राजिम माघी पुन्नी मेला: 1 फरवरी ले शुरू होही

अंजोर
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​छत्तीसगढ़ के प्रयागराज कहे जाने वाला राजिम में ए बछर मेला के तिथि तय हो गे हे। राजिम के त्रिवेणी संगम (महानदी, पैरी अऊ सोँढूर) के कोरा मा ए दारी 1 फरवरी ले 15 फरवरी तक मेला भराही। सैकड़ों बछर ले चलत आवत ए परंपरा मा माघी पुन्नी के दिन ले मेला सुरू होथे, जेकर समापन महाशिवरात्रि के दिन होही।

मेला के खास बात: कुंभ के भव्यता

​राजिम मेला ल छत्तीसगढ़ सरकार ह 'कुंभ' के रूप मा बिस्तार देय के कोसिस करे हे। ए 15 दिन के मेला मा सिरिफ छत्तीसगढ़ ले ही नई, बल्कि देस-बिदेस ले घलो मनखे मन पुन्नी नहाए बर आथें।

  • संत समागम: मेला मा बड़े-बड़े साधु-संत मन के आगमन होथे। ओ मन बर अलग ले 'संत निवास' बनाए जाथे, जिहां प्रवचन अऊ धार्मिक गोठ-बात होथे।
  • सांस्कृतिक कार्यक्रम: संझा के बखत छत्तीसगढ़ी कला अऊ संस्कृति ल देखाए बर बड़े मंच मा नाच-गान अऊ लोक कला के परदरसन होथे।
  • त्रिवेणी स्नान: माघी पुन्नी के दिन संगम मा डुबकी लगाए के खास महता हे, जेला मोक्ष दइनी माने जाथे।

धार्मिक महतव अऊ इतिहास

​राजिम नगरी अपन प्राचीन मंदिर मन बर जाने जाथे। इहां 11वीं सदी के भव्य भगवान राजीव लोचन के मंदिर हे, जेकर दर्सन बर लोगन तरसत रहिथें। ओही च मिंझोत नदी के बीच मा भगवान कुलेश्वर महादेव विराजमान हें। माने जाथे कि राजिम के दर्सन के बिना जगन्नाथ पुरी के जात्रा अधूरा रहिथे।

राजिम पहुँचे के रद्दा (कैसे पहुँचें?)

​राजिम ह छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर ले लगभग 45 किलोमीटर के दूरी मा हे। इहाँ पहुँचे बर तीन बड़े साधन हें:

1. हवाई जहाज ले (By Air)

  • ​सबले पहिली आप मन ल स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डा, रायपुर आना पड़ही।
  • ​इहाँ बर दिल्ली, मुंबई, कोलकाता अऊ बेंगलुरु कस बड़े सहर मन ले सिधा उड़ान मिलथे। रायपुर एयरपोर्ट ले राजिम बर आप मन टैक्सी या बस धर के एक घंटा मा पहुँच सकत हव।

2. रेल गाड़ी ले (By Rail)

  • रायपुर जंक्शन ह देस के सबले बड़े रेलवे स्टेशन मन मा एक हे। आप मन कहुं भी ले रायपुर बर ट्रेन धर सकत हव।

3. बस या गाड़ी ले (By Road)

  • ​रायपुर के भाठागांव बस स्टैंड ले राजिम बर हर 15-20 मिनट मा बस मिलथे।
  • ​अगर आप मन अपन खुद के गाड़ी मा आवत हव, त रायपुर-धमतरी रद्दा ले अभनपुर होत हुए राजिम पहुँच सकत हव। रद्दा एकदम चकाचक बने हे।

न्योता (पर्यटकों के लिए आमंत्रण)

"जय जोहार, जय छत्तीसगढ़!"

​जम्मों देस-बिदेस के संगवारी मन ल राजिम माघी पुन्नी मेला मा आए बर सादर न्योता हे। आहूँ! महानदी, पैरी अऊ सोँढूर नदी के पावन संगम मा डुबकी लगावा अऊ भगवान राजीव लोचन के दर्सन करव। छत्तीसगढ़ के महतारी के कोरा मा आप मन ल सुग्घर संस्कृति, लोक कला अऊ साधु-संत मन के आसीरबाद मिलही।

"एक बार त जरूर आओ हमर राजिम मेला!"

