अंजोर.रायपुर। आंगनबाड़ी के माध्यम ले गांव मोहल्ला के नान्हे लइका अउ महतारी मनके बने जतन के बुता होवत हाबे। भले कोरोना के सेती अभी सेंटर नइ खुलत हाबे फेर कार्यकर्ता मन घर-घर जाके बुता करत हाबे। उंकर सफलता के जबर कहानी रायपुर के गुढ़ियारी अशोक नगर निवासी जयश्री रामटेके के इहां देखे बर मिले हावय। 2018 म पैदा होए श्रेया रामटेके के वजन जन्म के समय एक किलो आठ सौ ग्राम रिहिस। उमर के हिसाब ले आगू ओकर वजन नी बाढि़स। दाई-ददा ल फिकर होगे। तब स्वास्थ्य म सुधार खातिर नजदीक के आंगनबाड़ी ले संपर्क करिस। लइका के स्वास्थ्य ल ध्यान म रखके सुपोषण अभियान के तहत एक सुपोषण किट दे गिस जेमा दूध, बिस्किट, लड्डू अउ चिक्की रिहिस। कार्यकर्ता दीदी ह रोज बिहनिया बच्चा के घर जाके नाश्ता म दूध, केला अउ बिस्किट खाये बर दिस अउ दोपहर म घर म बने दाल, चावल, सब्जी के साथ अंडा, चिक्की अउ लड्डू दे जाथे। पर्यवेक्षक ह श्रेया के माता-पिता ल बच्ची ल एन.आर.सी. म बाल संदर्भ योजना अंतर्गत म भर्ती करे बर किहिन।
एन.आर.सी. ले छुट्टी के बाद पर्यवेक्षक ह श्रेया रामटेके के घर लगातार गृह भ्रमण करके पोषण आहार अउ स्वच्छता संबंधित जानकारी देते रिहिस। येकरे संग जीवन आधार समूह के महिला मन श्रेया के स्वास्थ्य म विशेष निगरानी रखे रिहिन। श्रेया ल समूह कोति ले पइसा सकेल के प्रोटीन पाऊडर, मल्टीविटामिन, आयरन सीरप के दवा दे गिस। श्रेया म समय म खाना अउ समय दवा मिले ले वजन म लगातार बढ़ोत्तरी होना शुरू होगे। बच्ची के स्वास्थ्य कुपोषित ले सामान्य श्रेणी म आए ले माता-पिता अब निसफिकिर होगे।
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