छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. परदेशीराम वर्मा के आत्मकथा "सुरंग के उस पार" के विमोचन समारोह के आयोजन स्पीकर हाउस के सभागार करे गिस, जेमा माई पहुना प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अउ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमनसिंह रिहिन अउ छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत खास पहुना रिहिस ये मउका म प्रदेश के गनमान्य विद्वान, साहित्यकार, बुद्धिजीवी मन उपस्थिति रहिन।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. परदेशीराम वर्मा जी के आत्मकथा "सुरंग के उस पार" किताब के विमोचन करे गिस। ए आत्मकथा सिरिफ एक साहित्यिक रचना नइये, बल्कि वर्मा जी के जिनगी के संघर्ष, अनुभव अऊ समाज बर दिशा देय वाले प्रसंग ला समेटे हवय। किताब म वर्मा जी अपन बालपन के कठिन परिस्थिति ले साहित्यिक अऊ सामाजिक जीवन के यात्रा बखान करे हवंय।
कार्यक्रम मं आगु बतावत डॉ. चरणदास महंत जी कहिन के– "परदेशीराम वर्मा जी के लेखनी म छत्तीसगढ़ के माटी के गंध, अपनापन अऊ जिनगी के संघर्ष के कथा ह जीवित हो जाथे। आत्मकथा ‘सुरंग के उस पार’ ह नई पीढ़ी बर प्रेरणा के दीपक बनही।"
प्रदेश के अनेक प्रबुद्धजन मन घलो अपन विचार रखत वर्मा जी के योगदान ला रेखांकित करिन। सबो मन कहिन के वर्मा जी के आत्मकथा ह सिरिफ व्यक्तिगत जीवन के यात्रा नइ, बल्कि समाजिक, सांस्कृतिक अऊ साहित्यिक धरोहर ला उजागर करे वाला दस्तावेज आय।
"सुरंग के उस पार" ला छत्तीसगढ़ साहित्यिक परिवार एक मील पत्थर मानत हावय, जेकर माध्यम ले नवा पीढ़ी ह संघर्ष, संकल्प अऊ सफलता के सही मायना ला समझही।
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