वर्मी खातु के पैकिंग बोरी ले तको जबर आमदनी करत हावय महिला स्व-सहायता समूह

अंजोर
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अंजोर.गरियाबंद, 6 सितंबर। गोधन न्याय योजना लोगन के जीवन म आमदनी के सशक्त माध्यम बनते जात हावय। एक तनि गोबर के बिक्री ले पशुपालक के अतिरिक्त आय होत हावय, उहें दूसरी तनि गउठान म बुता करत महिला समूह ल गोबर के जरिए आय अर्जन के नवा रद्दा खुलत हावयं। गरियाबंद जिला के आदर्श गउठान जेंजरा ले जुड़ी महिला समूह वर्मी खातु बनाये के संग ही अब वर्मी खातु पैकिंग के खातिर बोरी तको बनावत हावय। येकर ले ओमनला लगभग पौने दू लाख रूपिया के शुद्ध लाभ हो चुके हावय। 

गरियाबंद जिला के फिंगेश्वर ब्लॉक के गउठान जेंजरा म जय माँ तुलसी महिला स्व-सहायता समूह के सदस्य मन डहर ले बोरी बनाये के बुता करे जात हावय। अब तक उंकर डहर ले 59 हजार बोरी बनाके बेचे जा चुके हावय। समूह के महिला मन गोधन न्याय योजना ले गउठान म बिसाये गे गोबर ले उच्च गुणवत्ता के जैविक खातु पहिली ले ही तइयार करत हावय। खातु के बिक्री के खातिर बोरी के जरूरत पड़े म महिला समूह ह येकर निर्माण के भी फइसला लिस अउ ए काम म जुटगे। धीरे-धीरे बोरी निर्माण के काम सीद्ध परगे। महिला समूह अब बोरी बनाये के बुता तको करत हावय।

समूह के डहर ले तइयार खातु पैकिंग बोरी गरियाबंद जिला के सबो विकासखण्ड म बेचे हावय। अभी के बेरा म समूह डहर ले कुल 59 हजार ले जादा बोरी के छपाई करके 8 लाख 26 हजार रूपिया के बेचे गे हावय। जेमा समूह ल 1 लाख 77 हजार रूपिया के शुद्ध लाभ मिले चुके हावय। येकर अलावा समूह सदस्य मन के डहर ले गउठान के मल्टीएक्टिवीटी सेन्टर बनाये के तर्ज म चारागाह के जमीन म जैविक सब्जी उत्पादन के संग-साथ मूंगफल्ली, मक्का, मूग उक के भी उत्पादन करे जात हावय।

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