भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष मंगोलिया जाही, बुद्ध पूर्णिमा के मउका म होही 11 दिवसीय प्रदर्शनी

अंजोर
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Sacred relics of Lord Buddha to be taken from India to Mongolia for an 11 day exhibition on the occasion of Buddha Purnima बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर 11 दिवसीय प्रदर्शनी के लिए भारत से मंगोलिया ले जाएंगे भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष
Lord Buddha

नई दिल्ली। मंगोलिया के लोगन के प्रति एक बिसेस भावना प्रदर्शित करत, भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष ल 14 जून, 2022 के पड़ने वाला मंगोलियाई बुद्ध पूर्णिमा के समारोह के हिस्सा के रूप म 11 दिवसीय प्रदर्शनी के खातिर भारत ले मंगोलिया ले जाये जाही। कानून अउ विधि मंत्री किरेन रिजिजू के अगुवई म पवित्र अवशेष के संग एक 25 सदस्यीय शिष्टमंडल 12 जून, 2022 के मंगोलिया के खातिर रवाना होही।

पवित्र अवशेष के प्रदर्शन गंदन मठ के परिसर म बटसागान मंदिर म करे जाही।  बुद्ध के पवित्र अवशेष अभी के बेरा म राष्ट्रीय संग्रहालय म रखे गे हावयं जेला " कपिलवस्तु अवशेष " के नाम ले जाने जाथे, काबर के वो पहिली बार बिहार म खोजे गे एक जगह ले हावयं जेला कपिलवस्तु के जुन्ना शहर माने जाथे।

आज नवा दिल्ली म ए दौरे के बारे म पत्रकार मन ल जानकारी देवत किरेन रिजिजू ह बताइन के ये भारत-मंगोलिया के संबंध म एक अउ ऐतिहासिक मील के पत्थर हावय अउ ये दुनों देश के बीच सांस्कृतिक अउ अध्यात्मिक संबंध ल अऊ बढ़ावा दिही।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2015 म मंगोलिया के यात्रा के सुरता करत, केंद्रीय मंत्री ह किहिन के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगोलिया के दौरा करइया भारत के अब तक के पहिली प्रधानमंत्री हावयं अउ पवित्र अवशेष ल ले जाना हमर प्रधानमंत्री के उन देश के संग हमर संबंध ल पुनर्जीवित करे के विजन के विस्तार हावय जेकर संग हमर सदियों पहिली ले सांस्कृतिक अउ अध्यात्मिक संबंध रिहिन हावयं।

श्री रिजिजू ह बताइन के मंगोलिया अउ भारत एक आन के अध्यात्मिक अउ सांस्कृतिक पड़ोसी देश के रूप म देखत हावयं अउ ए समानता के सेती मंगोलिया ल हमर ‘तीसरा पड़ोसी‘ तको किहिन जा सकत हावय भले ही हमर समान भौगोलिक सीमा नइ हावयं।

केंद्रीय मंत्री ह ये तको किहिन के भगवान बुद्ध के उपदेश आज के समय म तको प्रासंगिक हावयं अउ ये मानवता के अउ जादा शांति, सद्भाव अउ समृद्धि के तनि ले जाही। श्री रिजिजू ह ये तको किहिन के भारत शांति अउ सद्भाव म विश्वास रखत हावय अउ भगवान बुद्ध के उपदेश, जेन दुनिया के भारत के सांस्कृतिक उपहार हावय, के माध्यम ले ए संदेश के विश्व भर म फैलाना चाहत हावय। केंद्रीय मंत्री ह किहिन के ये पवित्र अवशेष मंगोलिया के लोगन के खातिर जेकर ए पवित्र अवशेष के प्रति उंकर हिरदे म बहुत विशिष्ट सम्मान हावय, एक बिसेस उपहार के रूप म  11 दिन के प्रदर्शनी के खातिर ले जाये जात हावयं।

अवशेष ल राजकीय पहुना के दर्जा दे जाही अउ उही जलवायु रोकथाम के स्थिति म रखे जाही जेमा राष्ट्रीय संग्रहालय म अभी के बेरा म रखे जात हावय। भारतीय वायु सेना ह पवित्र अवशेष ल ले जाये के खातिर एक बिसेस हवाई जहाज सी-17 ग्लोब मास्टर उपलब्ध कराइन हावय। ये पवित्र अवशेष ल मंगोलिया के संस्कृति मंत्री, मंगोलिया के राष्ट्रपति के सलाहकार अउ आन गणमान्य मनखे मनके अकताहा बड़ संख्या म बौद्ध भिक्षु डहर ले जाही। मंगोलिया म उपलब्ध भगवान बुद्ध के अवशेष ल तको भारत ले गए अवशेष के संग प्रदर्शित करे जाही। दुनों ही अवशेष के खातिर भारतीय शिष्टमंडल डहर ले दू बुलेट प्रूफ केसिंग अउ दू औपचारिक कास्केट ले जाये जात हावयं।

आखिरी बार ये अवशेष ल साल 2012 म देश ले बाहिर ले जाये गे रिहिस जब श्रीलंका म उंकर प्रदर्शनी आयोजित करे गे रिहिस अउ श्रीलंका के कई ठऊर मन म ओला प्रदर्शित करे गे रिहिस। ब बाद म दिशानिर्देश जारी करे गिस अउ ये पवित्र अवशेष ल उन पुरावशेष अउ कला खजाने के ‘‘एए‘‘ श्रेणी के तहत रखे गिस जेला  उंकर नाजुक प्रकृति ल देखत होए देश ले बाहिर नइ ले जाना चाही।

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