रायपुर.27। छत्तीसगढ़ सरकार ह किसान मनके गौठान ले गोबर बिसाये के जबर फैसला करे हाबे। बताये मुताबिक गौठान के गोबर ल बिसा के उंकर ले खातू बनाके बेचे जाही। येकर ले गांव के लोगन मनके आर्थिक दशा सुधरही अउ रोजगार तक मिलही। सरकार ह ये योजना ल हरेली तिहार के दिन ले सुरू करइया हाबे। फेर ओकर ले आगू प्रदेश के राजनेता मन सोशल मीडिया म आन के तान कर हाबे। अब तो बात ह एफआईआर तक पहुंचगे हावय।
छत्तीसगढ़ के वर्तमान राजकीय चिन्ह को नरवा, गरवा, घुरवा, बारी की अपार सफलता और छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था में "गोबर" के महत्व को देखते हुए इसे राजकीय प्रतीक चिन्ह बना देना चाहिए👇👇👇👇👇 pic.twitter.com/pAbTm6KHMW— Ajay Chandrakar (@Chandrakar_Ajay) June 26, 2020
प्रदेश के पूर्व मंत्री ह तो अपन आधिकारिक ट्विटर ले इहा तक कहे हाबे के सरकार म गोबर के महत्ता ल देखत येला तो राजकीय प्रतीक चिन्ह बना देना चाही। ये शब्द आए प्रदेश के पूर्व मंत्री अउ वर्तमान विधायक के जेन नियम कानून अउ गांव के लोक संस्कृति के जानकार हाबे। विधायक के ये बयान के बाद न केवल कांग्रेस के मंत्री, विधायक अउ कार्यकर्ता बल्कि आम जन तको नाराज हाबे। इही बात ल लेके एफआईआर अउ गिरफ्तारी के मांग तको उठत हाबे। गांव अउ प्रदेश के अर्थव्यवस्था सुधारे खातिर सुनता-सुनाह के बजाये सोशल मीडिया म गईरी मताये ले कुछू नी होवे। आखिर म जेन गउ माता चाहि तेने होही... 'गोबरधन'।
आज हमने राजकीय चिन्ह का अपमान करने वाले विधायक अजय चंद्राकर के खिलाफ FIR दर्ज करवाई हैं, मानसिकरूप से अस्वस्थ अजय चंद्राकर जी अपना उपचार करवाएं यदि संभव नही तो @NSUICG चंदा करके करवाएगी उनका इलाज।@Chandrakar_Ajay @INCChhattisgarh @BJP4CGState @bhupeshbaghel pic.twitter.com/61QPRhHocF— Akash Sharma (@AkashSharmaINC) June 26, 2020
राज्य में गौ-पालन को आर्थिक रूप से लाभदायी बनाने तथा खुले में चराई की रोकथाम तथा सड़कों एवं शहरों में जहां-तहां आवारा घुमते पशुओं के प्रबंधन एवं पर्यावरण की रक्षा के लिए छत्तीसगढ़ राज्य में गोधन न्याय योजना शुरू करने की आज घोषणा की। pic.twitter.com/yoAk8onhl4— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) June 25, 2020
सबो पाठक ल जोहार..,
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