भारत के राष्ट्रपति पद के कार्यभार संभाले के मउका म श्रीमती द्रौपदी मुर्मु के सम्बोधन के छत्तीसगढ़ी अनुवाद पढ़व अंजोर म

अंजोर
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Smt. Draupadi Murmu the President of India on the occasion of taking over

जोहार!
भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद म निर्वाचित करे के खातिर मैं सबो सांसद अउ सबो विधानसभा सदस्य मन के हार्दिक आभार व्यक्त करत हावं।
आपके मत देश के करोड़ों नागरिक के विश्वास के अभिव्यक्ति हावय।
मैं भारत के सबो नागरिक के आशा-आकांक्षा अउ अधिकार के चिन्हारी ए पवित्र संसद ले सबो देशवासी मनके पूरा विनम्रता ले अभिनंदन करत हावं। आपकी आत्मीयता, तुँहर विश्वास अउ तुँहर सहयोग, मोर खातिर ए नवा दायित्व के निभाने म मोर बहुत बड़का ताकत होही।
मोला राष्ट्रपति के रूप म देश ह एक अइसे जरूरी कालखंड म चुने हावय जब हम अपन आज़ादी के अमृत महोत्सव मनात हावन।
आज ले कुछ दिन बाद ही देश अपन स्वाधीनता के 75 साल पूरा करही। ये भी एक संयोग हावय के जब देश अपन आजादी के 50वां साल के परब मनाथन तभी मोर राजनीतिक जीवन के शुरुआत होए रिहिस।
अउ आज आजादी के 75वें साल म मोला ये नया दायित्व मिले हावय।
अइसे ऐतिहासिक समय म जब भारत अगले 25 साल के विजन हासिल करे के खातिर पूरा ऊर्जा ले जुटे हावय, मोला ये जिम्मेदारी मिलना मेरा बहुत बड़का सौभाग्य हावय। मैं देश के अइसे पहिली राष्ट्रपति तको हावं जेकर जनम आज़ाद भारत म होइस।
हमारे स्वाधीनता सेनानी ह आजाद हिंदुस्तान के हम नागरिक ले जेन अपेक्षा के रिहिसं, उंकर पूर्ति के खातिर ए अमृतकाल म हमन ल तेज गति ले काम करे हावय।
ये 25 साल म अमृतकाल के सिद्धि के रद्दा दू पटरी म आगू बाढ़ही- सबके प्रयास अउ सबके कर्तव्य। भारत के उज्ज्वल भविष्य के नवा विकास यात्रा, हमन ल सबके प्रयास ले करना हावय, कर्तव्य पथ म चलत हावन।
कल यानि 26 जुलाई के कारगिल विजय दिवस तको हावय।
ये दिन, भारत के सेना के शौर्य अउ संयम, दुनों के ही चिन्हारी हावय।
मैं आज, देश के सेना के अउ देश के सबो नागरिक के कारगिल विजय दिवस के अग्रिम सुभकामना देत हावं।
मोर जीवन यात्रा पूर्वी भारत म ओडिशा के एक छोटे ले आदिवासी गाँव ले सुरू होए रिहिस। मैं जेन पृष्ठभूमि ले आत हावं, उहां मोर लिये प्रारंभिक शिक्षा तको एक सपना जइसे रिहिस।
लेकिन केऊ बाधा के बावजूद मोर संकल्प दृढ़ रिहिन अउ मैं कॉलेज जवइया अपन गांव के पहिली बेटी बनेवं।
मैं जनजातीय समाज ले हावं, अउ वार्ड कौन्सिलर ले लेके भारत के राष्ट्रपति बने तक के मउका मोला मिले  हावय। ये लोकतंत्र के जननी भारतवर्ष के महानता हावय।
ये हमर लोकतंत्र के ही शक्ति हावय के ओमा एक गरीब घर म पैदा होए बेटी, दूर-सुदूर आदिवासी क्षेत्र म पैदा होए बेटी, भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुंच सकत हावय।
