धान के कतार बोनी विधि म कमती लागत, अऊ कम पानी म मिलत हावय बने फसल

अंजोर
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रायपुर.02। धान के कतार बोनी विधि म कम लागत आवत हावय साथ ही कमती पानी म उपज म विशेष प्रभाव नई पड़ हावय। ये विधि ले खेती करे खातिर किसान ल प्रेरित करे जात हावय अउ कतार बोनी विधि ले खेती करे खातिर प्रशिक्षण तको दे जात हावय।
कृषि विज्ञान केंद्र कांकेर कोति ले कम समय म फसल उगाई, कम लागत अउ कम मजदूर के माध्यम ले उन्नत कृषि होवय येकर प्रशिक्षण किसान मनता दे जात हावय। किसान ल बीजहा, उर्वरक, बुवाई यंत्र अउ धान के कतार बोनी विधि के बारे म प्रशिक्षित करे जावत हावय। ये विधि म कम पानी गिरे स्थिति म उपज म विशेष प्रभाव नी पड़य बल्कि सुरू म ही वर्षा जल के सीधा लाभ मिल जाथे। जेकर ले किसान बरसात के पानी म निर्भर नइ राहत बने फसल लेवत होबे। 
कांकेर जिला म उपलब्ध कुल धान के रकबा म लगभग 65 प्रतिशत क्षेत्र म किसान छिटकवां विधि ले धान के बुवाई करत हावय अउ बुवाई के एक महीना बाद बियासी करके धान के निंदाई अउ गुड़ाई करत हाबे। सही समय म कहू पानी नइ गिरे तव बियासी पिछड़ जाथे। जादा बन-बूटा होए म बने खातू नी पाये म सोज्झे फसल म फरक परथे। 
वैज्ञानिक मन बताथे के बीज, उर्वरक, बुवाई यंत्र से बुवाई के बाद नींदानाशक के उपयोग कर खरपतवार ल रोके जा सकथे। ये विधि ले उत्पन्न धान के उपज रोपाई वाले धान के बराबर आथे। कतार बोनी म निंदाई, रोपाई के जरूरत नइ परय। छिटकवा विधि के तुलना म फसल 10-15 दिन जल्दी पाकथे। येकर ले माटी के नमी के उपयोग करत किसान मन आन दूसर फसल तको ले सकत हाबे।

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