हिंदू समाज के सबसे बड़का धार्मिक परब आए नवरात्रि। नवरात्रि ह बच्छ र म दू पइत आथे एक चइत म आथे जेना जवॉरा पाख किथे, दूसर क्वामर म आथे ओला कथे दुर्गा पाख। ए साल दुर्गा पाख माने शारदीय नवरात्रि के सुरुवात 22 सितंबर 2025, सोमवार ले होही। पंचांग के हिसाब ले आश्विन मास के शुक्ल पक्ष के प्रतिपदा तिथि 22 सितंबर राति 1 बज के 23 मिनट ले चालू होही अऊ 23 सितंबर राति 2 बज के 55 मिनट तक रइही। इही दिन ले नव दिन तक दुर्गा दाई अऊ ओकर नव रूप के विशेष पूजा अर्चना होही।
नवरात्रि के मतलब अऊ महत्व-
"नवरात्रि" सब्द ‘नव’ अऊ ‘रात्रि’ (रात) ले बने हवय, जेकर मतलब होथे – नव रात के परब। ए नव दिन म शक्ति साधना करके मनखे अपन जीवन ले नकारात्मकता ला दूर करके सकारात्मक उर्जा पाथे।
- चैत्र अऊ आश्विन नवरात्रि सबले जादा महत्व रखथे।
- चैत्र नवरात्रि ले हिंदू नववर्ष के सुरुवात होथे।
- आश्विन नवरात्रि के समापन दशहरा (विजयादशमी) के रूप म होथे, जिहां बुराई ऊपर अच्छाई के जीत मनाय जाथे।
दुर्गा दाई के नव रूप-
- हर दिन माता दुर्गा के अलग-अलग स्वरूप के पूजा होथे –
1. शैलपुत्री2. ब्रह्मचारिणी3. चन्द्रघंटा4. कूष्माण्डा5. स्कन्दमाता6. कात्यायनी7. कालरात्रि8. महागौरी9. सिद्धिदात्री
पूजा पद्धति अऊ परंपरा-
- हर घर म घटस्थापना (कलश स्थापना) करथें।
- भक्त मन व्रत उपवास करथें।
- दुर्गा सप्तशती अऊ देवी भागवत जइसने ग्रंथ के पाठ होथे।
- कन्या पूजन (कुमारी पूजन) के विशेष महत्व हवय, जिहां नान्हेह ला देवी रूप मानके पूजन अऊ भोजन कराय जाथे।
विशेष तिथि – पंचमी, सप्तमी, अष्टमी अऊ नवमी
सप्तमी – 29 सितंबर 2025
- ए दिन माई दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप के पूजा होथे।
- महासप्तमी पूजन अऊ महाभिषेक के परंपरा हवय।
- बंगाल अऊ पूरब भारत मं प्रतिमा प्राणप्रतिष्ठा अऊ नवपत्रिका स्नान कराय जाथे।
- मंदिरदेवालय मं भारी भीड़ लगथे।
अष्टमी – 30 सितंबर 2025
- अष्टमी म माई दुर्गा के महागौरी स्वरूप के पूजा होथे।
- ए दिन के महाअष्टमी कहिथें।
- कन्या पूजन (कुमारी पूजन) ए दिन के सबसे बड़ परंपरा हवय।
- मंदिर मन म सबसे जादा भीड़ ए दिन उमड़थे।
- अखंड ज्योति जलाय जाय के परंपरा घलो ए दिन मं हवय।
नवमी – 1 अक्टूबर 2025
- नवमी म माई दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप के पूजा करथें।
- महानवमी हवन अऊ यज्ञ के आयोजन होथे।
- जेकर मन अष्टमी म कन्या पूजन नई कर पाथें, वो मन नवमी म पूजन करथें।
- ए दिन नवरात्रि के समापन होथे अऊ दुसर दिन विजयादशमी (दशहरा) मनाय जाथे।
शारदीय नवरात्रि सिरिफ़ धार्मिक आस्था नई, बल्कि सामाजिक अऊ सांस्कृतिक उत्सव घलो आय। छत्तीसगढ़ सहित देश भर के देवी मंदिर मन म पंचमी, सप्तमी, अष्टमी अऊ नवमी के दिन भारी भीड़ उमड़ही। हजारों श्रद्धालु दर्शन अर्चना बर मंदिर जाहीं अऊ माता दुर्गा के आशीर्वाद पाही।
सबो पाठक ल जोहार..,
हमर बेवसाइट म ठेठ छत्तीसगढ़ी के बजाए रइपुरिहा भासा के उपयोग करे हाबन, जेकर ल आन मन तको हमर भाखा ल आसानी ले समझ सके...
छत्तीसगढ़ी म समाचार परोसे के ये उदीम कइसे लागिस, अपन बिचार जरूर लिखव।
महतारी भाखा के सम्मान म- पढ़बो, लिखबो, बोलबो अउ बगराबोन छत्तीसगढ़ी।