ढोलकाल गणेश : दंतेवाड़ा वनांचल के अद्भुत साहसिक पयर्टन अउ धार्मिक स्थल

अंजोर
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पयर्टन। छत्तीसगढ़ म तइहा के, जुन्ना पुरखौती चिन्हा के गजब ठऊर हाबे जेला देखके आज  भी अपन पुरखा ऊपर गरब होथे। फेर जादा आवाजाही के साधन नइ होए के सेती आज भी आन मनखे बन बर अनचिन्हार हावय। सबले जादा अबूझ तो वनांचल जिला मनके हावय। जेमा से जिला दंतेवाड़ा तको प्रकृति के कोरा म बसे गजब रोचक अउ खुबसूरत अंचल आए।

अलग राज्य बने के बाद गजब अकन ठऊर म पयर्टन ल बढ़़ावा दे खातिर प्रशासन ह चेत करत हाबे। दुर्गम पहाड़ी के साहसिक पयर्टन म दंतेवाड़ा के तुलर गुफा, हांदावाडा, झिरका, झारलावा, फुलपाड अउ ढोलकाल म तको स्थानीय लोगन के मदद ले पहुंचे जा सकत हावय। भविष्य म प्रशासन येला अऊ सुगम बनाये के उदीम म लगे हावय।  

दंतेवाड़ा के सबसे सा‍हसिक पटर्यन अउ धार्मिक ठऊर ढोलकाल गणेश ल माने जाथे। ढोलकाल पर्वत श्रेणी समुद्र तट ले 2994 फीट के ऊंचाई म हावय। इही पहाड़ी के चोटी म भगवान गणेश जी के एक गजब जुन्ना मूर्ति हावय, येकर स्थापना कोन ह कते बखत करे हावय तेकर संबंध म कोनो जानकारी नइये। जिला प्रशासन वेबसाइट ले मिले के आरो मुताबिक पुरातत्व के जानकार मन गणेश प्रतिमा ल 11 वीं सदी के बताये हाबे।  

ढोलकाल पर्वत पहुंचे खातिर छत्तीसगढ़ के जिला मुख्यालय दंतेवाड़ा ले 22 की.मी. सड़क के यात्रा करके ढोलकाल पहुँचे जा सकत हावय, दुर्गम रद्दा के बीच हरियर-हरियर जंगल-झाड़ी अउ सुंदर प्रकृति के नजारा लेवत पर्वत श्रृंखला तक ट्रेकिंग करके पहुंचे ल परथे। प्रशासन को‍ति ले ढोलकाल ल एक पर्यटक स्थल के रूप म विकसित करे जावत हाबे, जिहां आगू प्रशिक्षित पथ दर्शक के अलावा रात विश्राम के व्यवस्था तको करे जाही। 





स्रोत- https://dantewada.nic.in



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