तीजयारिन मन सुनव तीजा-पोरा के सुघ्घर गीत... छाया चंद्राकर, मोना सेन, गरिमा दिवाकर, चंपा निषाद के स्वर म

अंजोर
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तीजा-पोरा.2020। छत्तीसगढ़ म तीजा पोरा के परब ल बड़ उच्छाह ले मनाये जाथे। आठे मानके बहिनी-बेटी मनला ल तीजा मनाये खातिर भाई मन लेवाये बर जाथे। पहिली तीजयारिन मनके आठे म आथे अउ सियनहिन मन पोरा मानके आथे।

करू भात ले सुरू होथे तीजयारिन मनके उपास। गांव म बेटी-बहिनी मन एक दूसर घर करू भात खाये बर जाथे। करू भात के बिहान दिन निर्जला उपास रिथे। ये दिन उपासहिन मन अपन जुन्ना संगी-सहेली मन संग जुर मिलके नानपन के आनीबानी के लोकखेल खेलथे। मया-पीरा के गोठ, हांसी-ठट्ठा अउ किस्सा कहानी गीत गोविंद ले रतिहा पोहाथे। रातेकुन दीदी-बहिनी मन ठेठरी, खुरमी, अरसा अऊ आन रोटी-पीठा तको बनाथे। 

होत बिहनिया महादेव, पार्वती के पूजा पाठ के बाद फरहार के बखत आथे। गांव के बेटी-बहिनी मन नवा-नवा तीजा के लुगरा पहिने बासी खाथे। करू भात सहि बासी खाये बर तको आस परोस ले बुलावा आथे। आस परोस म तको नोनी मनला जइसन बनथे तइसन बासी खवउनी भेट मिलथे। 

छत्तीसगढ़ के लोक संस्कृति ह गीत बिगर कभू पूरा होबे नइ करय। हमर अंचल के लोक कलाकार मन ये दिन खातिर रिकिम-रिकिम के गीत के सिरजन करके गाथे। अब के बखत म मोबाइल, कप्यूटर अउ इंटरनेट ल जादा ले जादा लोगन मन बउरथे तेन पाके उही म जादा नवा-नवा गीत देखे बर मिलथे।

एसो तीजा खातिर छत्तीसगढ़ के बड़का लोक गायिका श्रीमती छाया चंद्राकर के मधुर स्वर म सुघ्घर गीत- ‘दाई ददा के दुलार’ रिलीज होए हाबे। ये गीत ल लिखे हाबे नारायण प्रसाद वर्मा अउ संगीत हावय चंद्रभूषण वर्मा के। 

अइसने बड़का लोक गायिका सुश्री मोना सेन के मुधर स्वर म ‘तीजा के लुगरा नीक लागे न’ रिलीज होए हाबे। ये गीत ल लिखे हाबे बुधराम चौहान अउ सुघ्घर संगीत ले सजाये हाबे सूरज महानंद। 

छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध लोक गायिका गरिमा दिवाकर के मधुर स्वर म सुघ्घर अकन गीत तीजा पोरा के तिहार रिलीज होए हाबे। ये गीत ल लिखे हाबे दास मनोहर अउ संगीत हावय विवेक शर्मा के। इही रकम ले चंपा निषाद, आरती सिंह, प्रार्थना दुबे, निशा चौबे, गौरी साहू सहित अऊ आन कलाकार मनके सुघ्घर-सुघ्घर गीत सोशल मीडिया म अपलोड होए हाबे। एसो के बछर म तीजा पोरा के परब ह अइसने गीत मन ले सजही, सवंरही अउ बगरही।










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