बस्तर के विकास के नया अध्याय सुरू हो गे हावय। केंद्र सरकार ह 3513.11 करोड़ रूपिया के लागत ले बने वाला रावघाट-जगदलपुर (140 किमी) नवा रेल लाइन परियोजना ल मंजूरी दे दीस हावय। येकर ले कोंडागांव, नारायणपुर अउ कांकेर जइसे दूरस्थ जनजाति जिला पहिली बार रेल मानचित्र म आही। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ह ए ऐतिहासिक फइसला के खातिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अउ रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के आभार जताइस।
🚆 बस्तर ल जोड़ेगी देश ले – आर्थिक अउ सामाजिक बदलाव के आधारशिला
- ये परियोजना बस्तर अंचल म परिवहन, पर्यटन अउ व्यापार ल नवा दिशा देही।
- खनिज संपदाओं के बढि़या दोहन, स्थानीय जिनिस के पहुँच अउ कृषि व्यापार ल नवा गति मिलही।
- जनजातीय युवा मन ल रोजगार, पर्यटन म स्थानीय सहभागिता अउ राष्ट्रीय बाजार ले सोज जुड़ाव मिलही।
🛤 भूमि अधिग्रहण पूर्णता के तनि – लघियात सुरू होही कार्य
- परियोजना के खातिर भूमि अधिग्रहण लगभग पूरा हो चुके हावय।
- निर्माण बुता लघियात सुरू होके समयसीमा के भीतर पूरा करे जाही।
🛡 नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक कदम
- रेललाइन ले दूरस्थ क्षेत्र म शासन के प्रभावी उपस्थिति स्थापित होही।
- केंद्र सरकार ह मार्च 2026 तक नक्सलवाद के उन्मूलन के लक्ष्य रखे हावय।
- ये परियोजना शांति, सुरक्षा अउ विकास के नवा त्रिकोण ल सशक्त बनाएगी।
🌄 बस्तर के नवा पहचान: विकास के धरती
- रावघाट-जगदलपुर रेललाइन सिरिफ एक ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि बस्तर के खातिर नवा जीवनरेखा हावय।
- बस्तर अब निरादर अउ हिंसा के चिन्हारी नहीं, बल्कि मउकाों अउ उन्नति के भूमि बनही।
- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के अगुवई म छत्तीसगढ़ सरकार समावेशी अउ संवेदनशील प्रशासन के मिसाल कायम करत हावय।
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