सीतामढ़ी, रामगढ़, शिवरीनारायण, तुरतरिया, चंदखुरी, राजिम, सिहावा, जगदलपुर अउ रामाराम ह भगवान राम के निशानी : राम वनगमन पर्यटन परिपथ

अंजोर
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रायपुर.19। राम वनगमन पर्यटन परिपथ राज्य सरकार के महत्वाकांक्षी योजना हावय। जेमा वर्तमान म मौजूद धार्मिक स्थल ल जेव के तेव राखत अऊ विकास करे जाही। छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अधिकारी मनके बताये मुताबिक शोधपत्र, अभिलेख अउ मान्यता अनुसार भगवान श्री राम ह वनवास काल के 14 वर्षों म अधिकांश समय छत्तीसगढ़ के गजब अकन ठउर म बिताये हाबे। छत्तीसगढ़ शासन कोति ले छत्तीसगढ़ के संस्कृति, परंपरा, ऐतिहासिक अउ प्रचीन मान्यता ले पर्यटक मनला जनाये खातिर राम वनगमन परिपथ के विकास के योजना म बुता करत हाबे। 

राम वनगमन पर्यटन परिपथ ल विकसित करे खातिर पहिली चरण म 9 ठउर के चयन करे गे हावय। जेमा सीतामढ़ी-हरचौका (कोरिया), रामगढ़ (सरगुजा), शिवरीनारायण (जांजगीर-चांपा), तुरतरिया (बलौदाबाजार), चंदखुरी (रायपुर), राजिम (गरियाबंद), सिहावा-सप्तऋषि आश्रम (धमतरी), जगदलपुर (बस्तर) अउ रामाराम (सुकमा) शामिल हावय। 

छत्तीसगढ़ अवइया देश-विदेश के पर्यटक अउ आगन्तुक मनला राम गमन के आरो देवाये खातिर चयनित 9 ठउर म नया मंदिर निर्माण नइ बनाये जाए बल्कि वर्तमान म मौजूद धार्मिक स्थल, मंदिर अउ आन धार्मिक संरचना ल यथावत राखत परिसर अउ आस-पास के स्थान म  पर्यटक मनके सरी सुविधा के विकास करे जाही।

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