राजिम मेला देखे ल आए के बाद आप मन आस-पास अउ कई ठन सुग्घर जगह मा घूम सकत हे:

1. राजिम के भीतर घूमे के जगह (Local Attractions)

  • राजीव लोचन मंदिर: ये भगवान विष्णु के बहुत पुराना मंदिर हे। इहाँ के पत्थर मा उकेरे गे कलाकारी ल देख के आप मन दंग रह जाहू।
  • कुलेश्वर महादेव मंदिर: नदी के बीचों-बीच बने ए मंदिर ह बहुत सांत अउ सुग्घर हे। बाढ़ आए के बखत घलो ए मंदिर ल कुछु नई होवय।
  • लक्ष्मण झूला: नदी के ऊपर बने ए सस्पेंशन ब्रिज (झूलना पुल) मा चले के अउ फोटो खिंचवाए के अलग आनंद हे। संझा के बेरा इहाँ के 'गंगा आरती' जरूर देखहू।

2. गरियाबंद डहर के सुग्घर जगह (Natural Sites)

​राजिम ले थोकिन दूरिहा मा गरियाबंद जिला मा प्रकृति के सुंदर नजारा हे:

  • जतमई अउ घटारानी (25-30 किमी): इहाँ पहाड़ के ऊपर माता के मंदिर हे अउ ओकर बगल ले सुग्घर झरना बहथे। पिकनिक मनाए बर ये सबले बढ़िया जगह हे।
  • भतेश्वरनाथ (मरौदा, 50 किमी): इहाँ दुनिया के सबले बड़े प्राकृतिक शिवलिंग हे। मान जाथे कि ए शिवलिंग के लंबाई हर बछर अपन-आप बढ़थे।
  • चिंगरा पगार: ये घलो एक ठन सुग्घर झरना हे, जेहा जंगल के बीच मा बसे हे।

3. रद्दा मा परइया अउ जगह (Nearby Sites)

  • चंपारण (15 किमी): महाप्रभु वल्लभाचार्य जी के जनम भूमि हे। इहाँ के मंदिर अउ सांति आप मन के मन ल मोह लेही।
  • नया रायपुर (25 किमी): वापसी मा आप मन नया रायपुर के जंगल सफारी अउ पुरखौती मुक्तांगन देख सकत हव। पुरखौती मुक्तांगन मा पूरा छत्तीसगढ़ के संस्कृति ल मूर्ति मन के माध्यम ले दिखाए गे हे।
  • सिरपुर (50 किमी): अगर आप मन ल इतिहास पसंद हे, त सिरपुर के लक्ष्मण मंदिर (ईंटा ले बने मंदिर) अउ बौद्ध विहार जरूर देखहू।

घूमे बर कुछ जरूरी सलाह:

  1. गाड़ी के सुबिधा: राजिम ले जतमई-घटारानी जाए बर आप मन ल खुद के गाड़ी या टैक्सी करना जादा अच्छा रहिही।
  2. खान-पान: राजिम मा आप मन ल छत्तीसगढ़ी कलेवा (चीला, फरा, मुठिया) के सवाद चखे बर मिलही, जेला झन छोड़हू।

राजिम, चंपारण, जतमई और घटारानी पहुँचने के लिए गूगल मैप्स के लिंक नीचे दिए गए हैं। आप इन पर क्लिक करके सीधे नेविगेशन शुरू कर सकते हैं:

1. राजिम (राजीव लोचन मंदिर)

​यह भगवान विष्णु का एक प्राचीन और प्रमुख मंदिर है।

2. चंपारण (श्री महाप्रभुजी बैठकजी)

​यह महाप्रभु वल्लभाचार्य की जन्मस्थली है।

  • गूगल मैप्स लिंक: चंपारण टेंपल
  • विशेषता: यहाँ का शांत वातावरण और सुंदर मंदिर भक्तों को आकर्षित करते हैं।

3. जतमई माता मंदिर और वॉटरफॉल

​यह पहाड़ों के बीच स्थित माता का एक सुंदर मंदिर है जहाँ पास में ही झरना भी है।

4. घटारानी वॉटरफॉल और मंदिर

​यह जतमई से लगभग 10-15 किमी की दूरी पर है और यहाँ का झरना काफी विशाल और सुंदर है।

यात्रा के लिए सुझाव:

  • ​अगर आप रायपुर से अपनी यात्रा शुरू कर रहे हैं, तो सबसे पहले चंपारण जाएँ, फिर राजिम और अंत में जतमई-घटारानी की ओर बढ़ें।
  • ​जतमई और घटारानी जाने के लिए अपनी खुद की गाड़ी या टैक्सी करना सबसे सुविधाजनक रहेगा क्योंकि यहाँ सार्वजनिक परिवहन थोड़ा कम उपलब्ध है।

​आपकी यात्रा मंगलमय हो!



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