मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पहल : अपन खेत के पेड़ ल स्वयं काटही अब किसान, अनुमति के जरूर नइये मात्र सूचना देना होही... पढ़व अंजोर छत्तीसगढ़ी समाचार म पूरा खबर

अंजोर
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अपन खेत के पेड़ ल स्वयं काटही अब किसान
अपन खेत के पेड़ ल स्वयं काटही अब किसान

अंजोर.रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पहल म राज्य शासन डहर ले निजी भूमि म कृषि के रूप म रोपित पेड़ अउ प्राकृतिक रूप ले उगे पेड़ के कटाई के नियम के सरलीकरण करे गे हावय। जेकर मुताबिक अब भूमिस्वामी अपन भूमि म कृषि के रूप म रोपित पेड़ के कटाई स्वयं करवा सकही। पेड़ के कटाई के खातिर अनुमति के जरूरत  नइ होही, ओला मात्र अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के सूचना देना होही। भूमिस्वामी वन विभाग ले तको पेड़ कटवा सकही। 

इही रकम ले भूमि म प्राकृतिक रूप ले उगे होइस पेड़ के कटाई के खातिर भूमिस्वामी के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के आवेदन देना होही। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के करार प्रक्रिया के तहत निश्चित समयावधि म लिखित अनुमति देना होही। यदि आवेदन करइया के समयावधि के बाद अनुमति नइ मिलती त वो पेड़ कटाई के खातिर स्वतंत्र होही। 

प्राकृतिक रूप ले उगे पेड़ के कटाई के अनुमति के खातिर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के आवेदन प्राप्ति के 45 बुता दिन के भीतर करार प्रक्रिया के तहत अनुमति देनी होही। यदि आवेदन करइया के लिखित अनुमति मिले नइ होवत हावय त वो सुरता पाती दे सकही। यदि अगले 30 कार्यदिवस के भीतर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व ले लिखित अनुमति मिले नइ होवत हावय त एला अनुमति माना जाही अउ भूमिस्वामी पेड़ के कटाई के खातिर स्वतंत्र होही। ए संबंध म होइस विलम्ब अउ नियम के उल्लंघन होवत  हावय त उंकर खातिर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व उत्तरदायी होही। यदि भूमि स्वामी चाहें त वन विभाग के माध्यम ले तको पेड़ के कटाई करा सकही। एक कैलेण्डर साल भूमि म प्राकृतिक रूप ले उगे अधिकतम 4 पेड़ प्रति एकड़ के मान ले अउ अधिकतम कुल 10 पेड़ के कटाई के अनुमति दे जा सकही। 

प्राकृतिक रूप ले उगे होइस पेड़ के कटाई के खातिर भूमिस्वामी डहर ले अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के दे गे आवेदन के आधार म राजस्व अधिकारी अउ वन अधिकारी डहर ले समिलहा निरीक्षण करिन जाही। पेड़ के संबंध म भूमि स्वामी के हक, राजस्व अभिलेखों म पंजीयन, पेड़ के शुष्कता/परिपक्वता, भूस्वामी के कृषि व्यवसाय के अपरिहार्यता उक के सामिल करत होइस निरीक्षण प्रतिवेदन 30 कार्यदिवस म दे जाही।

इही रकम ले भूमि स्वामी अपन भूमि म कृषि के रूप म रोपित पेड़ के कटाई, राजस्व अभिलेख म पंजीयन के आधार पर, करवा सकही। कटाई ले एक महीना पूर्व, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अउ वन परिक्षेत्र अधिकारी के कटाई के कारण, प्रजाति अउ संख्या साफ उल्लेखित करत होइस, सूचना करार प्रारूप म देना जरूरी होही। सूचना के सथ पंजीयन संबंधी राजस्व अभिलेख अउ स्वघोषणा पाती करार प्रारूप म देना होही। भूमिस्वामी डहर ले प्रस्तुत सूचना अउ स्वघोषणा पाती के दस्तावेजी अउ भौतिक सत्यापन, पेड़ कटाई के पहिली अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, पटवारी अउ वनपाल के माध्यम ले कराना सुनिश्चित करही।

वृक्ष कटाई के प्रक्रिया

भूमिस्वामी डहर ले लिखित म इच्छा व्यक्त करे  जाये पर, उंकर भूमि म कृषि के रूप म रोपित पेड़ अउ प्राकृतिक रूप ले उगे पेड़ के कटाई वन विभाग डहर ले के जा सकही। वन विभाग के आवेदन के प्राप्ति के 30 बुता दिन के भीतर, वन मण्डलाधिकारी पेड़ के कटाई अउ डिपो तक अभिवहन सुनिश्चित करत होइस करार दर म लकड़ी के कीमत परिगणित करत होइस, राज्य के अनुसूचित जनजाति वर्ग के भूमिस्वामी के संदर्भ म छत्तीसगढ़ आदिम जनजाति के संरक्षण (वृक्षों म हित) अधिनियम 1999 के प्रावधान के तहत कुल कीमत के 95 परतिसत रकम भूमि स्वामी के बैंक खाते म निक्षेपित कराएगा अउ बांचे 05 परतिसत रकम वन विभाग के करार खाते म जमा के जाही। जमा रकम से, सबोच काटे जाये वाला पेड़ के 05 गुना के संख्या म वन विभाग डहर ले वृक्षारोपण अउ उंकर अनुरक्षण करिन जाही। 

 छत्तीसगढ़ राज्य म जिहां छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता 1959 प्रभावशील हावय, उहां भूमि स्वामी के कृषि के रूप म रोपित अउ प्राकृतिक रूप ले उगे होइस पेड़ के कटाई के खातिर वन विभाग डहर ले आवेदन प्राप्ति के बाद 30 बुता दिन के भीतर अउ रोपित पेड़ के कटाई अउ डिपो तक परिवहन सुनिश्चित करत होइस अउ करार दर म लकड़ी के कीमत परिगणित करत होइस कुल कीमत के 90 परतिसत रकम भूमि स्वामी के बैंक खाते म जमा कराइन जाही अउ 10 परतिसत रकम वन विभाग के करार खाते म जमा के जाही। जमा रकम ले सबोच काटे जाये वाला पेड़ के 10 गुना के संख्या म वन विभाग डहर ले वृक्षारोपण अउ उंकर अनुरक्षण करिन जाही। वन विभाग डहर ले दुनों ही मामला म न्यूनतम 6 फीट के पेड़ रोपित करे जाही अउ रोपण के जानकारी सबोच साल अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के माध्यम ले कलेक्टर के दे जाही।

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