राष्ट्रपति के पद तक पहुँचना, मोर व्यक्तिगत उपलब्धि नइ हावय, ये भारत के सबोच गरीब के उपलब्धि हावय।
मेरा निर्वाचन ए बात के सबूत हावय के भारत म गरीब सपना देख तको सकत हावय अउ ओला पूरा तको करके सकत हावय।
और ये मोर खातिर बहुत संतोष के बात हावय के जेन सदियों ले वंचित रिहिन, जेन विकास के लाभ ले दूरिहा रिहिन, वो गरीब, दलित, पिछड़े अउ आदिवासी मुझ म अपन प्रतिबिंब देख रिहिन हावयं।
मेरे ए निर्वाचन म देश के गरीब के आशीर्वाद सामिल हावय, देश के करोड़ों महिला मन अउ बेटी मन के सपना अउ सामर्थ्य के झलक हावय।
मेरे ए निर्वाचन में, जुन्ना लीक ले हटकर नवा रद्दा म चले वाला भारत के आज के युवा मन के साहस तको सामिल हावय।
ऐसे प्रगतिशील भारत के अगुवई करत होए आज मैं खुद के गौरवान्वित महसूस करके रही हावं।
मैं आज सबो देशवासियों को, विशेषकर भारत के युवा मन के अउ भारत के महिला मन के ये विश्वास दिलाती हावं के ए पद म बुता करत होए मोर खातिर उंकर हित सर्वोपरि होही।
मेरे आगू भारत के राष्ट्रपति पद के अइसे महान विरासत हावय जिसने विश्व म भारतीय लोकतन्त्र के प्रतिष्ठा के सरलग मजबूत करिन हावय।
देश के पहिली राष्ट्रपति डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद ले लेके  राम नाथ कोविन्द जी तक, केऊ विभूतियों ह ए पद के सुशोभित करिन हावय।
ए पद के संग संग देश ह ए महान परंपरा के प्रतिनिधित्व के दायित्व तको मोला सउपिस हावय।
संविधान के आलोक में, मैं पूरा निष्ठा ले अपन कर्तव्यों के निर्वहन करूंगी।
मेरे खातिर भारत के लोकतांत्रिक-सांस्कृतिक आदर्श अउ सबो देशवासी हमेशा मोर ऊर्जा के स्रोत रइही।
देवियों अउ सज्जनों,
हमारे स्वाधीनता संग्राम ह एक राष्ट्र के तौर म भारत के नवा यात्रा के रूपरेखा तइयार के रिहिस।
हमारा स्वाधीनता संग्राम उन संघर्षों अउ बलिदानों के अविरल धारा रिहिस जिसने आज़ाद भारत के खातिर कतका ही आदर्शों अउ संभावनाओं के सींचा था।
पूज्य बापू ह हमन ल स्वराज, स्वदेशी, स्वच्छता अउ सत्याग्रह डहर ले भारत के सांस्कृतिक आदर्शों के स्थापना के रद्दा देखाये था।
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, नेहरू जी, सरदार पटेल, बाबा साहेब आंबेडकर, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरू, चन्द्रशेखर आज़ाद जइसे अनगिनत स्वाधीनता सेनानियों ह हमन ल राष्ट्र के स्वाभिमान के सर्वोपरि रखे के शिक्षा दीस रिहिस।
रानी लक्ष्मीबाई, रानी वेलु नचियार, रानी गाइदिन्ल्यू अउ रानी चेन्नम्मा जइसे केऊ  वीरांगनाओं ह राष्ट्ररक्षा अउ राष्ट्रनिर्माण म नारीशक्ति के भूमिका के नवा ऊंचाई दीस रिहिस।
संथाल क्रांति, पाइका क्रांति ले लेके कोल क्रांति अउ भील क्रांति ह स्वतंत्रता संग्राम म आदिवासी योगदान के अउ सशक्त करिन था।
सामाजिक उत्थान अउ देश-प्रेम के खातिर ‘धरती आबा’ भगवान् बिरसा मुंडा जी के बलिदान ले हमन ल प्रेरणा मिले रिहिस।
