नवा मछरी पालन नीति ल मिलिस केबिनेट के मंजूरी, 10 साल के पट्टा म मिलही तालाब

अंजोर
0
नवा  मछरी पालन नीति ल मिलिस केबिनेट के मंजूरी, 10 साल के पट्टा म मिलही तालाब

अंजोर.रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अध्यक्षता म आयोजित मंत्रिपरिषद के बइठक म छत्तीसगढ़ राज्य के नवा मछली पालन नीति म मछुआरा के हित के धियान म रखत संशोधन के मंजूरी दीस।

मछुआ समुदाय के लोगन के मांग अउ उंकर हित के संरक्षित करे के उद्देश्य ले नवा मछरी पालन नीति म तरिया अउ जलाशय के मछरी पालन के खातिर नीलामी करे के बजाय लीज म दे के संग ही वंशानुगत-परंपरागत मछुआ समुदाय के लोगन के प्राथमिकता दे के फइसला लिस। तरिया अउ सिंचाई जलाशय के जलक्षेत्र आबंटन सीमा म 50 फीसद के कमी करके जादा ले जादा मछुआरों के रोजी-रोजगार ले जोड़े के प्रावधान करे गे हावय। प्रति सदस्य के मान ले आबंटित जलक्षेत्र सीमा शर्त घटाने ले लाभान्वित मछरी पालक के संख्या दोगुना हो जाही। 

संशोधित नवा मछरी पालन नीति के मुताबिक मछली पालन के खातिर तरिया अउ सिंचाई जलाशय के नीलामी नइ करे जाही, बल्कि 10 साल के पट्टा म दे जाही। तरिया अउ जलाशय के आबंटन म सामान्य क्षेत्र म ढ़ीमर, निषाद, केंवट, कहार, कहरा, मल्लाह के मछुआ समूह अउ मछरी सहकारी समिति के अउ अनुसूचित जनजाति अधिसूचित क्षेत्र म अनुसूचित जनजाति वर्ग के मछुआ समूह अउ मछरी सहकारी समिति के प्राथमिकता दीस जाही। मछुआ ले तात्पर्य वो मनखे ले हावय, जेन अपन अजीविका के अर्जन मछरी पालन, मछरी धरे या मछरी बीजहा उत्पादन के बुता करत, के तहत वंशानुगत-परंपरागत धीवर (ढ़ीमर), निषाद (केंवट), कहार, कहरा, मल्लाह के प्राथमिकता दे जाना प्रस्तावित हावय।

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

सबो पाठक ल जोहार..,
हमर बेवसाइट म ठेठ छत्तीसगढ़ी के बजाए रइपुरिहा भासा के उपयोग करे हाबन, जेकर ल आन मन तको हमर भाखा ल आसानी ले समझ सके...
छत्तीसगढ़ी म समाचार परोसे के ये उदीम कइसे लागिस, अपन बिचार जरूर लिखव।
महतारी भाखा के सम्मान म- पढ़बो, लिखबो, बोलबो अउ बगराबोन छत्तीसगढ़ी।

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !