अंजोर.रायपुर। आदिम जाति अउ अनुसूचित जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ह किहिन हावय के राज्य म जनजाति समुदाय के वाचिक परंपरा के संरक्षण के खातिर इही ल अभिलेखिकरण के संग ही ए परंपरा ले अगली पीढ़ी के आरो कराना तको जरूरी हावय। डा. टेकाम आज आदिम जाति अनुसंधान अउ प्रशिक्षण संस्थान म 3 दिवसीय ’जनजातीय वाचिकोत्सव 2023’ के सुरू सत्र ल संबोधित करत रिहिस। येकर आयोजन 27 मई तक आदिमजातीय अनुसंधान अउ प्रशिक्षण संस्थान डहर ले भारत सरकार जनजाति कार्य मंत्रालय अउ राज्य शासन के सहयोग ले करे जात हावय। जनजाति वाचिकोत्सव म 09 विधा मन म 240 जनजाति वाचक सहभागिता करत हावय।
मंत्री डॉ. टेकाम ह किहिन के राज्य म जनजाति समुदाय के वाचिक परंपरा लिखित म नइ हावय फेर भी ये समुदाय वाचिक परंपरा के अनुसरण करत हावय। प्रदेस म आने-आने भाषा के बोलइया लोगन हावयं अउ क्षेत्र के मुताबिक उंकर बोली हावय। ये समुदाय म उंकर उक पुरूष या पुरखा मन डहर ले बताये गे कथा, कहानी, लोकोक्ति, देवी-देवता के स्तुति, आने-आने मउका म गाए जाये वाला लोकगीत उक के पाछु छुपे उंकर अवधारणा, मान्यता, कहानी, मिथक जेन प्रारब्ध म केऊ साल ले पीढ़ी दर पीढ़ी मौखिक या अलिखित रूप म हावय।
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