गोंडी, हल्बी अउ स्थानीय भाखा म बस्तर पुलिस चलाही जन जागरूकता अभियान, ‘बस्तर त माटा’ ‘बस्तर चो आवाज’ ले होही शुरूआत

अंजोर
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बस्तर.16। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद जनसहयोग ले नक्सल आतंक ल खतम करे खातिर प्रशासन प्रयास करते हावय। स्थानीय आदिवासी मनके विश्वास के बिगर कोनो भी कार्ययोजना सार्थक नी होवय इही पाके अब बस्तर के स्थानीय बोली म पुलिस तको अब माओवादी मनके गलत बुता ल देखाये खातिर जागरूकता अभियान चलाही। एजेंसी ले मिले आरो के मुताबिक ‘विश्वास-विकास-सुरक्षा’ के त्रिवेणी कार्ययोजना के सकारात्मक परिणाम दिखत हाबे। 

नक्सली मनके विरूद्ध अंदरूनी क्षेत्र म नक्सल विरोधी अभियान के साथ-साथ माओवादी मनके विकास विरोधी अउ जनविरोधी चेहरा ल उजागर करना तको जरूरी हावय। इही खातिर माओवादी के विरूद्ध प्रति प्रचार युद्ध (Psyops/Propaganda War) जारी करे जावत हाबे। जेमा बैनर, पोस्टर, लघु चलचित्र, ऑडियो क्लिप, नाच-गाना, गीत-संगीत अउ आन प्रचार प्रसार के माध्यम ले माओवादी मनके काला कारनामा उजागर करे जाही। 

स्थानीय गोंडी भाषा म ‘बस्तर त माटा’  अउ हल्बी भाषा म ‘बस्तर चो आवाज’ के नाम ले शुरू होवत अभियान म बस्तरवासी मनके विचार ल बाहिर के दुनिया तक पहुंचाये जाही। पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज के मुताबिक ये अभियान के माध्यम ले स्थानीय नक्सल मिलिशिया कैडर्स अउ नक्सल सहयोगी मनला को हिंसा छोड़के समाज के मुख्यधारा म शामिल होए अउ आत्मसमर्पण बर तको प्रेरित करे जाही।

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