फिल्म समीक्षा : केवल मनोरंजक फ़िल्म आए ‘ले सुरू होगे मया के कहानी’

अंजोर
0
फिल्मी समीक्षा : केवल मनोरंजक फ़िल्म आय ‘ले शुरू होगे मया के कहानी’


फिल्म निर्माता छोटेलाल साहू के फ़िल्म "ले शुरू होगे मया के कहानी" 5 मई के छत्तीसगढ़ के सिनेमाघर म प्रदर्शित होगे। सतीश जैन के निर्देशन म बने ये फ़िल्म के पटकथा, संवाद अउ गीत भी सतीश जैन ही लिखे हे। ये फ़िल्म के नायक अमलेश नागेश अउ नायिका एल्सा घोष हवय। पूरा फिल्म वनांचल कसडोल अउ ओकर आस-पास फिल्माय गे हवय।


फिल्मी समीक्षा : केवल मनोरंजक फ़िल्म आय ‘ले शुरू होगे मया के कहानी’


ये फिल्म एक अइसन लड़का विद्यासागर (अमलेश नागेश) के आय जेन पढ़ाई म बनेच कमजोर हवय अउ फेल हो-हो के पढ़त हवय। अभी वो 11 वीं म 2 बार फेल हो चुके हे। उही स्कूल के 12 वीं कक्षा म ज्योति(एल्सा घोष) नाम के अइसन विद्यार्थी प्रवेश लेथे जउन प्रतिभावान हे अउ हर बछर मेरिट म आथे। नायिका के पिताजी उही स्कूल म प्रिंसिपल हवय जेन अनुशासन म कड़क हवय। विद्यासागर अउ ज्योति एक दूसर ले प्रेम करे लगथे। जब घर वाले मन ल पता लगथे तब बहुत बवाल होथे। वोकर बाद भी दूनो झन मया करे ल नइ छोड़य अउ एक अइसन निर्णय लेथे जेन असहज हे -नायिका कहिथे के मैं ये साल 12 वीं म फेल होहूँ  अउ तँय मन लगा के पढ़बे। महूँ तोला पढ़ाहूँ तँय पास हो जाबे। फेर जब हमन एक संग कालेज म चल देबो तब हमन ला मिले ले कोनो नइ रोक सकय। लेकिन जब रिजल्ट आथे तब दूनो के दूनो फेल हो जाथे विद्यासागर येहू बछर पास नइ हो पाय।


गुस्सा म आ के ज्योति ल वोकर बाप अपन छोटे भाई के घर कवर्धा भेज देथे जेन पुलिस इंस्पेक्टर हवय। नायिका के बिहाव दूसर लड़का ले तय कर देथे। जब विद्यासागर ल पता चलथे तब वो अपन संगवारी मन संग मिलके बिहतरा घर ले ज्योति ला ले आथे अउ मंदिर म सात फेरा ले लेथे। फेर लड़की के चाचा जेन पुलिस इंस्पेक्टर हवय लड़का ल गिरफ्तार करके लड़की के अपहरण अउ जबरदस्ती शादी करे के मामला बना के नायक ल जेल म डाल देथे। मामला अदालत म पहुँच जाथे जिहाँ धमकी के बावजूद लड़की बयान देथे कि मँय अपन मर्जी ले बिहाव करे हँव। तब तक दूनो झन बालिग हो जाय रहिथे अइसन दिखाय गे हे । बालिग होय के कारण अदालत नायक ल बरी कर देथे अउ नायिका ल नायक के साथ भेज देथे। अब दूनो झन साथ-साथ उही स्कूल म फेर पढ़ई शुरू करथे।


फ़िल्म म येहू देखाय गे हवय कि नायिका शादी के बाद गर्भवती हो जाथे अउ 12 वीं कक्षा पढ़े ल जात हवय अइसन दृश्य गला ले नइ उतरय। सतीश जैन जी जइसन परिपक्व डायरेक्टर केवल ये लिख के कि इस फ़िल्म के सभी पात्र काल्पनिक है अपन जिम्मेदारी ले नइ बोचक सकय। केवल मनोरंजन के दृष्टिकोण से नायक अउ नायिका के प्रेम कथा लिखना अनुचित प्रतीत होथे उहू तब जब 11 वीं अउ 12 वीं के लइका मन ऊपर फिल्मांकन करत हव,काबर ये उमर उँकर पढ़े लिखे के आय अउ ये समय उन नाबालिग ही रहिथें। कई बार के फेल होवइया लड़का ल होनहार बालिका के संग अफेयर करत दिखाना कहाँ तक उचित हे ? ये फ़िल्म के कमजोर पक्ष आय। लइका के माँ बाप अपन लइका ल पढ़ई लिखय छोड़ के मया करे अउ बिहाव बर कोनो दाई ददा राजी नइ होवय।


केवल मनोरंजन के लिहाज से ये फिल्म सफल हवय। फ़िल्म म कोनो मेर अश्लीलता तो नइ हे फेर येला पारिवारिक फ़िल्म भी नइ कहे जा सकय। ये विशुद्ध रूप से व्यावसायिक फ़िल्म हे जेमा मनोरंजन के भरपूर मसाला हवय। फ़िल्म के पहिली दिन तो केवल टीन एजर्स अउ टपोरी किसम के दर्शक मन ही नजर आइस। फ़िल्म के गीत-संगीत सुग्घर हवय जेकर ले दर्शक सिनेमाघर म उमड़त हवय। गायक सुनील सोनी अउ गायिका अनुपमा मिश्रा के गीत मन सुग्घर हवय।
अजय अमृतांशु, भाटापारा
Chhotelal Sahu

Satish Jain


 

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

सबो पाठक ल जोहार..,
हमर बेवसाइट म ठेठ छत्तीसगढ़ी के बजाए रइपुरिहा भासा के उपयोग करे हाबन, जेकर ल आन मन तको हमर भाखा ल आसानी ले समझ सके...
छत्तीसगढ़ी म समाचार परोसे के ये उदीम कइसे लागिस, अपन बिचार जरूर लिखव।
महतारी भाखा के सम्मान म- पढ़बो, लिखबो, बोलबो अउ बगराबोन छत्तीसगढ़ी।

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !