डॉ. खूबचंद बघेल : एक जीवन परिचय

अंजोर
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छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के सबले पहिली सपना देखइया महामानव डॉ. खूबचंद बघेल ल आज सरी छत्तीसगढि़या डंडासरन पैलगी करत हावय। ये उही महापुरूष आए जेन छत्तीसगढ़ अंचल ल अलग राज्य के रूप में देखे के गुनान करत जबर उदीम करिन अऊ अइसने केऊ पुरखा मनके पुन परताप ले आज अलग छत्तीसगढ़ सिरजे हावय।

आव आज ओसरी पारी डॉ. खूबचंद बघेल जी के जीवन ल सोरियाबो- 

  • पुरखा के पुरा नाव -  डॉ. खूबचंद बघेल 
  • पिता के नाव -  श्री जुड़ावन प्रसाद बघेल 
  • माता के नाव -  श्रीमती केकती बाई बघेल 
  • जन्म तिथि - 19 जुलाई 1900 
  • जन्मस्थान - ग्राम पथरी, रायपुर
  • पत्नी के नाव -  श्रीमती राजकुँवर बघेल 
  • संतान -  तीन बेटी- पार्वती, राधा अउ सरस्वती
  • निधन - 22 फरवरी 1969 

डॉ. खूबचंद बघेल के जीवनी 

अलग छत्तीसगढ़ राज के सपना देखइया पुरखा डॉ. खूबचंद बघेल जी के जनम रायपुर तिर के गांव पथरी म होइस। ओ बखत देश म अंग्रेज सरकार के राज चलत रिहिस। कुर्मी समाज के बड़का दाऊ जुड़ावन प्रसाद अउ महतारी केकती बाई के कोरा म 19 जुलाई सन 1900 म अवतरे खूबचंद ल नानपन ले छुआछूत, ऊँच- नीच के दलदली ह घातेच पीरा देवय। उंकर मन म मानव समाज ल एकमई करे के सपना तको रिहिस। इही सेती उनला केऊ पइत कुर्मी समाज से निकाल घलो दे रिहिस। बाद म समाज के लोगन मन उंकर बात ल मानिस घलोक। 

खूबचंद बघेल अपन दाई-ददा के संग रहिके गावं म प्राइमरी स्कूल पढि़स अउ ओमन रायपुर के गवर्नमेंट हाई स्कूल ले मैट्रिक के शिक्षा पूरा करिस। खूबचंद बघेल आगू डॉक्ट्ररी के पढ़ई करे खातिर नागपुर के रॉबर्ट्सन मेडिकल कॉलेज म दाखिला लिस। 

इही बीच देश म असहयोग आंदोलन चलत रिहिस जेकर ले प्रभावित होके ओमन बीच म छोड़ के आंदोलन म शामिल होगे। बाद म घर वाले मनके गेलौली म फेर एल.एम.पी. (लेजिस्लेटिव मेडिकल प्रक्टिसनर) नागपुर म दाखिला लिस। साल 1923 म एल.एम.पी. के परीक्षा पास करिस जेला बाद म एम.बी.बी.एस. के दर्जा दिये गिस। 

डॉ. खूबचंद बघेल के बिहाव तो नानपन म ही होगे रिहिस। बताथे के जब खूबचंद के बिहाव होइस त ओमन प्राथमिक स्कूनल म पढ़ई करत रिहिस। खूबचंद अउ राजकुँवर ले संतान होइस, तीन बेटी। कोरा म एको झिन बाबू नइ होए के सेती ओमन भारत भूषण ल गोद लिस। 

छत्तीसगढि़या समाज ल जगाये खातिर ओमन नाचा-पेखन के तको उदीम करय जेमा उंकर रचे नाटक करम छंड़हा म आम आदमी के गाथा अउ बेबसी ल देखाय गिस। अइसने रकम ले नाटक जनरैल सिंह म ओमन छत्तीसगढ़ के लोगन मनके  डर-भय ल दुरिहाये के रस्ता बताइस। ओमन भारतमाता नाम के नाटक म भारत चीन युद्ध ल लिखके मंचन कराये अऊ ओमा ले सकलाये चंदा ल भारत सरकार ल पठोवय।

डॉ. खूबचंद बघेल ह समाजसेवा म अतेक बुढि़स के एक दिन 1931 म सरकारी नौकरी ल छोड़के कांग्रेस प्रवेश कर लिस। ओमन येकर पहिली रायपुर जिला के डिक्टेटर अउ बाद म राज्य के डिक्टेटर नियुक्त होए रिहिसे।

सुराज आंदोलन म भाग लेवत ओमन ल 1942 म भारत छोड़ो आंदोलन के तहत गिरफ्तार करे गिस। संग म उंकर धर्मपत्नी राजकुँवर देवी तको 6 महीना जेल काटिस। सन 1946 म डॉक्टर बघेल रायपुर तहसील कार्यालय कार्यकारिणी के अध्यक्ष अउ प्रांतीय कार्यकारिणी के सदस्य रिहिस अउ स्वतंत्रता के बाद प्रांतीय शासन ह संसदीय सचिव नियुक्त कर दीस। 1951 म ओमन विधानसभा के सदस्य रिहिस ओकर बाद 1965 म राज्यसभा खातिर चुने गिस। डॉ. बघेल ह राजनीति म 1968 तक जुड़े रिहिस।

उमर भर छत्तीसगढ़ अउ छत्तीसगढि़या मन ल जगाये के उदीम करइया डॉक्टर खूबचंद बघेल ह समाज म चेतना के एक नवा जोत बारिस जेन ल कभू नइ बिसारे जा सके। भेदभाव अउ सामाजिक कुरीति ल मिटाये के बाना उचाये ओमन पथरी गांव ले दिल्ली तक दउड़े। अऊ 22 फरवरी 1969 के दिन उंकर बर दिल्ली के आखरी दउड़ साबित होइस। संसद के शीतकालीन सत्र म भाग ले खातिर दिल्ली पहुंचे रिहिस उहें महामानव डॉ. खूबचंद बघेल आंखरी सांस लिस।  
- संकलन / अनुवाद 
जयंत साहू, रायपुर


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