कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान जगदलपुर |
अंजोर.जगदलपुर। जैव विविधता ले भरे अउ अपन प्राकृतिक सौंदर्य के खातिर विख्यात कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान जगदलपुर म पहिली बार होवत कांगेर घाटी चिरई सर्वेक्षण के बुता आज ले सुरू होगे हावय। चिरई मन के रहवास के खातिर अनुकूल जगह मानी जाये वाला ए घाटी म चिरई सर्वेक्षण के बुता कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान डहर ले बर्ड कॉउंत इंडिया अउ बर्ड एंड वाइल्ड लाइफ ऑफ छत्तीसगढ़ के सहयोग ले 25 नवंबर ले 27 नवंबर 2022 तक करे जाही। कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान निदेशक ह बताइन के ए सर्वेक्षण म देश के 11 राज्य के 56 चिरई विशेषज्ञ के चयन करे गे हावय। येकर ले राष्ट्रीय उद्यान प्रबंधन म मदद होही अउ ईको-टूरिज्म म बर्ड वॉचिंग के नवा आयाम सामिल होही।
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान म विशेषज्ञ डहर ले देश के आने-आने परिदृश्य म पाए जाये वाला चिरई मन के कांगेर घाटी ले संबंध अउ उंकर रहवास के समझे के प्रयास समय-समय म करे जात हावय। इहां भारत के पश्चिमी घाट अउ पूर्वीय हिमालय म पाए जाये वाला चिरई मन ल तको देखे गे हावय। आज छत्तीसगढ़ महाराष्ट्र, बीच प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, गुजरात, केरल, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, राजस्थान ले भाग लेवइया ए चिरई सर्वेक्षण म सामिल होए फॉरेस्ट ट्रेनिंग स्कूल पहुंचिस। कांगेर घाटी के आने-आने ट्रेल म ये चिरई विशेषज्ञ अब 27 नवंबर तक चिरई सर्वेक्षण के बुता करही। 03 दिन तक ये कांगेर घाटी के आने-आने चिरई रहवास के निरीक्षण करके इहां पाई जाये वाला चिरई मन के सर्वेक्षण करही। आज सीसीएफ, इंद्रावती टाइगर रिजर्व फिल्ड निर्देशक अभय श्रीवास्तव, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान निदेशक अउ एसडीओ डहर ले छत्तीसगढ़ म पाए जाये वाला 167 चिरई प्रजातियों के जानकारी ले संबंधित पॉकेट गाइड के विमोचन तको करे गिस।
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