अंजोर.महासमुंद। रोजगार के सीमित संसाधन म आजीविका चलाये के एक मात्र विकल्प स्वरोजगार ही हावय। आज समाज म महिला मन घर के चार दीवारी तक ही सीमित नइ रहत हावय बल्कि अपन पारिवारिक जिम्मेदारी ल समझत आन बुता तको करत हाबे। महासमुंद जिला के बसना जनपद पंचायत के अंतर्गत जनपद पंचायत परिसर म ‘‘फुलझर कलेवा’’ म ज्योति महिला स्व-सहायता समूह, अरेकेल के दिव्यांग महिला मन बिहान योजनांतर्गत केऊ किसम के छत्तीसगढ़ी व्यंजन के संग समोसा, कचैड़ी, बड़ा, चीला, मिर्ची भजिया, डोसा, इडली, मुंगौड़ी, गुलगुला भजिया अउ चाय परोसत हाबे।
छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक परम्परा ल संरक्षित करत पारम्परिक खान-पान, आहार अउ व्यंजन ले देश दुनिया ल परिचित कराना, वर्तमान म लोगन कना समय के जब कमी हावय तब छत्तीसगढ़ी व्यंजन के स्वाद लोगन ल सुगमता पूर्वक उपलब्ध कराना, छत्तीसगढ़ी लुप्तप्राय विधि ल जीवंत्य बनाए रखना हावय। बताती मुताबिक ज्योति महिला स्व-सहायता समूह म 05 सदस्य हावय जेमा अध्यक्ष कुमारी देवांगन, सचिव श्याम बाई सिदार, सदस्य सुमन साव, उकिया भोई अउ चन्द्रमा यादव शामिल हाबे।
सबो पाठक ल जोहार..,
हमर बेवसाइट म ठेठ छत्तीसगढ़ी के बजाए रइपुरिहा भासा के उपयोग करे हाबन, जेकर ल आन मन तको हमर भाखा ल आसानी ले समझ सके...
छत्तीसगढ़ी म समाचार परोसे के ये उदीम कइसे लागिस, अपन बिचार जरूर लिखव।
महतारी भाखा के सम्मान म- पढ़बो, लिखबो, बोलबो अउ बगराबोन छत्तीसगढ़ी।