संबलपुर के करमा तिहार म शामिल होईन महिला अउ बाल विकास मत्री लक्ष्मी राजवाड़े

अंजोर
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संबलपुर के करमा तिहार म शामिल होईन महिला अउ बाल विकास मत्री लक्ष्मी राजवाड़े


छत्तीसगढ़ के समृद्ध लोकपरंपरा अउ जनभावना ले जुड़इय्या प्रमुख पर्व करमा तिहार ला सूरजपुर जिला के ग्राम पंचायत संबलपुर म बड़े धूमधाम, गीत-नृत्य अउ पारंपरिक रंग-रस के संग मनाय गिस। इही मउका म प्रदेश के महिला अउ बाल विकास, समाज कल्याण मत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े मुख्य अतिथि के रूप म शामिल होईन।

मत्री राजवाड़े ह ग्रामवासी मन संग बइठके करमा तिहार के पारंपरिक गीत सुनिन, ढोल-मांदर के ताल म बाजत करमा नाचा देखिन अउ खुदे उत्सव म रंगा गिन। वो ह ग्रामीण मन ला करमा तिहार के हार्दिक बधाई अउ शुभकामना देत कहिन–"करमा तिहार भाईचारा, सामूहिकता अउ मेहनत के संस्कृति के पर्व आय। ये हमर गांव-गांव म बसत संगी-साथी मन के अपनापन ला अउ गाढ़ा करथे। करमा पूजा सिरिफ एक दिन के तिहार नइये, बल्कि ये हमर लोक संस्कृति अउ एकता के पहचान आय।"
मत्री ह विशेषकर महिला, नवजवान अउ लइका मन ला सम्बोधित करिन अउ कहिन– "आप मन अपन परंपरा ला जिन्दा रखव। नाचा-गाना, रीति-रिवाज, लोकगीत अउ लोकनाचा। येच सब्बो चीज हमर छत्तीसगढ़ के असली पहचान हावय। आधुनिकता संग चलते चलो, फेर अपन जड़ ला झन भूलाव।"

संबलपुर अउ आसपास के गांव मन ले आए कलाकार मन करमा नाचा, पारंपरिक गीत अउ लोककला के बखान करत मच ला रंगीन बना दिस। मांदर, झांझ अउ ढोलक के गूंज ले पूरा मड़वा गूंज उठिस।गांव के बूढ़ा-बुजुर्ग मन झूम उठिन, महिलामन पारंपरिक लुगरा अउ गहना म सज-धज के करमा गीत गाइन, नवजवान मन टोली बना के नाचिन अउ लइका मन घलो उत्सव म खुश होके भाग लीन।

करमा नाचा



गांव वाले मन मत्री राजवाड़े के पारंपरिक रीति-रिवाज ले स्वागत करिन– तिलक, आरती, फूल-माला अउ मड़वा भितरी करमा डार पूजा देखाय गिन। पूरा कार्यक्रम म उत्साह अउ उमग के माहौल बन गे रहिस।

मत्री राजवाड़े ह अंत म फेर एक बात दोहराइन कि- "करमा हमन ला अपन धरती, अपन माटी अउ अपन संस्कृति ले जोड़े रखथे। येकर संग न सिरिफ पूजा, बल्कि आपसी सहयोग अउ अपन परंपरा के गान घलो जुड़ाय हावे।"

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