पेज पसिया बोर खावव आज ओ।।
मँय गरीबी मा परे लाचार हँव,
मातु जिनगी ला सँवारव आज ओ।
शीतला माता चरण मा आय हँव,
मोर बिगड़ी ला बनावव आज ओ।
हे महारानी बिपत बाधा गजब,
घोर संकट ले छुड़ावव आज ओ।
ये "विनायक" तोर ले बिनती करय,
मातु सपना ला सजावव आज ओ।
बोधन राम निषाद राज "विनायक"
सहसपुर लोहारा, कबीरधाम
सबो पाठक ल जोहार..,
हमर बेवसाइट म ठेठ छत्तीसगढ़ी के बजाए रइपुरिहा भासा के उपयोग करे हाबन, जेकर ल आन मन तको हमर भाखा ल आसानी ले समझ सके...
छत्तीसगढ़ी म समाचार परोसे के ये उदीम कइसे लागिस, अपन बिचार जरूर लिखव।
महतारी भाखा के सम्मान म- पढ़बो, लिखबो, बोलबो अउ बगराबोन छत्तीसगढ़ी।