वन अधिकार मान्यता पाती पाये हितग्राही मनके आर्थिक विकास बर जबर उदीम

अंजोर
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वन अधिकार मान्यता पाती पाये हितग्राही मनके आर्थिक विकास बर जबर उदीम
वन अधिकार मान्यता पाती पाये हितग्राही


अंजोर.जगदलपुर। वन म आश्रित आदिवासी मन अउ आन परंपरागत निवासी मनला छत्तीसगढ़ शासन डहर ले प्राथमिकता के संग वन अधिकार पाती दे जात हावय। वन म निवास करत अनुसूचित जनजाति अउ आन परंपरागत निवासी मन ला मान्यता मिले अधिकार म दीर्घकालीन उपयोग के खातिर जिम्मेदारी अउ प्राधिकार, जैव विविधता के संरक्षण अउ पारिस्थितिकी संतुलन के बनाए रखना अउ निवासी मनके जीविका अउ खाद्य सुरक्षा के सुनिश्चित करत समय जंगल के संरक्षण बेवस्था के मजबूत करे के खातिर भूमि सुधार, मेढ़ बंधान, कुआं अउ डबरी निर्माण, अउ पशुपालन के खातिर शेड बनाये के बुता करे जात हावयं। येकर लाभ सघन वन आच्छादित बस्तर संभाग के निवासी मन के प्रमुखता के संग होवत हाबे।

मनरेगा ले बस्तर संभाग म वनाधिकार मान्यता पाती के 01 लाख 54 हजार 836 हितग्राही मन के 56 हजार 569 व्यक्तिमूलक बुताकी स्वीकृति दीस गे हावय। जेमा सातों जिला म लगभग 203 करोड़ 70 लाख रूपिया के लागत ले भूमि सुधार अउ मेढ़ बंधान बर 40 हजार 980 कार्य, 14 करोड़ 90 लाख रूपिया के लागत ले 701 कुआं निर्माण, 201 करोड़ 82 लाख रूपिया के लागत 8104 ले डबरी अउ फिशपौंड निमार्ण, 1ं4 करोड़ 15 लाख रूपिया के लागत ले 188 निजी तालाब, 35 करोड़ 23 लाख रूपिया के लागत ले 06 हजार 596 गाय, बकरी, सुअर कुकरी शेड बनाये बुता के स्वीकृति दे  हावय।

येकर संग ही वनाधिकार मान्यता पाती के भूमि बर किसान क्रेडिट कारड तको दे हावयं, जेकर ले कृषि बुता बर एमन ल अल्प ब्याज म करजा सहजता ले हो सके। वन अधिकार मान्यता पाती धारक हितग्राही के आर्थिक विकास के खातिर शासन के योजना मन के तहत स्वरोजगार स्थापना बर करजा दे के बुता म तको प्राथमिकता दे जाथे अउ ए भूमि म कृषि अउ वनोपज के प्रसंस्करण ले संबंधित लघु उद्योग के स्थापना के बुता प्राथमिकता के आधार म करे जात हावय। आदिवासी मन अउ आन परंपरागत निवासी मन के वन अधिकार मान्यता पाती दे जाये ले वन संरक्षण के प्रति उंकर भावना अउ जादा मजबूत देखाइस दे हावय।

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