगभग 137 करोड़ 45 लाख रूपिया खर्च करे जाही।

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

सबो पाठक ल जोहार..,
हमर बेवसाइट म ठेठ छत्तीसगढ़ी के बजाए रइपुरिहा भासा के उपयोग करे हाबन, जेकर ल आन मन तको हमर भाखा ल आसानी ले समझ सके...
छत्तीसगढ़ी म समाचार परोसे के ये उदीम कइसे लागिस, अपन बिचार जरूर लिखव।
महतारी भाखा के सम्मान म- पढ़बो, लिखबो, बोलबो अउ बगराबोन छत्तीसगढ़ी।

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !