सतनाम पंथ: गुरु घासीदास बाबा जी ले जुड़े पावन धाम

अंजोर
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​हमर छत्तीसगढ़ के धरती ह संत-महात्मा मन के कर्मभूमि आय, अउ एमा गुरु घासीदास बाबा जी के नाँव सबले ऊँच म हावय। इहाँ सतनाम पंथ के सुरूवात करिन, जे हा सब बर बराबरी, जीव-दया अउ 'मनखे-मनखे एक समान' के सिद्धांत म आधारित हावय। उहाँ के जिनगी अउ बिचार ले जुड़े ये खास जगह मन, सतनामी समाज बर आस्था अउ हिम्मत के भंडार आय।

​गुरु घासीदास बाबा जी ले जुड़े प्रमुख धाम मन के पूरा जानकारी खाल्हे म हावय- 

​गिरौदपुरी धाम (Giroudpuri Dham) - जनम अउ तप के भूमि

​गिरौदपुरी धाम, गुरु घासीदास बाबा जी के जनम भूमि अउ तपस्या के जगह आय। एहा छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार-भाटापारा जिला म हावय अउ सतनाम पंथ के सबले बड़े तीर्थ आय।

मुख्य दरसन के जगह:

  • भव्य जैतखाम (Jaitkham):
    • ​गिरौदपुरी के जैतखाम ह सतनाम पंथ के सबले बड़े चिनहारी आय। एहा सफेद रंग के एक ठन भारी-भरकम खम्भा आय, जेकर ऊँचाई 250 फीट ले घलो जादा हावय।
    • ​ए जैतखाम ह शांति अउ समानता के निशानी आय अउ एखर भव्यता के कारण दूर-दूर ले दिखथे।
    • ​माने जाथे कि सिरिफ जैतखाम के दरसन करे ले मन म शांति अउ बढ़िया ऊर्जा मिलथे।
  • छाता पहाड़ (Chhata Pahar):
    • ​इहा गुरु घासीदास बाबा जी ह कठोर तपस्या करिन अउ सत्य के खोज करिन।
    • ​ए पहाड़ म एक ठन प्राकृतिक गुफा घलो हावय, जेला बड़ पबरित माने जाथे।
  • चरण कुंड (Charan Kund):
    • ​गिरौदपुरी म हावय ए पबरित तरिया। अइसन माने जाथे कि गुरु जी ह इहाँ नहात रहिन। एखर पानी ल गुनकारी अउ पबरित माने जाथे।
  • अमृत कुंड (Amrit Kund):
    • ​एक अउ पबरित पानी के स्रोत, जेला भगत मन श्रद्धा ले लेथें।

महत्व:

​ए हा वो जगह आय जिहाँ गुरु जी ह समाज ल 'मनखे-मनखे एक समान' के संदेस दीन अउ सतनाम पंथ के नींव रखिन। हर साल इहाँ पूस पुन्नी (दिसंबर-जनवरी) महीना म बड़ भारी मेला लागथे।

​भंडारपुरी (Bhandarpuri) - गुरु गद्दी के धाम

​भंडारपुरी घलो बलौदाबाजार-भाटापारा जिला म हावय अउ एक ठन अउ जरूरी जगह आय। एला सतनाम पंथ के गुरु मन के मुख्य अखाड़ा (गुरु गद्दी) माने जाथे।

मुख्य दरसन के जगह:

  • गुरु निवास अउ समाधि: एहा गुरु घासीदास बाबा जी के बंसज मन के रहे के जगह रिहिस हावय अउ इहाँ सतनाम पंथ के आन गुरु मन के समाधि घलो हावय।
  • जैतखाम: इहाँ घलो एक ठन जुन्ना जैतखाम बने हावय, जे गुरु गद्दी के चिनहारी आय।

महत्व:

​ए जगह सतनाम पंथ के धार्मिक अउ काम-काज के केन्द्र रिहिस हावय। इहाँ गुरु परंपरा के सीख अउ विरासत ल सहेज के राखे गे हावय।

​तेलासी (Telasi) - पहिली जैतखाम के थपना

​तेलासी (जेहा तेलासीपुरी या ओकर पास के जगह हो सकत हे) के नाँव ह सतनाम पंथ के इतिहास म अकसर आथे।

मुख्य दरसन अउ महत्व:

  • ​अइसन माने जाथे कि गुरु घासीदास बाबा जी ह सबले पहिली इहींच जैतखाम खड़े करिन रिहिन। जैतखाम ह गुरु जी के सत्य अउ उज्जर झंडा के निशानी आय।

गुरु घासीदास बाबा जी के संदेस- 

​ए सब जगह मन सिरिफ ईंटा-पत्थर के घर बस नो हें, बलकि एहा समाज म भाईचारा, जात-पात के भेद ले मुक्ति अउ मन के सुधराई के निशानी आय। गुरु घासीदास बाबा जी ह 7 ठन सिद्धांत दीन:

  1. ​सतनाम बिसवास
  2. ​मूरती पूजा झन करव
  3. ​पसु के बली झन देवव
  4. ​पीला रंग के साग-भाजी झन खावव
  5. ​दारू-मांस झन खावव
  6. ​मनखे-मनखे एक समान
  7. ​चोरी, जुआ, अउ निंदा करे ले दूरिहा रहव

आखिरी बात

​गिरौदपुरी, भंडारपुरी अउ तेलासी जइसे जगह मन छत्तीसगढ़ के संस्कृति अउ धार्मिक धरोहर आय। ए मन ह आजो हमन ल अइसन समाज बनाए के प्रेरणा देथे जिहाँ सत्य अउ बराबरी सबले ऊपर होवय। ए जगह मन के जात्रा करे ले गुरु घासीदास बाबा जी के महान जिनगी के दरसन ल समझे बर मिलथे।

अगर आप ए धाम मन म जाए के बिचार करत हवव, त आप पूस-माघ महीना (दिसंबर-जनवरी) म जा सकत हवव, जब इहाँ के मौसम बने रहिथे अउ साल के मेला घलो लागथे।

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