मुझे खुशी हावय के आजादी के लड़ाई म जनजातीय समुदाय के योगदान के समर्पित केऊ म्यूजियम देशभर म बनवाए जा रिहिन हावयं।
देवियों अउ सज्जनों,
एक संसदीय लोकतंत्र के रूप म 75 साल म भारत ह प्रगति के संकल्प के सहभागिता अउ सर्व-सम्मति ले आगू बढ़ाया हावय।
विविधताओं ले भरे अपन देश म हम केऊ भाषा, धर्म, संप्रदाय, खान-पान, रहन-सहन, रीति-रिवाजों के अपनाते होए ‘एक भारत – श्रेष्ठ भारत’ के बनाये म सक्रिय हावयं।
आजादी के 75वें साल के मउका म आये ये अमृतकाल भारत के खातिर नवा संकल्पों के कालखंड हावय।
आज मैं ए नवा युग के स्वागत म अपन देश के नवा सोच के संग तत्पर अउ तइयार देख रही हावं।
भारत आज हर क्षेत्र म विकास के नया अध्याय जोड़ रिहिन हावय।
कोरोना महामारी के वैश्विक संकट के सामना करे म भारत ह जेन रकम ले के सामर्थ्य देखाये हावय, ओमन पूरा विश्व म भारत के साख बढ़ाई हावय।
हम हिंदुस्तानियों ह अपन प्रयास ले न सिरिफ ए वैश्विक चुनौती के सामना करिन बल्कि दुनिया के आगू नवा मापदंड तको स्थापित करे ।
कुछ ही दिन पहिली भारत ह कोरोना वैक्सीन के 200 करोड़ डोज़ लगाये के कीर्तिमान बनाये हावय।
ए पूरा लड़ाई म भारत के लोगन ह जेन संयम, साहस अउ सहयोग के परिचय दे, वो एक समाज के रूप म हमर बाढ़त होए शक्ति अउ संवेदनशीलता के चिन्हारी हावय।
भारत ह ये मुश्किल हालात म न केवल खुद के संभाला बल्कि दुनिया के मदद तको करिस।
कोरोना महामारी ले बने माहौल में, आज दुनिया भारत के नवा विश्वास ले देख रही हावय।
दुनिया के आर्थिक स्थिरता के लिए, सप्लाई चेन के सुगमता के लिए, अउ वैश्विक शांति के खातिर दुनिया के भारत ले बहुत उम्मीदें हावयं।
आगामी महीना म भारत अपन अध्यक्षता म G-20 ग्रुप के मेजबानी तको करे जात हावय।
इसमें दुनिया के बीस बड़े देश भारत के अध्यक्षता म वैश्विक विषय म मंथन करही।
मुझे विश्वास हावय भारत म होए वाला ए मंथन ले जेन निष्कर्ष अउ नीतियाँ करार होही, उंकर ले आने वाला दशकों के दिशा तय होही।
देवियों अउ सज्जनों,
दशकों पहिली मोला रायरंगपुर म  ऑरोबिंदो इंटीग्रल स्कूल म शिक्षक के रूप म बुता करे के मउका मिले  था।
कुछ ही दिन बाद  ऑरोबिंदो के 150वीं जन्मजयंती मनाई जाही।
शिक्षा के बारे म  ऑरोबिंदो के विचारों ह मोला सरलग प्रेरित करिन हावय।
जनप्रतिनिधि के रूप म आने-आने पद म बुता करत होए अउ फेर राज्यपाल के रूप म तको मेरा शिक्षण संस्थान के संग सक्रिय जुड़ाव रिहिन हावय।
मैंने देश के युवा मन के उत्साह अउ आत्मबल के करीब ले देखे हावय।
हम सबो के श्रद्धेय अटल जी किहिन करत रिहिस के देश के युवा जब आगू बढ़ते हावयं त वो सिरिफ अपन ही भाग्य नइ बनाते बल्कि देश के तको भाग्य बनाते हावयं।
आज हम एला सच होवत देख रिहिन हावयं।
