अनुराग बसु : छत्तीसगढ़ के धरती ले उभरे सिनेमा के संवेदनशील कथाकार

अंजोर
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अनुराग बसु : छत्तीसगढ़ के धरती ले उभरे सिनेमा के संवेदनशील कथाकार


भारतीय सिनेमा म कहानी कहे के शैली ल नवा आयाम देवइया फिलिम निर्देशक अनुराग बसु के जनम 8 मई 1970 के भिलाई (तत्कालीन मध्यप्रदेश, अब छत्तीसगढ़) म होइस। वो सिरिफ एक निर्देशक नहीं, बल्कि एक संवेदनशील कथाकार, उत्कृष्ट पटकथा लेखक, छायाकार अउ निर्माता तको हावय। उंकर फिलिम म प्रेम, मानवीय संवेदना, ईर्ष्या, नैतिक द्वंद्व अउ रिश्ता के जटिलता जइसे विषय गहराई ले उभरते हावय।

हाल ही म छत्तीसगढ़ सरकार ह अनुराग बसु ल ‘किशोर साहू सम्मान’ ले सम्मानित करिन, ये सम्मान न सिरिफ उंकर रचनात्मक कौशल के सम्मा न हावय, बल्कि छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक भूमि ले निकले एक कलाकार के वैश्विक पहचान के चिन्हारी तको हावय।

प्रारंभिक जीवन अउ शिक्षा-

अनुराग बसु के जनम भिलाई के एक उच्च-मध्यमवर्गीय बंगाली हिंदू परिवार म होइस। उंकर पिता सुब्रतो बोस भिलाई स्टील प्लांट के कोक-ओवन विभाग म कार्यरत रिहिस, जबकि उंकर माँ दीपशिखा बोस शिक्षा विभाग म (ऑर्गेनिक केमिस्ट्री) के अध्यापक रिहिस। दुनों झन रंगमंच के प्रतिष्ठित कलाकार रिहिन हावय अउ ओमन भिलाई के सांस्कृतिक मंच म अपन नाट्य समूह ‘अभियान’ के माध्यम ले कई साल तक सक्रिय योगदान दीस।
माता-पिता के सान्निध्य म अनुराग ह नानपन ले ही रंगकर्म अउ सिनेमा के प्रति गहरी रुचि विकसित करिस। वो अक्सर अपन पिता के नाटक के मंचन म तकनीकी मदद करत रिहिस अउ अभिनय, निर्देशन अउ मंच-सज्जा के सबो पहलु ल लकठा ले देखत रिहिस।

अनुराग ह अपन प्रारंभिक शिक्षा बीएसपी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सेक्टर-4, भिलाई ले करिस। वो एक मेधावी पढ़ईया रिहिन अउ विज्ञान विषय म गहरी रुचि रखत रिहिस। आगू चलके ओमन मुंबई विश्वविद्यालय ले भौतिकी म स्नातक करिन। प्रारंभिक रूप ले उंकर सपना एफटीआईआई, पुणे ले सिनेमैटोग्राफी के पढ़ाई करे रिहिस, फेर कॉलेज के दिन म ही ओला फिलिम बनाये के क्षेत्र म व्यावहारिक अनुभव पाये के मउका मिल गे।

टीवी ले सिनेमा तक के यात्रा-


अनुराग बसु ह 1994 म टीवी धारावाहिक ‘तारा’ म सहायक निर्देशक के रूप म अपन करियर सुरू करिन। ये शो भारतीय टेलीविजन के मील के पथरा माने जाथे। छह महीना के भीतर ही ओला लगभग 712 एपिसोड्स के निर्देशन के जिम्मेदारी दीस गे, ये उंकर कौशल अउ अनुशासन के परमान आए।

ओमन थ्रिलर, हॉरर अउ फैमिली ड्रामा जइसे कई जॉनर म प्रयोग करिस। उंकर निर्देशन म बने टीवी शो ‘Saturday Suspense’, ‘Ajeeb Dastaan’, अउ ‘X-Zone’ देखइया के बीच लोकप्रिय होइस।

साल 2000 म बालाजी टेलीफिल्म्स के प्रस्तुति ‘कोशिश... एक आशा’ ह ओला घर-घर परसिध कर दीस। येकर अलावा ओमन कई लोकप्रिय धारावाहिक जइसे ‘क्योंकि सास भी कभू बहू थी’, ‘कहानी घर घर की’ अउ ‘कसौटी जिनगी की’ के पायलट एपिसोड्स निर्देशित करिस।

ओमन अपन प्रोडक्शन कंपनी सुरू करके अउ Zee TV अउ Sony Entertainment Television के खातिर धारावाहिक बनाइस, जेमे ‘मंजिलें अपन अपनी’, ‘मीट’ (जो रवीन्द्रनाथ टैगोर के उपन्यास नौकाडुबी म आधारित रिहिस), ‘थ्रिलर एट टेन’ अउ आन हॉरर शृंखलाएँ सामिल हावय।

2000 म ओला RAPA (Radio and TV Advertisers Practitioners Association) डहर ले सबले बढि़या निर्देशक के पुरस्कार मिलिस  अउ दू साल बाद आशीर्वाद अवॉर्ड ले तको सम्मानित करे गिस।

