छत्तीसगढ़ म कोदो, कुटकी, रागी के उत्पादन ल बढ़ावा दे जाही : मुख्यमंत्री दाऊ भूपेश बघेल

अंजोर
0

अंजोर.रायपुर, 08 जुलाई 2021। देश-विदेश म कोदो, कुटकी, रागी जइसे मिलेट के बाढ़त मांग ल देखत प्रदेश म मिशन मोड म मिलेट उत्पादन ल बढ़ावा दे के निर्देश दे हावयं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ह किहिन के प्रदेश म बड़े क्षेत्र म मिलेट के उत्पादन होथे। मिलेट्स के संग्रहण, प्रसंस्करण अउ वेल्यू एडिशन ले किसान मन, महिला समूह अउ युवा मन के खातिर रोजगार के संग अच्छा आय के साधन विकसित करे जा सकत हावयं। 

मुख्यमंत्री ह किहिन के कोदो, कुटकी अउ रागी के क्षेत्र अउ उत्पादन म बड़वार करके प्रसंस्करण के माध्यम ले आने-आने जिनिस तइयार करके प्रदेश म मिलेट्स के खपत ल बढ़ाये जा सकत हावय। प्रदेश म कांकेर, कोण्डागांव, नारायणपुर, जगदलपुर, दंतेवाड़ा अउ सुकमा सहित राजनांदगांव, कवर्धा अउ बेमेतरा अउ सरगुजा के कुछ क्षेत्र म इंकर उत्पादन होथे हावय। ओमन किहिन के मिलेट्स के उत्पादन बढ़ाये के खातिर चुनिंदा विकासखण्ड म मिलेट क्लस्टर चिन्हांकित करके उन्नत खेती ल बढ़ावा दे जाए। मिलेट्स के खेती ले महिला स्व सहायता समूह ल जोड़े जाए। ओमन गढ़कलेवा के व्यंजन म कोदो, कुटकी अउ रागी ले तइयार व्यंजन ल शामिल करे ल तको किहिन। 

उत्पादन बढ़ाये के संग-साथ मिलेट्स के संग मार्केटिंग के बेवस्था सुनिश्चित करे जाए। उत्पादन वाला गांव म छोटे-छोटे प्रसंस्करण इकाई लगाये जाएं अउ हाईजिन ल धियान म रखत एक या दू केन्द्र म इंकर पैकेजिंग के इकाई स्थापित करे जाएं। प्रदेश म येकर खेती अउ फसल कटाई के खातिर मशीनरी किराए म उपलब्ध कराने, स्थानीय अउ उन्नत किस्म के बीज के आपूर्ति, कृषि विज्ञान केन्द्र के माध्यम ले इंकर उत्पादन म बड़वार के खातिर तकनीकी मार्गदर्शन दे जाही।   

बैठक म जानकारी दीस के लघु वनोपज के संग्रहण अउ प्रसंस्करण के काम करत महिला स्व सहायता समूह ल पाछु दू साल म येकर ले 501 करोड़ रूपिया के अतिरिक्त आय होए हावय। प्रदेश म समर्थन कीमत म खरीदी जाये वाला लघु वनोपज के संख्या 7 ले बढ़के 52 हो गे हावय। इही रकम ले संग्राहक मनके संख्या डेढ़ लाख ले बढ़कर 6 लाख ले जादा हो गे हावय। हर्बल जिनिस के प्रसंस्करण म 115 गुनी बड़वार होए हावय। साल 2018 म 5400 क्विंटल लघु वनोपज के संग्रहण होथे, जेन साल 2021 म बढ़के 6 लाख 21 हजार 176 क्विंटल हो गे हावय। हर्बल जिनिस के बेचे भी दोगुना हो गे हावय।

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

सबो पाठक ल जोहार..,
हमर बेवसाइट म ठेठ छत्तीसगढ़ी के बजाए रइपुरिहा भासा के उपयोग करे हाबन, जेकर ल आन मन तको हमर भाखा ल आसानी ले समझ सके...
छत्तीसगढ़ी म समाचार परोसे के ये उदीम कइसे लागिस, अपन बिचार जरूर लिखव।
महतारी भाखा के सम्मान म- पढ़बो, लिखबो, बोलबो अउ बगराबोन छत्तीसगढ़ी।

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !