मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के सातवां चरण |
अंजोर.रायपुर। प्रदेश म मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के सातवां चरण के सुरू 1 दिसम्बर ले होही। राज्य के चार मलेरिया संवेदी जिला बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर अउ सुकमा म एक महीना तक ये अभियान संचालित करे जाही। मलेरिया के मामला के निम्नतम स्तर तक ले जाके पूरा मलेरिया मुक्त राज्य के लक्ष्य के हासिल करे के खातिर प्रदेस म सरलग ये अभियान चलाये जात हावय।
प्रदेश म मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के पाछु छह चरण के अच्छा नतीजा आए हावयं। प्रदेस म साल 2018 म वार्षिक परजीवी सूचकांक (एपीआई दर) 2.63 रिहिस, जेन अभी घटके 0.92 म आ गे हावय। बस्तर के संग-साथ समूचे छत्तीसगढ़ म मलेरिया संक्रमण के दर अब तक के सबले न्यूनतम स्तर तक पहुंच चुके हावय। मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के छटवां चरण म स्वास्थ्य विभाग के टीम ह सात लाख छह हजार घर म जाके 33 लाख 96 हजार 998 लोगन के मलेरिया जांच के रिहिस। ए बखत मलेरियाग्रस्त पाए गे लोगन के तुरते उपचार तको करे गिस।
1 दिसम्बर ले सुरू हो रिहिन सातवें चरण म तको स्वास्थ्य विभाग के टीम बस्तर संभाग के चार जिला बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर अउ सुकमा के घने जंगल अउ पहाड़ों ले घिरे दुर्गम अउ दूरस्थ इलाका म घर-घर पहुंच के सबो लोगन म मलेरिया के जांच करही। ए बखत पॉजिटिव पाए गे लोगन के तुरते मलेरिया के दवई खिलाई जाही। मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के तहत मलेरिया के जांच अउ इलाज के संग ही येकर ले बचाव के खातिर जन-जागरूकता संबंधी गतिविधी तको चलाये जाही। ए बखत लोगन के रोज मच्छरदानी के प्रयोग के खातिर प्रोत्साहित करे जाही। संग ही घर के आसपास जमे पानी अउ नालियों म डीडीटी या जले होइस तेल के छिड़काव करे जाही। घर के आसपास स्वच्छता बनाए रखे अउ मच्छर के पनपने ले रोके के उपाय तको लोगन ल बताए जाही।
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