महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम |
अंजोर.रायपुर,7 फरवरी। स्वरोजगार के खातिर बने माहौल अउ सुघ्घर ठऊर पाके सुदूर कोरिया जिला के आदिवासी बहुल चिरमी गांव के महिला मन ह अपन खुद के व्यवसाय सुरू करिन। मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) अउ डीएमएफ (जिला खनिज न्यास निधि) के अभिसरण ले बने मल्टी-यूटिलिटी सेंटर म उहां के गंगा माई स्वसहायता समूह के 12 महिला मन खुद के उद्यम स्थापित करके फेंसिंग पोल बनाये के काम करत हावयं। खेत अउ मनरेगा बुता म मजदूरी करइया महिला मन के अकुशल श्रम ले स्वरोजगार के तनि कदम बढ़ात देखके गांव के बांकी महिला मन तको प्रेरित होत हावयं। इंकर काम सुरू करे के बाद ले गांव म 12 स्वसहायता समूह गठित हो चुके हावयं।
मनरेगा अउ डीएमएफ के अभिसरण ले 12 लाख 15 हजार रूपिया के लागत ले वर्क-शेड के रूप म तइयार मल्टी-यूटिलिटी सेंटर म चिरमी के गंगा माई स्वसहायता समूह के महिला मन फेंसिंग पोल बनाके खड़गंवा विकासखण्ड के कई गांव म आपूर्ति करत हावयं। इंकर डहर ले बने 300 ले जादा पोल्स (Poles) के बिक्री अब तक के जा चुके हावय। गांव पंचायत इंकर उपयोग गउठान अउ ब्लॉक-प्लांटेशन के घेराबंदी म करत हावयं। पोल्स के बिक्री ले समूह के 80 हजार रूपिया मिले हावयं। ये महिला मन ल तीन लाख रूपिया के वर्क-ऑर्डर मिले हावय। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ले गठित ए समूह के महिला मन आर्थिक स्वावलंबन के उड़ान ल देखके गांव म 12 नवा महिला स्वसहायता समूह गठित होगे हावयं।
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