डॉ. अनिल भतपहरी सचिव छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के सियानी म उरकिस जिला समन्वयक मनके बइठका, कार्यकाल के पहिली सफल आयोजन खातिर संसदीय सचिव, विभाग के सचिव, संचालक संग साहित्यकार मन दिस बधाई

अंजोर
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  • बलौदाबाजार-भाटापारा जिला म होही आयोग के 7 वां प्रांतीय सम्मेलन
  • वार्षिक कलेंडर के मुताबिक बछर भर होही भाखा के संवर्धन बर बुता 
  • सात दिन तक मनाये जाही छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस पखवाड़ा
  • जशपुर अउ बीजापुर म तको बइठका के आयोजन करे जाही 
  • कविता, कहानी के अलावा आन विधा के लेखन बर तको प्रोत्साहित करही आयोग 
  • कोरोना काल के बाद बड़का अधिकारी मनके छत्तीसगढ़ी प्रशिक्षण के बुता म तेजी आही  

अंजोर.रायपुर, 24 जुलाई। छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के जिला समन्वयक मनके बइठका आज रायपुर के संस्कृति भवन के महंत सर्वेश्वर दास सभागार म होइस। आयोग के नवा सचिव डॉ. अनिल भतपहरी के कार्यकाल के ये पहिली आयोजन बड़ सुघ्घर ढंग ले उरकिस। ये मउका माई पहुना के रूप म प्रदेश सरकार म संसदीय सचिव कुवंर सिंह निषाद जलसा म वर्चुअल रूप जुरे रिहिस। संग म संस्कृति विभाग के सचिव अन्बलगन पी., संचालक विवेक आचार्य अउ खास पहुना जागेश्वर प्रसाद, श्रीमती सरला शर्मा, रामेश्वर शर्मा, डॉ. सुखदेव राम साहू, डॉ. देवधर महंत, डुमन लाल ध्रुव संग सबो जिला समन्वयक मन जुरियाए रिहिस।

छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के जिला समन्वयक मनके बइठका म वर्चुअल रूप ले जुरे विधायक गुडरदेही अउ संसदीय सचिव कुवंर सिंह निषाद ह किहिन के कोरोना काल के सेती गजब अकन बुता अटके हावय, छत्तीसगढ़ के महतारी भाखा के संरक्षण अउ संवर्धन हमर सरकार के पहिली प्राथमिकता म हावय। छत्तीसगढ़ी भाखा खातिर अब धीरे-धीरे सबो बुता ल करबोन, आप सबो साहित्यकार मनके जुराव ले जेन सुझाव आही वोमा भी काम करबोन। 

कार्यक्रम म वर्चुअल रूप म जुरे संस्कृति विभाग के सचिव अन्बलगन पी. ह किहिन के अपन महतारी भाखा म ही लइका के लघियात बौद्धिक विकास होथे, प्राथमिक तक ओमन के बेवस्था होना चाहि, ओकर बाद पढ़ई-लिखई ले ओला बान भाखा ले जोरे जाना चाही हावय काबर के वैश्विक पटल बर वहू जरूरी हावय। मैं तमिलनाडु ले आथवं अउ उहां अपन महतारी भाखा के संग अंग्रेजी पढ़ेवं। नौकरी म आये के बाद मैं इहां हिन्दी बोले बर सिखेवं, कहू ओ बखत छत्तीसगढ़ म छत्तीसगढ़ी के चलन राजकाज म रितिस त छत्तीसगढ़ी भाखा तको सीख जतेवं।

अइसने विचार रखत संचालक संस्‍कृ‍ति अउ पुरातत्व विवेक आचार्य ह किहिन के महू छत्तीसगढ़ी समझथवं फेर बोले बर नइ आवय। हमर ये प्रयास हावय के सबो विभाग म येकर बर प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाबोन, अउ मैं जेन दिन छत्तीसगढ़ी बोले बर सीखगेवं मानो आयोग के बुता सार्थक होगे।  

जलसा म आयोग के नवा सचिव डॉ. अनिल भतपहरी किहिन के काम तो बहुत अकन करना हावय अऊ येकर बर सालभर के कलेंडर हमन बनाये हावन ओकरे मुताबिक करबोन। कुछ काम पहिली ले प्रस्तावित रिहिस तेनो ल आगू बड़ाबो। आगू ओमन किहिन के बलौदाबाजार-भाटापारा जिला म होही आयोग के 7 वां प्रांतीय सम्मेलन, जेन ल मउका देखके कोरोना राई टरे के बाद जोंगे जाही। अउ हिन्दी दिवस के जइसे पखवाड़ा मनाये जाथे उही रकम ले 28 नवंबर ले सात दिन तक छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस पखवाड़ा मनाये जाही। येकर संग ही हमन ला राजधानी ले दूरस्त अंचल जिहां छत्तीसगढ़ी के संग आन भाखा तको बोले जाथे उहों आयोग के समन्वयक बनाके जशपुर अउ बीजापुर जइसे जिला म बइठका करबोन। अभी के बखत म देखे जाए त कविता, कहानी के नंगत अकन पुस्तक प्रकाशन बर आवत हावय, तो येमा हमन ला आन विधा ल तको प्रोत्साहित करना होही, काबर के इही हमर धरोहर बनही। 

कार्यक्रम म प्रमुख वक्ता जागेश्वर प्रसाद, श्रीमती सरला शर्मा, रामेश्वर शर्मा, डॉ. सुखदेव राम साहू, डॉ. देवधर महंत, डुमन लाल ध्रुव संग सबो जिला समन्वयक मन आठवी अनुसूची म छत्तीसगढ़ी, पाठ्यक्रम म छत्तीसगढ़ी, राजकाज म छत्तीसगढ़ी के उपयोग अउ अपन-अपन जिला म छत्तीसगढ़ी भाषा-साहित्य के दशा अउ दिशा ऊपर जबर गुनान करिन। ये मउका म साहित्यकार चंद्रशेखर चकोर, गोविंद धनगर, जयंत साहू, अजय साहू, कन्हैंया साहू, कान्हा कौशिक, काशीपुरी कुंदन, शकुंतला तरार, गुलाल वर्मा, पद्मलोचन शर्मा सहित केऊ गीतकार, साहित्यकार मन जुरियाए रिहिस।

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1टिप्पणियाँ

सबो पाठक ल जोहार..,
हमर बेवसाइट म ठेठ छत्तीसगढ़ी के बजाए रइपुरिहा भासा के उपयोग करे हाबन, जेकर ल आन मन तको हमर भाखा ल आसानी ले समझ सके...
छत्तीसगढ़ी म समाचार परोसे के ये उदीम कइसे लागिस, अपन बिचार जरूर लिखव।
महतारी भाखा के सम्मान म- पढ़बो, लिखबो, बोलबो अउ बगराबोन छत्तीसगढ़ी।

  1. हमर छत्तीसगढ़ी भाखा के अंजोर बगरइया "अंजोर समाचार" बड़ सुग्घर हे..
    🙏🙏🙏🙏🙏🙏
    अनंत थवाईत चांपा छत्तीसगढ़

    जवाब देंहटाएं
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