Vocal For Local ले लेके Digital India तक हर क्षेत्र म आगू बढ़ रिहिन आज के भारत विश्व के संग कदम ले कदम मिले  करके ‘औद्योगिक क्रांति फोर पॉइंट ओ’  के खातिर पूरा रकम ले तइयार हावय।
रिकॉर्ड संख्या म बन रिहिन स्टार्ट-अप्स में, नए-नए इनोवेशन में, दूर-सुदूर क्षेत्र म डिजिटल टेक्नोलॉजी के स्वीकार्यता म भारत के युवा मन के बड़का भूमिका हावय।
बीते साल म भारत ह जेन रकम ले महिला सशक्तिकरण के खातिर फइसला खातिर हावयं, नीति बनाये हावयं, ओकर ले तको देश म एक नवा शक्ति के संचार होइस हावय।
मैं चाहत हावं के हमर सबो बहनें अउ बेटी मन जादा ले जादा सशक्त हों अउ वो देश के हर क्षेत्र म अपन योगदान बढ़ाती रिहिनं।
मैं अपन देश के युवा मन ले कहना चाहत हावं के आप न केवल अपन भविष्य के बनाये करके रिहिन हावयं बल्कि भविष्य के भारत के नींव तको रख रिहिन हावयं।
देश के राष्ट्रपति के तौर म मेरा हमेशा आपको पूरा सहयोग रइही।
देवियों अउ सज्जनों,
विकास अउ प्रगतिशीलता के अर्थ सरलग आगू बढ़ना होवत  हावय, फेर संग ही अपन अतीत के ज्ञान तको ओतका ही जरूरी हावय।
आज जब विश्व sustainable planet के बात करके रिहिन हावय त ओमा भारत के जुन्ना परंपराओं, हमर अतीत के sustainable lifestyle के भूमिका अउ बढ़ जात हावय।
मेरा जनम त वो जनजातीय परंपरा म होइस हावय जिसने हजारों साल ले प्रकृति के संग ताल-मेल बनाके जीवन के आगू बढ़ाया हावय।
मैंने जंगल अउ जलाशयों के महत्ता के अपन जीवन म महसूस करिन हावय।
हम प्रकृति ले जरूरी संसाधन लेते हावयं अउ उतनी ही श्रद्धा ले प्रकृति के सेवा तको करत हावयं।
यही संवेदनशीलता आज वैश्विक अनिवार्यता बन गई हावय।
मुझे ए बात के प्रसन्नता हावय के भारत पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र म विश्व के मार्गदर्शन करके रिहिन हावय।
देवियों अउ सज्जनों,
मैंने अपन अब तक के जीवन म जन-सेवा म ही जीवन के सार्थकता के अनुभव करिन हावय।
जगन्नाथ क्षेत्र के एक प्रख्यात कवि भीम भोई जी के कविता के एक पंक्ति हावय-
“मो जीवन पछे नर्के पड़ी थाउ, जगत उद्धार हेउ”।
अर्थात, अपन जीवन के हित-अहित ले बड़ा जगत कल्याण के खातिर बुता करे होवत  हावय।
जगत कल्याण के इसी भावना के संग, मैं आप सब के विश्वास म खरा उतरने के खातिर पूरा निष्ठा अउ लगन ले काम करे के खातिर सदैव तत्पर रहूंगी।
आइए, हम सबो एक जुट होकर समर्पित भाव ले कर्तव्य पथ म आगू बढ़ें अउ वैभवशाली अउ आत्मनिर्भर भारत के बनाये करें।
धन्यवाद,
जय हिन्द!

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सबो पाठक ल जोहार..,
हमर बेवसाइट म ठेठ छत्तीसगढ़ी के बजाए रइपुरिहा भासा के उपयोग करे हाबन, जेकर ल आन मन तको हमर भाखा ल आसानी ले समझ सके...
छत्तीसगढ़ी म समाचार परोसे के ये उदीम कइसे लागिस, अपन बिचार जरूर लिखव।
महतारी भाखा के सम्मान म- पढ़बो, लिखबो, बोलबो अउ बगराबोन छत्तीसगढ़ी।

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