2007 म ओमन कॉलेज ड्रामा ‘लव स्टोरी’ के निर्देशन करिन अउ 2010 म बंगाली रियलिटी शो ‘के होबे बिगेस्ट फैन’ ल होस्ट करिन। उनकर धारावाहिक ‘स्टोरीज़ बाय रवीन्द्रनाथ टैगोर’ Netflix अउ EPIC Channel म प्रसारित होइस अउ ओला बड़का बढ़ई मिलिस।

फ़िल्म करियर : संघर्ष ले सफलता तक-

अनुराग बसु ह सिनेमा म अपन शुरुआत अभिनेता के रूप म करिन, जब ओमन ‘दलाल’ (1993) म एक छोटे किरदार म अभिनय करिन।

2003 म ओमन ‘कुछ तो है’ ले निर्देशन के शुरुआत करिन, येकर बाद ‘सायां’ रिलीज़ होइस, दुनों फिलिम असफल रहिस।
फेर 2004 म आये ‘मर्डर’ ह ओला रातों-रात परसिध कर दीस। इमरान हाशमी अउ मल्लिका शेरावत अभिनीत ये फिलिम भारतीय सिनेमा म बोल्ड विषय के नवा शुरुआत रिहिस। 

उही साल ओमन ‘तुमसा नहीं देखा’ बनाईस, फेर शूटिंग के बखत वो बीमारी ले पीड़ित हो गे। इलाज के बखत तको ओमन अस्पताल ले निर्देश देना जारी रिखस। उंकर ए जिजीविषा अउ समर्पण ह फिलिम जगत ल प्रेरित करिन।

2006 म ओमन ‘गैंगस्टर: अ लव स्टोरी’ बनाइस, जेन इमरान हाशमी अउ कंगना रनौत ल नवा पहचान दीस। फिलिम के कहानी, संगीत अउ भावनात्मक गहराई ह देखइया ल प्रभावित करिन।

येकर बाद आये ‘लाइफ ये ए... मेट्रो’ (2007) ह ओला सिनेमा के परिपक्व कथाकार के रूप म स्थापित कर दिस। ए फिलिम ह ओला फिल्मफेयर सबले बढि़या पटकथा पुरस्कार देवाइस अउ सबले बढि़या निर्देशक के खातिर नामांकन तको मिलिस।

2010 म उंकर फिलिम ‘काइट्स’ रिलीज़ अइस, एक अंतरराष्ट्रीय प्रेमकथा जेमा ऋतिक रोशन अउ बारबरा मोरी ह अभिनय करिन। काबर ते फिलिम मिश्रित समीक्षा पाये के बावजूद दृश्यात्मक रूप ले शानदार माने गिस।

2012 म आये ‘बर्फी!’ ह अनुराग बसु ल हिंदी सिनेमा के सबले बढि़या निर्देशक मनके पंक्ति म खड़ा कर दीस। रणबीर कपूर, प्रियंका चोपड़ा अउ इलियाना डी’क्रूज़ अभिनीत ए फिलिम ल विश्वभर म सहराइस। ये फिलिम ₹1.75 अरब के कमाई के संग साल के छठी सबले बड़का हिट रिहिस अउ कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीतिस।

बाद के दौर अउ नवा प्रयोग-

पाँच साल के अंतराल के बाद 2017 म बसु ह ‘जग्गा जासूस’ के संग वापसी करिस। फिलिम के संगीत, दृश्य सौंदर्य अउ कहानी कहे के शैली के बड़ई होइस, फेर व्यावसायिक रूप ले ये असफल रहिस।

2020 म ओमन Netflix के खातिर ‘लूडो’ बनाई, जेमा ओमन स्वयं छायांकन तको करिन। चार कहानी ल जोड़त ए फिलिम ह ओला फेर ले आलोचक मन के बड़ई अउ फिल्मफेयर सबले बढि़या निर्देशक के तीसरइया नामांकन तक पहुँचाअस।

सम्मान अउ छत्तीसगढ़ ले जुड़ाव- 

भिलाई ले निकले अनुगरा बसु ह जेन रकम ले भारतीय सिनेमा म अपन आने पहचान बनाईस, वो ह छत्तीसगढ़ के खातिर गर्व के विषय हावय। ओकर रचनात्मक योगदान ल देखत छत्तीसगढ़ सरकार ह ओला ‘किशोर साहू सम्मान’ दिस, ये सम्मान छत्तीसगढ़ी भूमि ले जुड़े सिने-निर्माता के परंपरा ल आगू बढ़ाये के उदीम करत हावय। अनुराग बसु भारतीय सिनेमा म एक अइसे निर्देशक हावय, जेन कहानी कहे के कला, संवेदना अउ तकनीक के अद्भुत संगम बनाइस।

भिलाई जइसे औद्योगिक नगर ले निकलके ओमन मुंबई के फिलिम इंडस्ट्री म अपन आने पहचान बनाईस। उंकर यात्रा ये सिद्ध करत हावय के छत्तीसगढ़ के माटी सिरिफ धातु अउ खनिज के नहीं, बल्कि कला अउ सृजनशीलता के तको भूमि हावय।
स्त्रोत- विकीपीडिया, समाचार पत्र
छत्तीसगढ़ी अनुवादक -जयंत साहू

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